हरिद्वार: बाबरी विध्वंस केस में 28 वर्षों के बाद फैसला आ गया. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने केस का फैसला 2000 पन्नों में लिखा. जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला पढ़ा. उन्होंने कहा कि घटना सुनियोजित नहीं थी. किसी भी आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इसलिए सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी किया जाता है.
हरिद्वार के साधु-संतों ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए ही उस विवादित ढांचे की ढहाया गया. बाबर ने राम मंदिर तोड़कर वहां मस्जिद बनवा दी थी. लेकिन जन उन्माद में इसे तोड़ दिया गया. साधु संतों ने आरोपी बनाए गए सभी लोगों को धर्म योद्धा बताया और कहा कि धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने उस ढांचे को तोड़ा.
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आज कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इससे पूरे देश के साथ ही संत समाज भी उत्साहित है और वो कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं. वहीं मीडिया को जारी अपने बयान में विश्व हिंदू परिषद की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि रामजी का काम लोगों ने किया. आज पूरे विश्व को पता चल गया है कि सच परेशान हो सकता है लेकिन कभी पराजित नहीं होता.