हरिद्वार: श्री जयराम आश्रम (Shri Jairam Ashram) के संस्थापक देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की अष्टादश पुण्यतिथि (Devendra Swaroop Brahmachari death anniversary) पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने दिवंगत संत को पुष्पांजलि अर्पित की. इस दौरान सीएम के साथ कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक भी नजर आए. इस कार्यक्रम के बाद सीएम ज्वालापुर के पांडेवाला में पंचायती धड़ा फिरहेडियान द्वारा आयोजित प्रसिद्ध गुघाल मेले (famous gughal fair) में शामिल हुए.
श्री जयराम आश्रम भीमगोडा में ब्रह्मलीन संत देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की पुण्यतिथि आयोजित की गई. इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ब्रह्मलीन संत देवेंद्र स्वरूप को श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में योग गुरु बाबा रामदेव भी संतों की कतार में बैठे नजर आए. हर साल श्री जयराम आश्रम अपने संत की पुण्यतिथि पर इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित करता आया है.
काफी दिनों बाद दिखे मदन कौशिक: चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार हरिद्वार में अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे, लेकिन लगभग सभी कार्यक्रमों में हरिद्वार विधायक मदन कौशिक गायब नजर आए. जिसको लेकर मुख्यमंत्री भी कहीं ना कहीं मदन कौशिक से नाराज चल रहे थे, लेकिन आज जयराम आश्रम में हुई श्रद्धांजलि सभा में मदन कौशिक धामी के साथ कैमरे में कैद हुए. हालांकि, इस दौरान मुख्यमंत्री और विधायक के बीच किसी तरह की कोई बातचीत होती नजर नहीं आई.
ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी: 6 करोड़ की लागत से बनने वाले पार्किंग का भूमि पूजन
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा श्री जयराम आश्रम के संस्थापक और शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया में कई संस्थान स्थापित करने वाले प्रेरणा के स्रोत देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने आया हूं. आज उनकी पुण्यतिथि पर हमने प्रण लिया है कि आध्यात्मिक, धार्मिक क्षेत्र के साथ धार्मिक पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में हम लगातार काम करेंगे. ऐसे महापुरुषों के यह दिवस हमें प्रेरणा प्रदान करते हैं.
संस्था के अध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी ने 70 साल सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में हरिद्वार, ऋषिकेश सहित देश के विभिन्न इलाकों में समाज की सेवा की. शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए. उन्होंने जगह-जगह स्कूल कॉलेजों का निर्माण कराया. इसके अलावा अस्पताल स्थापित किए. संस्कृत और संस्कृति के लिए लगातार काम किया.
उन्होंने कहा देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं. संतों के कार्यों से प्रेरणा लेना भी राजसत्ता का धर्म है. हम संस्कृत और संस्कृति शिक्षा का प्रचार प्रसार, देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध है.