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गंगा से संबंधित मांगों को लेकर अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद

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Published : Feb 23, 2021, 12:29 PM IST

Updated : Feb 23, 2021, 2:15 PM IST

हरिद्वार में गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए काम करने वाली संस्था मातृ सदन ने एक बार फिर से अनशन की घोषणा कर दी है. मातृ सदन में परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद के शिष्य ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन पर बैठ गए हैं.

brahmachari-atmabodhanand
ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद

हरिद्वार: गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए काम करने वाली संस्था मातृ सदन ने एक बार फिर से अनशन की घोषणा कर दी है. मातृ सदन में परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद के शिष्य ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन पर बैठ गए हैं. यह घोषणा मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने की.

गंगा से संबंधित मांगों को लेकर अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद.


स्वामी शिवानंद का कहना है कि गंगा स्वच्छता से जुड़ी इस बार उनकी सरकार से प्रमुख चार मांगें हैं. इनमें गंगा और उसकी सहायक नदियों और प्रस्तावित सभी परियोजनाओं पर रोक, रायवाला से रायघाटी तक खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के गंगा एक्ट के गठन और गंगा परिषद बनाए जाने की मांग प्रमुख है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा है.

पढ़ें: ऋषि गंगा झील पर क्विक डिप्लॉयेबल एंटेना सिस्टम स्थापित, रियल टाइम होगी मॉनिटरिंग

गौरतलब है कि, ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने पूर्व में भी 194 दिन का अनशन किया था. सरकार द्वारा मांगें पूरी करने के आश्वासन के बाद ही उन्होंने अनशन तोड़ा था. स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा गंगा और उत्तराखंड की नदियों पर जो बांध बनाकर पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ा जा रहा है उसी का नतीजा है कि उत्तराखंड में आए दिन आपदाएं आ रही हैं.

हरिद्वार: गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए काम करने वाली संस्था मातृ सदन ने एक बार फिर से अनशन की घोषणा कर दी है. मातृ सदन में परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद के शिष्य ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन पर बैठ गए हैं. यह घोषणा मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने की.

गंगा से संबंधित मांगों को लेकर अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद.


स्वामी शिवानंद का कहना है कि गंगा स्वच्छता से जुड़ी इस बार उनकी सरकार से प्रमुख चार मांगें हैं. इनमें गंगा और उसकी सहायक नदियों और प्रस्तावित सभी परियोजनाओं पर रोक, रायवाला से रायघाटी तक खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के गंगा एक्ट के गठन और गंगा परिषद बनाए जाने की मांग प्रमुख है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा है.

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गौरतलब है कि, ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने पूर्व में भी 194 दिन का अनशन किया था. सरकार द्वारा मांगें पूरी करने के आश्वासन के बाद ही उन्होंने अनशन तोड़ा था. स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा गंगा और उत्तराखंड की नदियों पर जो बांध बनाकर पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ा जा रहा है उसी का नतीजा है कि उत्तराखंड में आए दिन आपदाएं आ रही हैं.

Last Updated : Feb 23, 2021, 2:15 PM IST
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