हरिद्वारः उत्तराखंड में मानसून चरम पर है. जिससे प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है, लेकिन ये बारिश कहर भी बरपा रही है. बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने और भू-स्खलन की घटना होने से कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं. पहाड़ों पर हो रही बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं, राज्य सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है. प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. साथ अलर्ट जारी किया गया है.
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जिलों में बारिश मौत बनकर बरस रही है. ऐसे में राज्य सरकार बिगड़ते हालतों पर लगातार नजर बनाए हुए है. इसी कड़ी में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थियों में इस तरह का खतरा हमेशा बना रहता है. आपदा को रोक पाना मुश्किल होता है, लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से आपदा की रोकथाम और असर को कम करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंडः उत्तरकाशी के आराकोट बंगाण में भारी तबाही, तीन की मौत, 18 से 20 लोग लापता
उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है. चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी आदि जिलों में बारिश के कारण हुई मौत और लापता लोगों का पता लगाने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. मदन कौशिक ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान टिहरी डैम से पानी के कंट्रोल पर भी है. टिहरी डैम बनने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो गया है. टिहरी डैम से पानी सीमित मात्रा में छोड़ा जाएगा.
हरिद्वार जिले समेत यूपी के तटवर्ती इलाको को भी अलर्ट कर दिया गया है. हरिद्वार प्रशासन गंगा के जल स्तर पर निगाह बनाए हुए है. सभी बाढ़ चौकियों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी का कहना जिले की तमाम बाढ़ चौकियों, तहसील अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को सतर्कता बरतने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. आपदा की स्थिति के दौरान सूचना आदान-प्रदान के लिए सभी विभागीय अधिकारियों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. साथ ही टोल फ्री नंबर भी 24 घंटे खुला रखा गया है. साथ ही कंट्रोल रूम से संपर्क रखा जा रहा है.