हरिद्वार: रानीपुर मोड़ स्थित चंद्राचार्य चौक पर भगवान श्रीचंद्र की मूर्ति हटाए जाने का संतों ने विरोध शुरू कर दिया है. धरने पर बैठे संतों को मनाने के लिए रविवार को मेलाधिकारी दीपक रावत पहुंचे. उन्होंने संतों को मनाने की कोशिश की लेकिन संत नहीं माने. संतों का कहना है कि जब तक मूर्ति की फिर से स्थापना नहीं हो जाएगी. तब तक वह नहीं हटेंगे.
बता दें, हरिद्वार में होने वाले कुंभ से पहले 16 चौराहों का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है, जिसके तहत चार दिन पूर्व रातों-रात चौराहे से भगवान श्रीचंद्र की प्रतिमा हटा दी गई थी. जिसके बाद बड़ा उदासीन अखाड़ा के संत नाराज होकर धरने पर बैठ गए. रविवार को मेलाधिकारी दीपक रावत संतों को मनाने पहुंचे, लेकिन संत नहीं माने.
बड़ा उदासीन अखाड़ा के महंत महेश्वर का कहना था कि भगवान श्रीचंद्र उनके ईष्ट देव हैं. यह सीधे-सीधे उनके ईष्ट देव का अपमान है. लिहाजा, चौराहे पर तुरंत भगवान श्रीचंद्र की मूर्ति लगवाई जाए. मूर्ति अखाड़े को बिना विश्वास में लिए किन परिस्थितियों में हटाई गई, इसकी भी उच्चस्तरीय जांच की जाए. साथ ही उनका कहना है कि जब तक मूर्ति नहीं लगाई जाएगी वो नहीं हटेंगे.
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मौके पर पहुंचे मेलाधिकारी दीपक रावत ने संतों को मनाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि जल्द ही भगवान श्रीचंद की प्रतिमा यहां पर लगाई जाएगी. यही नहीं किन परिस्थितियों में रातों-रात मूर्ति हटाई गई इसकी भी उच्च स्तरीय जांच भी कराई जाएगी.