हरिद्वार: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में लोग सूरज की तपिश से परेशान हैं. वहीं लू ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. हरिद्वार में गर्मी चरम पर है, यहां बुधवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में भी गरमी से निजात नहीं मिलने वाली है.
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इन दिनों लू की वजह से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आज हम आपको लू से बचने के उपाय या लू के दौरान बरतने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं. आयुर्वेद के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति मौसम के अनुरूप अपनी दिनचर्या और खानपान में कुछ परिवर्तन कर ले तो कई बीमारियों से बचा जा सकता हैं. आयुर्वेद में गर्मी से बचने के लिए कुछ टिप्स बताए गए है. डॉ. वंदना श्रीवास्तव और डॉ. ओपी शर्मा ने इससे जुड़़ी कुछ अहम जानकारियां दी. जिससे आप लू से बच सकते है.
तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करें
डॉक्टरों के मुताबिक गर्मी और लू से बचने के लिए आपको तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करना चाहिए, जैसे नीबू पानी और शिकंजी. इसके अलावा पारंपरिक तौर पर गर्मी के समय आम का पन्ना, सत्तू आदि पीने का रिवाज है. क्योंकि इससे तपती गर्मी में तबीयत अच्छी रहती है.
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सत्तू को पिया और खाया दोनों जा सकता है, साथ ही अगर उसमें सेंधा नमक, भुना जीरा पाउडर और पुदीने के पत्ते का प्रयोग करें तो सत्तू और भी ज्यादा फादेमंद हो जाता है. साथ ही ताजा छाछ और लस्सी का सेवन किया जा सकता है.
पुदीना बड़ा गुणकारी
आयुर्वेद में पुदीने को बहुत फायदेमंद बताया गया है. आयुर्वेद के अनुसार पुदीना पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है. जिसके सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है, ऐसे में अगर आपका पेट खराब होने की समस्या आती है तो उसमें पुदीने का रस और सर्बत का सेवन करें. पुदीने की चटनी भी खाई जा सकती है जिससे पेट में ठंडक आएगी और पाचन अच्छा होगा.
रात के समय कम खाना खाएं
गर्मियों में रात को हल्का भोजन लेना चाहिए. साथ ही खाने में तेल और ज्यादा मिर्च मसाले का प्रयोग न करें. क्योकि आयुर्वेद के अनुसार हमारे पेट के अंदर रहने वाली अग्नि गर्मी के दौरान थोड़ी तीव्र रहती है और बाहर का तापमान भी बढ़ा हुआ होता है. ऐसे में ज्यादा तेल मसाला खाने से तबीयत बिगड़ना तय है.
बेल का फल बड़ा हितकारी
आयुर्वेद के अनुसार बेल का फल भी सेहत के लिए बड़ा फायदेमंद होता है. इन दिनों बेल का रस पीने से पेट में ठंडक बनी रहती है, साथ ही बेल का फल डायरिया से बचाने का काम करता है. बेल के साथ ही बड़ी दिलचस्प बात यह है कि अगर बेल न मिले तो बेल के पत्ते भी उपयोग में लाये जा सकते हैं, जिससे पेट को ठंडक मिलती है.
फ्रिज का ठंडा पानी न पियें
आयुर्वेद में फ्रीज के पानी के सेवन करने की सख्त मनाही होती है. फ्रिज का ठंडा पानी पीने के बजाए घड़े का ठंडा पानी पीना चाहिए. ज्यादा ठंडा पानी पीने से शरीर का तापमान तीव्रता से बदलता है, जिससे तबीयत बिगड़ सकती है. साथ ही पेट के अंदर प्रदीप्त अग्नि पर भी इससे बुरा असर पड़ता है और कई बीमारियां जन्म लेती हैं. गर्मी में बाहर से आने के बाद तुरंत ठंडा पानी न पिये.
विटामिन सी वाले फलों का सेवन ज्यादा करें
गर्मी के दिनों में विटामिन सी युक्त फलों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट होता है और इससे इम्यून पावर बढ़ती है. साथ ही इससे डिहाइड्रेशन का खतरा भी कम होता है.
पानी ज्यादा पियें
गर्मी के दौरान खाली पेट बिलकुल भी न रहे, हर एक या 2 घंटे में पानी का सेवन करते रहे. सादे पानी की जगह नींबू पानी भी पिया जा सकता है, नहीं तो 250 ml पानी में एक चम्मच चीनी, एक चुटकी नमक डाल के मिला लें और थोड़ी थोड़ी देर में इसे पीते रहें.