हरिद्वार: हरिद्वार महाकुंभ आज अंतिम शाही स्नान के साथ ही संपन्न हो जायेगा. महाकुंभ संपन्न होने से ठीक एक दिन पहले वैष्णव संतों ने एक बड़ा निर्णय लिया और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होने का ऐलान कर दिया. बैरागी अखाड़े ने अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया. श्री पंच दिगम्बर अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्री महंत रामकृष्ण दास नगरिया को नवगठित अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है.
गौर हो कि श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्री महंत राजेंद्र दास महाराज को राष्ट्रीय महामंत्री, श्री पंच निर्वाणी अणि को श्रीपंच निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष, श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज को राष्ट्रीय महामंत्री, श्रीपंच निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्री महंत धर्मदास महाराज को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष तथा निर्वाणी अणि अखाड़े के राष्ट्रीय महासचिव महंत गौरीशंकर दास महाराज को राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोनीत किया गया है.
बता दें कि हरिद्वार के बैरागी कैंप स्थित दिगंबर अखाड़े में तीनों वैष्णव अखाड़ों के पदाधिकारियों तथा बैरागी संतों की बैठक हुई, जिसमें विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होने और अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का फैसला लिया गया. फैसले की जानकारी देते हुए वैष्णव अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास महाराज ने बताया कि लंबे समय से वैष्णव अखाड़ों की अलग अखाड़ा परिषद के गठन पर विचार किया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में गिनती के लिए 13 अखाड़े हैं, लेकिन वैष्णव अखाड़ों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा था. संन्यासी अखाड़े कभी वैष्णव अखाड़ों के साथ नहीं आए. हरिद्वार कुंभ में जिस प्रकार का व्यवहार वैष्णव अखाड़ों के साथ किया गया, उससे आहत होकर अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि वैष्णव अखाड़ों के साथ अबतक जो अन्याय हुआ है, उसे जोर-शोर से उठाया जाएगा. कुंभ समाप्ति की घोषणा करने के बाद अब संन्यासी अखाड़े किस मुंह से शाही स्नान की बात कर रहे हैं.
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अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि पूरा साधु समाज आपस में गुरू भाई है, लेकिन अधिकारों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. वैष्णव संप्रदाय का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संन्यासी अखाड़ों द्वारा वैष्णव अखाड़ों के साथ जो व्यवहार किया गया, उससे आहत होकर ही ये निर्णय लिया गया है. जहां कहीं भी वैष्णव संप्रदाय के अधिकारों का हनन होगा पुरजोर तरीके से आवाज उठाई जाएगी.
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अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि रामजन्म भूमि ट्रस्ट में वैष्णव संप्रदाय को कोई स्थान नहीं दिया गया. केवल संन्यासी अखाड़ा को ही ट्रस्ट में रखा गया है. इस संबंध में अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद पूरे देश में आवाज उठाएगी. इस संबंध में जल्द ही अयोध्या में बैठक का आयोजन भी किया जाएगा.
अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए गए श्री महंत कृष्णदास नगरिया बाबा ने कहा कि बैरागी संतों के हित के लिए वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा लगातार बैरागी संतों को उपेक्षित कर सौतेला व्यवहार किया जा रहा था. जिससे क्षुब्ध होकर समस्त वैष्णव संप्रदाय ने यह निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि वैष्णव संप्रदाय के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करते हुए वैष्णव संप्रदाय को उन्नति की ओर अग्रसर किया जाएगा.