हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शनिवार को हरिद्वार भ्रमण पर रहे. उन्होंने हरकी पैड़ी का पूजन करने के बाद कुंभ मेले के लिए बनाए गए मीडिया सेंटर में करीब 130 करोड़ लागत की योजनाओं का शिलान्यास किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात का भी खुलासा कर दिया कि आखिरकार उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के विकास प्राधिकरण के फैसले को क्यों बदला है.
दरअसल, तीरथ सिंह रावत ने पहली कैबिनेट में ही त्रिवेंद्र सरकार के इस फैसले को बदल दिया था, जिसमें उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भी जिला विकास प्राधिकरण की स्थापना करवाने की बात की गई थी. तीरथ सिंह रावत ने अब खुलकर इस बारे में बात की.
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दोस्त के सुनाया किस्सा
सीएम ने अपने संबोधन के दौरान मंच से बताया कि उनका एक दोस्त नोएडा से हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्र में रहने आया था. वह लगातार उनके फोन पर संपर्क में रहता था. वह ग्रामीण क्षेत्र में ही अपना घर बनवाना चाहता था, लेकिन जब उसने घर बनाना शुरू किया तो हर रोज उसके घर पर जिला विकास प्राधिकरण के लोग आ जाते थे. कभी कोई पेपर, कभी कोई फॉर्मेलिटी तो कभी कोई जरूरत पूरी करने में उसका इतना पैसा खर्च हो गया जितने पैसे में घर का कुछ हिस्सा खड़ा हो सकता था.
ये बात जब तीरथ को पता चली को उन्होंने सोचा कि जिला विकास प्राधिकरण आखिरकार है किस लिए. इसलिए सीएम बनते ही जैसे ही पहली कैबिनेट हुई, सबसे पहले यही निर्णय लिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में और पर्वतीय क्षेत्रों में से विकास प्राधिकरण को हटाया जाए, क्योंकि इन दोनों ही जगहों पर इस विभाग का कोई मतलब नहीं है.
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किस्सेवाले मुख्यमंत्री बने तीरथ
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को किस्से वाला मुख्यमंत्री कहा जाए तो गलत नहीं होगा. तीरथ सिंह रावत जब भी संबोधन के लिए खड़े होते हैं तो किस्से सुनाने लगते हैं. ऐसे ही कुछ किस्से सुनाते हुए ही उन्होंने लड़कियों के फटी जींस पहनने पर आपत्ति उठाई थी और बड़े विवाद में फंस गए थे.
वहीं, शनिवार को विकास प्राधिकरण को ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्र से हटाने को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा एक किस्सा और सुनाया गया और इस किस्से में उनका एक दोस्त सामने निकल कर आये, जिसकी पीड़ा के बाद तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री का पद संभालते ही सबसे पहले जिला विकास प्राधिकरण को ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्र से हटाया.