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उत्तराखंड से बिना पूछे यूपी ने गंग नहर से लिया 2500 क्यूसेक पानी, निशंक ने दिखाई सख्ती

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में परसंपत्ति विवाद का एक नया मामला सामने आया है. जिसमें यूपी सरकार ने उत्तराखंड सरकार से पूछे बिना गंग नहर से 2500 क्यूसेक पानी ले लिया. मामले में अब केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सख्ती दिखाई है.

हरिद्वार
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Published : Oct 30, 2019, 5:33 PM IST

हरिद्वार: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पानी को लेकर हमेशा से ही विवाद रहा है, क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी यहां से निकलने वाली नदियों पर उत्तर प्रदेश का ही कब्जा रहा है. साथ ही कई परिसंपत्तियों को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. दोनों प्रदेशों के बीच हुई बातचीत के बाद परिसीमन के तहत कई संपत्तियां उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड के अधीन कर दी गईं लेकिन हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर अभी भी यूपी सरकार के ही अधीन है. इस गंग नहर से यूपी सरकार अपने मन मुताबिक पानी लेती है. यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड से पूछे लिए जाने पर केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने सख्ती दिखाई है. साथ ही इस पानी का हिसाब मांगा है.

UP-उत्तराखंड के बीच फिर छिड़ा परिसंपत्ति विवाद

बता दें, उत्तराखंड बनने के बाद से कई संपत्तियों और नदियों पर उत्तराखंड की बजाय यूपी सरकार का ही कब्जा रहा है और इसको लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई है. इन संपत्तियों को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट का रुख भी किया. कई मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद परिसंपत्तियों को लेकर दोनों ही सरकारों में वार्ता के बाद कई संपत्तियों को उत्तराखंड के अधीन कर दिया गया, लेकिन आज भी हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर यूपी सरकार के ही अधीन है.

इस गंग नहर से जितनी भी मात्रा में पानी चाहिए होता है उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया जाता है. यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड की मर्जी से लेने पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सचिव से फोन पर वार्ता कर इसको अवैधानिक करार दिया है.

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव से कहा है कि इकबालपुर से बहने वाली नहर क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस नहर से तकरीबन 250 गांव लाभान्वित होते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की मनमानी के चलते इस गांव को पानी पूरा नहीं पड़ रहा है. इस संबंध में निशंक ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और कहा है कि उत्तर प्रदेश ने बिना सहमति से 2500 क्यूसेक पानी लिया है, जो गलत है.

पढ़ें- मेहंदी डोरी रस्म के साथ पिरान कलियर में सालाना उर्स का शुभारंभ, अकीकतमंदों का उमड़ा हुजूम

वहीं यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड सरकार की मर्जी से लेने की बात पर रमेश पोखरियाल निशंक मीडिया के सवाल से कन्नी काटते नजर आए. उन्होंने कहा कि यह पानी पिछली सरकार में गया है, इसी के संदर्भ में उन्होंने जानकारी मांगी है.

हरिद्वार: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पानी को लेकर हमेशा से ही विवाद रहा है, क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी यहां से निकलने वाली नदियों पर उत्तर प्रदेश का ही कब्जा रहा है. साथ ही कई परिसंपत्तियों को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. दोनों प्रदेशों के बीच हुई बातचीत के बाद परिसीमन के तहत कई संपत्तियां उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड के अधीन कर दी गईं लेकिन हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर अभी भी यूपी सरकार के ही अधीन है. इस गंग नहर से यूपी सरकार अपने मन मुताबिक पानी लेती है. यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड से पूछे लिए जाने पर केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने सख्ती दिखाई है. साथ ही इस पानी का हिसाब मांगा है.

UP-उत्तराखंड के बीच फिर छिड़ा परिसंपत्ति विवाद

बता दें, उत्तराखंड बनने के बाद से कई संपत्तियों और नदियों पर उत्तराखंड की बजाय यूपी सरकार का ही कब्जा रहा है और इसको लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई है. इन संपत्तियों को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट का रुख भी किया. कई मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद परिसंपत्तियों को लेकर दोनों ही सरकारों में वार्ता के बाद कई संपत्तियों को उत्तराखंड के अधीन कर दिया गया, लेकिन आज भी हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर यूपी सरकार के ही अधीन है.

इस गंग नहर से जितनी भी मात्रा में पानी चाहिए होता है उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया जाता है. यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड की मर्जी से लेने पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सचिव से फोन पर वार्ता कर इसको अवैधानिक करार दिया है.

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव से कहा है कि इकबालपुर से बहने वाली नहर क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस नहर से तकरीबन 250 गांव लाभान्वित होते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की मनमानी के चलते इस गांव को पानी पूरा नहीं पड़ रहा है. इस संबंध में निशंक ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और कहा है कि उत्तर प्रदेश ने बिना सहमति से 2500 क्यूसेक पानी लिया है, जो गलत है.

