हरिद्वारः गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए लंबे समय से आंदोलन चला रही संस्था मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने सन्यासियों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही प्रयागराज में सम्पन्न हुए कुंभ को लेकर अखाड़ा परिषद और सरकार को आड़े हाथों लिया. बता दें गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए पिछले 187 दिनों से ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार के साथ ही संत समाज भी इस ओर आंखे मूंदे हुए हैं.
अखाड़ा परिषद पर निशाना साधते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि जिस अखाड़ा परिषद का गठन धर्म की रक्षा के लिए हुआ था आज वह धर्म का नाश कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ को लेकर तमाम दावे किए जाते हैं कि यह एक दिव्य कुंभ था, लेकिन प्रयागराज में धर्म नाम की कोई चीज नहीं थी.
स्वामी शिवानंद ने प्रयागराज कुम्भ पर निशाना साधते हुए कहा की कुंभ में आम आदमियों को दरकिनार कर सारा ध्यान वीआईपी पर दिया गया था. आज तक किसी कुंभ में इतने वीआईपी की भरमार नहीं रही जितनी इसमें थी.
स्वामी शिवानंद ने कहा कि इस कुंभ में जल को शुद्ध दिखाने के लिए क्लोरीन का प्रयोग किया गया जिससे मछलियां मर गईं. साधु संतों पर निशाना साधते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि साधु संतों को गंगा की कोई समझ नहीं है वो केवल धन कमाने के काम में लगे हुए हैं.
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स्वामी शिवानंद ने साधु संतों को नसीहत देते हुए कहा कि पैसे का मोह छोड़कर धर्म में ध्यान दें. बता दें अभी कुछ दिन पूर्व भी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने भी एक बयान देते हुए कहा था कि इस बार प्रयागराज में हुआ कुंभ बड़ा ही दिव्य और भव्य रहा था.