हरिद्वार: औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल (Haridwar Sidcul) को न केवल प्रदेश बल्कि देश में एक मिसाल कायम करने के हिसाब से डिजाइन और तैयार किया गया था. कुछ सालों तक सिडकुल अन्य प्रदेशों के लिए एक मिसाल था, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ कुछ उद्योगपतियों की मनमानी अब सिडकुल पर भारी पड़ने लगी है. सिडकुल को हरा-भरा बनाए रखने के लिए इकाइयों के बाहर तैयार की गई ग्रीन बेल्ट (Haridwar Sidcul Green Belt) पर अब कई औद्योगिक इकाइयों ने न केवल कब्जा कर लिया है, बल्कि इसे अवैध रूप से अपनी पार्किंग (Parking in Sidewalk Green Belt) बना दिया है. इन इकाइयों की मनमानी के आगे जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं.
ऐसा लगता है कि सिडकुल की बड़ी-बड़ी कंपनियां चलाने वाले उद्योगपति कानून को अपने ठेंगे पर रखे हुए हैं. इसी बात का के पुख्ता प्रमाण अब सिडकुल से गुजरने वाले हर व्यक्ति के सामने है. यहां पर बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा एनजीटी के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. अवैध रूप से ग्रीन बेल्ट को पार्किंग बना दिया गया है.
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हरिद्वार जिले के सिडकुल में ग्रीन बेल्ट के लिए भूमि आरक्षित की गई है. ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे लेकिन इस भूमि पर बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने कब्जा कर ग्रीन बेल्ट में अवैध तरीके से पार्किंग बना डाली है. कई बार नोटिस जाने के बाद भी कंपनी संचालकों की मनमानी लगातार जारी है. लाइन में लगी गाड़ियां साफ देखी जा सकती हैं. दरअसल, इन गाड़ियों को अवैध तरीके से उस जगह पर खड़ा कराया जाता है जिसे ग्रीन बेल्ट कहा जाता है. कागजों में तो इन फैक्ट्रियों के बाहर बना यह स्थान अभी भी ग्रीन बेल्ट है और वहां पर हरे-भरे पौधे लगे हुए हैं. लेकिन वास्तविकता कागजों पर किए गए दावों से बिल्कुल उलट है.
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कुछ कंपनियां दिखा रही आइना: ग्रीन बेल्ट को तबाह कर वहां पर पार्किंग बनाने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों को कुछ छोटी कंपनियां आइना भी दिखा रही हैं हीरो ग्रुप की सिस्टर कंसर्न रॉक मैन और उसके आसपास की कई इकाइयों ने अपने यहां ग्रीन बेल्ट को न केवल सजाया हुआ है, बल्कि उसकी सुंदरता को और बढ़ाया जा रहा है. यहां पर पार्किंग के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, आगे पूरी तरह से हरा-भरा माहौल है.
हैरानी इस बात की है कि हरिद्वार के सभी बड़े अधिकारी रोजाना इसी सड़क और इसके आसपास से होकर गुजरते हैं. लेकिन उन्हें ये नजर नहीं आ रहा है. सवाल यह है कि एनजीटी के नियमों का उल्लंघन किसकी शह पर हो रहा है ? क्या जिले के अधिकारी इसमें उद्योगपतियों का सहयोग कर रहे हैं? क्या इस अवैध पार्किंग के नाम पर अधिकारी अवैध वसूली कर रहे हैं? ये तमाम सवाल हैं जिनके जवाब सामने आने बेहद जरूरी हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी: एसडीएम पूरन सिंह राणा (Haridwar SDM Puran Singh Rana) का कहना है कि इस संबंध में आरएम सिडकुल से तत्काल इस बात की जांच कराई जाएगी कि औद्योगिक क्षेत्रों में पब्लिक यूटिलिटी वाले रास्तों पर कहां-कहां अतिक्रमण किया गया है. जिसके बाद संबंधित धाराओं में मुकदमा भी दर्ज हो सकता है सकता है.