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वहीं यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड सरकार की मर्जी से लेने की बात पर रमेश पोखरियाल निशंक मीडिया के सवाल से कन्नी काटते नजर आए. उन्होंने कहा कि यह पानी पिछली सरकार में गया है, इसी के संदर्भ में उन्होंने जानकारी मांगी है.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पानी को लेकर हमेशा ही विवाद रहा है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी उत्तराखंड से निकलने वाली नदियों पर उत्तर प्रदेश का ही कब्जा रहा है और साथ ही कई परिसंपत्तियों को लेकर मामला कोर्ट में भी चल रहा है मगर दोनों प्रदेशों के बीच हुई बातचीत के बाद परिसीमन के तहत कई संपत्तियां उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड के अधीन कर दी गई मगर हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर अभी भी यूपी सरकार के ही अधीन है और इस गंग नहर से यूपी सरकार अपने मन मुताबिक ही पानी लेती है यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड की मर्जी से ले जाने पर केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने इस पानी का हिसाब मांगा है आखिर क्या है यह मामला देखे हमारी यह रिपोर्ट


Body:उत्तराखंड बनने के बाद कई संपत्तियों और नदियों पर उत्तराखंड की बजाय यूपी सरकार का ही कब्जा रहा है और इसको लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई है इन संपत्तियों को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट का रुख भी किया और कई मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है मगर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद परिसंपत्तियों को लेकर दोनों ही सरकारों में वार्ता के बाद कई संपत्तियों को उत्तराखंड के अधीन कर दी गई मगर आज भी हरिद्वार से कानपुर तक बहने वाली गंग नहर यूपी सरकार के ही अधीन है और इस गंग नहर से जितनी भी मात्रा में पानी चाहिए होता है यूपी सरकार द्वारा लिया जाता है यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड की मर्जी से लेने पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सचिव से फोन पर वार्ता कर इसको अवैधानिक करार दिया है

केंद्र मंत्रियों और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड की मर्जी से ले जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सचिव से फोन पर वार्ता की और इस विशेष से उनको अवगत कराया है निशंक ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर वार्ता में इकबालपुर से बहने वाली नहर जो क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तकरीबन 250 गांव इससे लाभान्वित होते हैं उसमें 565 क्यूसेक पानी की जरूरत बताकर योगी आदित्यनाथ से इस विषय पर कार्य करने की बात कही वही बिना उत्तराखंड की मर्जी से यूपी सरकार द्वारा पानी ले ने पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सचिव से फोन पर वार्ता कर कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड की बिना सहमति से पानी लिया गया यह अवैधानिक कार्य हुआ है कि ढाई हजार क्यूसेक पानी उत्तर प्रदेश में चला गया और हम केवल 565 क्यूसेक पानी चाहते हैं उसमें भी नखरे हो रहे हैं मंत्री ने सचिव को कहा कि आप यह पत्र लिखिए मेरी योगी आदित्यनाथ से वार्ता हुई है उन्होंने मुझे कहा है कि मैं इस कार्य को तुरंत करवाता हूं इस मामले को लेकर आप एक बैठक करिए और चाहे तो दिल्ली आकर इस विषय पर चर्चा करिए

इसको लेकर केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मेरी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत हुई है की इकबालपुर से बहने वाली नदी में 565 क्यूसेक पानी हमको चाहिए यह 500 करोड से भी अधिक की योजना है इसमें दोनों राज्यों के मुख्य सचिव द्वारा एक मीटिंग होकर कार्य की संस्तुति हो जाए तो काम हम शुरू कर देंगे वही यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड सरकार की मर्जी से लेने की बात पर रमेश पोखरियाल निशंक मीडिया के सवाल से कन्नी काटते नजर आए और कहा कि यह पानी पिछली सरकार में गया है इसी के संदर्भ में मैंने जानकारी मांगी है

बाइट-- रमेश पोखरियाल निशंक--केंद्रीय मंत्री एवं हरिद्वार सांसद


Conclusion:यूपी सरकार द्वारा ढाई हजार क्यूसेक पानी बिना उत्तराखंड सरकार की मर्जी से ले जाने को केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अवैधानिक बताया है और ऐसा यूपी सरकार द्वारा क्यों किया गया इसकी जानकारी उन्होंने मांगी है मगर देखना होगा केंद्रीय मंत्री द्वारा मांगी गई जानकारी क्या यूपी सरकार द्वारा उनको दी जाती है यह देखने वाली बात होगी क्योंकि पानी को लेकर हमेशा ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच विवाद की स्थिति रही है
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