हरिद्वार: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पानी को लेकर हमेशा से ही विवाद रहा है, क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी यहां से निकलने वाली नदियों पर उत्तर प्रदेश का ही कब्जा रहा है. साथ ही कई परिसंपत्तियों को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. दोनों प्रदेशों के बीच हुई बातचीत के बाद परिसीमन के तहत कई संपत्तियां उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड के अधीन कर दी गईं लेकिन हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर अभी भी यूपी सरकार के ही अधीन है. इस गंग नहर से यूपी सरकार अपने मन मुताबिक पानी लेती है. यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड से पूछे लिए जाने पर केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने सख्ती दिखाई है. साथ ही इस पानी का हिसाब मांगा है.
बता दें, उत्तराखंड बनने के बाद से कई संपत्तियों और नदियों पर उत्तराखंड की बजाय यूपी सरकार का ही कब्जा रहा है और इसको लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई है. इन संपत्तियों को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट का रुख भी किया. कई मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद परिसंपत्तियों को लेकर दोनों ही सरकारों में वार्ता के बाद कई संपत्तियों को उत्तराखंड के अधीन कर दिया गया, लेकिन आज भी हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर यूपी सरकार के ही अधीन है.
इस गंग नहर से जितनी भी मात्रा में पानी चाहिए होता है उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया जाता है. यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड की मर्जी से लेने पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सचिव से फोन पर वार्ता कर इसको अवैधानिक करार दिया है.
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव से कहा है कि इकबालपुर से बहने वाली नहर क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस नहर से तकरीबन 250 गांव लाभान्वित होते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की मनमानी के चलते इस गांव को पानी पूरा नहीं पड़ रहा है. इस संबंध में निशंक ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और कहा है कि उत्तर प्रदेश ने बिना सहमति से 2500 क्यूसेक पानी लिया है, जो गलत है.
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वहीं यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड सरकार की मर्जी से लेने की बात पर रमेश पोखरियाल निशंक मीडिया के सवाल से कन्नी काटते नजर आए. उन्होंने कहा कि यह पानी पिछली सरकार में गया है, इसी के संदर्भ में उन्होंने जानकारी मांगी है.