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तीसरी संतान के बाद पद से हटाई गईं सभासद दोबारा करेंगी अपील, कार्रवाई पर उठाए सवाल - Laksar councilor neeta panchal

लक्सर नगर पालिका की सभासद को हाईकोर्ट के आदेश पर पद से हटा दिया है. सभासद नीता पांचाल को तीसरी संतान को जन्म देने के बाद पद से हटाया गया है. इस पर उन्होंने कई सवाल उठाए हैं.

Laksar councilor neeta panchal
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Published : Jul 16, 2021, 2:04 PM IST

Updated : Jul 16, 2021, 2:18 PM IST

लक्सर: तीसरी संतान को जन्म देने के बाद पद से हटाई गई नगर पालिका की सभासद ने कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि शासन की कार्रवाई को लेकर वह दोबारा से अपील करेंगी. उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट की भी शरण लेने की बात उन्होंने कही है.

बता दें, लक्सर नगर के वार्ड- 4 की सभासद नीता पांचाल ने दूसरी बार निर्वाचित होने के बाद तीसरी संतान को जन्म दिया था. मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कराने के बाद शासन ने हाल ही में उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं. नीता पांचाल ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि वार्ड में राशन की कालाबाजारी के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई थी, इसी के चलते उनके खिलाफ शिकायत की गई है.

पढ़ें- 'बीज बचाओ आंदोलन' के कर्मवीर जड़धारी, 350 से अधिक बीजों का किया संरक्षण

नीता पांचाल ने कहा कि नियमानुसार निर्वाचित होने के 300 दिनों के भीतर तीसरा बच्चा होने पर सदस्यता समाप्त की जा सकती है, जबकि उन्होंने 373 दिनों के बाद तीसरी संतान को जन्म दिया. उनको सभासद बने करीब तीन साल का समय हो गया. उन्होंने जांच के दौरान जो प्रमाण प्रस्तुत किए थे, उन पर सुनवाई नहीं की गई है. वह शासन में दोबारा से अपने आदेश पर विचार करने की अपील करेंगी. इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर वह कोर्ट की शरण भी लेंगी.

पूरा मामला: क्सर नगर पालिका की वार्ड नंबर 4 की सभासद नीता पांचाल की सदस्यता तीसरी संतान होने पर समाप्त कर दी गई है. सचिव शहरी विकास शैलेंद्र बगौली ने इसको लेकर आदेश जारी किया था. ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के लिए 2 जुलाई 2002 से अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है.

प्रदेश में नगर निकाय और पंचायतों में ऐसे व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, जिनकी 2 जुलाई 2002 के बाद तीसरी संतान हुई हो. जबकि वार्ड नंबर 4 की सभासद नीता पांचाल के नगरपालिका परिषद के चुनाव के समय 20 अगस्त 2018 में दो ही बच्चे थे. जबकि, 2 सितंबर 2018 में बोर्ड की सदस्यता पाने के बाद 1 साल के भीतर ही उनको तीसरा बच्चा हुआ. ऐसे में उनके खिलाफ निर्वाचन की शर्त का उल्लंघन करने की शिकायत जिलाधिकारी हरिद्वार के पास पहुंची थी.

जिलाधिकारी ने मामले में जांच उप जिलाधिकारी लक्सर और नगर पालिका परिषद के जरिए कराई, जिसमें तत्कालीन उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी गोहर हयात ने शिकायत सही पाने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी थी. बता दें कि, नगर पालिका परिषद अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार पद ग्रहण के 300 दिन की अवधि के भीतर तीसरे बच्चे का जन्म होने पर सदस्यता वैध नहीं मानी जाती है. इसके बाद शहरी विकास विभाग ने जिलाधिकारी हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर नीता पांचाल की सदस्यता समाप्त कर दी.

लक्सर: तीसरी संतान को जन्म देने के बाद पद से हटाई गई नगर पालिका की सभासद ने कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि शासन की कार्रवाई को लेकर वह दोबारा से अपील करेंगी. उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट की भी शरण लेने की बात उन्होंने कही है.

बता दें, लक्सर नगर के वार्ड- 4 की सभासद नीता पांचाल ने दूसरी बार निर्वाचित होने के बाद तीसरी संतान को जन्म दिया था. मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कराने के बाद शासन ने हाल ही में उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं. नीता पांचाल ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि वार्ड में राशन की कालाबाजारी के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई थी, इसी के चलते उनके खिलाफ शिकायत की गई है.

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नीता पांचाल ने कहा कि नियमानुसार निर्वाचित होने के 300 दिनों के भीतर तीसरा बच्चा होने पर सदस्यता समाप्त की जा सकती है, जबकि उन्होंने 373 दिनों के बाद तीसरी संतान को जन्म दिया. उनको सभासद बने करीब तीन साल का समय हो गया. उन्होंने जांच के दौरान जो प्रमाण प्रस्तुत किए थे, उन पर सुनवाई नहीं की गई है. वह शासन में दोबारा से अपने आदेश पर विचार करने की अपील करेंगी. इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर वह कोर्ट की शरण भी लेंगी.

पूरा मामला: क्सर नगर पालिका की वार्ड नंबर 4 की सभासद नीता पांचाल की सदस्यता तीसरी संतान होने पर समाप्त कर दी गई है. सचिव शहरी विकास शैलेंद्र बगौली ने इसको लेकर आदेश जारी किया था. ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के लिए 2 जुलाई 2002 से अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है.

प्रदेश में नगर निकाय और पंचायतों में ऐसे व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, जिनकी 2 जुलाई 2002 के बाद तीसरी संतान हुई हो. जबकि वार्ड नंबर 4 की सभासद नीता पांचाल के नगरपालिका परिषद के चुनाव के समय 20 अगस्त 2018 में दो ही बच्चे थे. जबकि, 2 सितंबर 2018 में बोर्ड की सदस्यता पाने के बाद 1 साल के भीतर ही उनको तीसरा बच्चा हुआ. ऐसे में उनके खिलाफ निर्वाचन की शर्त का उल्लंघन करने की शिकायत जिलाधिकारी हरिद्वार के पास पहुंची थी.

जिलाधिकारी ने मामले में जांच उप जिलाधिकारी लक्सर और नगर पालिका परिषद के जरिए कराई, जिसमें तत्कालीन उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी गोहर हयात ने शिकायत सही पाने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी थी. बता दें कि, नगर पालिका परिषद अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार पद ग्रहण के 300 दिन की अवधि के भीतर तीसरे बच्चे का जन्म होने पर सदस्यता वैध नहीं मानी जाती है. इसके बाद शहरी विकास विभाग ने जिलाधिकारी हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर नीता पांचाल की सदस्यता समाप्त कर दी.

Last Updated : Jul 16, 2021, 2:18 PM IST
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