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Somvati Amavasya 2023: सोमवती अमावस्या के दुर्लभ योग पर गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला, 4 लाख लोगों ने किया गंगा स्नान - Somvati Amavasya in Haridwar

सोमवती अमावस्या पर सुबह से गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. श्रद्धालु गंगा स्नान कर दान पुण्य किया. वहीं इस बार सोमवती अमावस्या पर 19 साल बाद एक दुर्लभ योग बन रहा है, जिससे पर्व की महत्ता बढ़ गई है.

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Published : Jul 17, 2023, 10:10 AM IST

Updated : Jul 18, 2023, 12:26 PM IST

सोमवती अमावस्या पर गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला

हरिद्वार: हिंदू धर्म में सावन मास की अमावस्या पर पूजा, अनुष्ठान विशेष फलदायी बताया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सभी मनोरथ पूरे होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. वहीं सोमवती अमावस्या के इस पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार में सभी गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहीं, सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर सायं गंगा आरती तक लगभग चार लाख पच्चीस हजार श्रद्धालुओं ने मां गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया.

19 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग: गौर हो कि सोमवार को अमावस्या पड़ने का खास महत्व होता है. सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी और जीवनदायी है और उस पर सावन में सोमवती अमावस्या पड़ने का दुर्लभ योग बन रहा है. यह योग करीब 19 साल बाद बना है. सोमवती अमावस्या पर सिद्ध योग के कारण हरिद्वार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.
पढ़ें- हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला,धर्मनगरी में चारों तरफ बम-बम भोले की गूंज

पितरों के निमित्त पूजा का महत्व: श्रद्धालु गंगा स्नान कर दान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं. मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. साथ ही श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर पितरों के निमित्त पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति बनी रहती है.

पर्व पर गंगा स्नान का खास महत्व: पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है. लेकिन सोमयुता अर्थात सोमवती अथवा भोमयुता अर्थात भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते है कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में स्वयं भीष्म पितामह ने अपनी शरशैया पर पड़े रहते हुए इंतजार किया था. सोमवती अमावस्या के पर गंगा स्नान करना व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान फल दे देता है.
पढ़ें- पौराणिक छड़ी यात्रा पहुंची मनसा देवी मंदिर, विधि-विधान से हुई पूजा

व्यक्ति की हर मनोकामना होती है पूरी: आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण, श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना, उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर लें, तो व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे. गंगा आदि पवित्र नदियों में आज के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है. आज ब्रह्मकुंड में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. आज के दिन दान-पुण्य का भी खास महत्व है.

वहीं सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. मेला क्षेत्र को 11 सुपर जोन, 22 जोन और 69 सेक्टर में बांट कर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

सोमवती अमावस्या पर गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला

हरिद्वार: हिंदू धर्म में सावन मास की अमावस्या पर पूजा, अनुष्ठान विशेष फलदायी बताया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सभी मनोरथ पूरे होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. वहीं सोमवती अमावस्या के इस पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार में सभी गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहीं, सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर सायं गंगा आरती तक लगभग चार लाख पच्चीस हजार श्रद्धालुओं ने मां गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया.

19 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग: गौर हो कि सोमवार को अमावस्या पड़ने का खास महत्व होता है. सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी और जीवनदायी है और उस पर सावन में सोमवती अमावस्या पड़ने का दुर्लभ योग बन रहा है. यह योग करीब 19 साल बाद बना है. सोमवती अमावस्या पर सिद्ध योग के कारण हरिद्वार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.
पढ़ें- हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला,धर्मनगरी में चारों तरफ बम-बम भोले की गूंज

पितरों के निमित्त पूजा का महत्व: श्रद्धालु गंगा स्नान कर दान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं. मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. साथ ही श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर पितरों के निमित्त पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति बनी रहती है.

पर्व पर गंगा स्नान का खास महत्व: पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है. लेकिन सोमयुता अर्थात सोमवती अथवा भोमयुता अर्थात भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते है कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में स्वयं भीष्म पितामह ने अपनी शरशैया पर पड़े रहते हुए इंतजार किया था. सोमवती अमावस्या के पर गंगा स्नान करना व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान फल दे देता है.
पढ़ें- पौराणिक छड़ी यात्रा पहुंची मनसा देवी मंदिर, विधि-विधान से हुई पूजा

व्यक्ति की हर मनोकामना होती है पूरी: आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण, श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना, उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर लें, तो व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे. गंगा आदि पवित्र नदियों में आज के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है. आज ब्रह्मकुंड में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. आज के दिन दान-पुण्य का भी खास महत्व है.

वहीं सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. मेला क्षेत्र को 11 सुपर जोन, 22 जोन और 69 सेक्टर में बांट कर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

Last Updated : Jul 18, 2023, 12:26 PM IST
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