लक्सर: रुड़की निवासी आरके त्यागी ने लक्सर न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उनकी आरके त्यागी एंड संस के नाम से फर्म है. 30 जुलाई 2015 में उन्होंने स्टोन क्रशर के लाइसेंस हेतु अपनी फर्म से संबंधित समस्त दस्तावेज खनन विभाग हरिद्वार में जमा किए थे और लक्सर तहसील के भोगपुर में स्टोन क्रशर लगाने का काम शुरू किया था. लेकिन बाद में बैंक से लोन न मिलने पर उनका काम बीच में रुक गया.
इस दौरान हरियाणा में छत्तीसगढ़ से आए चार लोगों ने खनन विभाग से साठगांठ कर उनकी फर्म के फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपनी पार्टनरशिप दिखा दी. इसके बाद उक्त लोगों ने भोगपुर में उनके स्टोन क्रशर की जमीन पर फर्जी दस्तावेज से खनन सामग्री भंडारण का पट्टा स्वीकृत करा लिया. साथ ही कनखल हरिद्वार स्थित बैंक में उनके फर्जी हस्ताक्षर से खाता खोलकर लेनदेन भी किया. खनन भंडारण पर हुई कार्रवाई के बाद नोटिस मिलने पर उन्हें मामले की जानकारी हुई.
पढ़ें: देहरादून-मसूरी मार्ग की हरियाली में लगा ग्रहण, बेतरतीब फैल रहा क्रंकीट का जंगल
उनके द्वारा बैंक अधिकारियों को शिकायत करने पर बैंक ने फर्म का खाता फ्रीज कर दिया है. इसके बाद उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिस पर उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी.
न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए लक्सर कोतवाली पुलिस को आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. जिस पर पुलिस ने आरोपित दिलबाग सिंह और कुलवीर सिंह निवासी कुंभाखेड़ा थाना बरनाला जनपद हिसार हरियाणा तथा बरनाला थाने के ही बातम गांव निवासी प्रताप सिंह और दुर्ग (छत्तीसगढ़) के पदनामपुर निवासी आनंद बग्गा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. कोतवाल यशपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.