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हरिद्वारः अलर्ट पर प्रशासन, गंगा के जलस्तर पर रखी जा रही पैनी नजर

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जिलों में बारिश मौत बनकर बरस रही है. ऐसे में राज्य सरकार बिगड़ते हालतों पर लगातार नजर बनाए हुए है. हरिद्वार जिले समेत यूपी के तटवर्ती इलाकों को भी अलर्ट कर दिया गया है. हरिद्वार प्रशासन गंगा के जल स्तर पर निगाह बनाए हुए है. सभी बाढ़ चौकियों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.

rain in haridwar
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Published : Aug 18, 2019, 9:34 PM IST

हरिद्वारः उत्तराखंड में मानसून चरम पर है. जिससे प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है, लेकिन ये बारिश कहर भी बरपा रही है. बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने और भू-स्खलन की घटना होने से कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं. पहाड़ों पर हो रही बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं, राज्य सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है. प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. साथ अलर्ट जारी किया गया है.

बारिश के मद्देनजर अलर्ट पर प्रशासन.

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जिलों में बारिश मौत बनकर बरस रही है. ऐसे में राज्य सरकार बिगड़ते हालतों पर लगातार नजर बनाए हुए है. इसी कड़ी में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थियों में इस तरह का खतरा हमेशा बना रहता है. आपदा को रोक पाना मुश्किल होता है, लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से आपदा की रोकथाम और असर को कम करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंडः उत्तरकाशी के आराकोट बंगाण में भारी तबाही, तीन की मौत, 18 से 20 लोग लापता

उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है. चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी आदि जिलों में बारिश के कारण हुई मौत और लापता लोगों का पता लगाने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. मदन कौशिक ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान टिहरी डैम से पानी के कंट्रोल पर भी है. टिहरी डैम बनने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो गया है. टिहरी डैम से पानी सीमित मात्रा में छोड़ा जाएगा.

हरिद्वार जिले समेत यूपी के तटवर्ती इलाको को भी अलर्ट कर दिया गया है. हरिद्वार प्रशासन गंगा के जल स्तर पर निगाह बनाए हुए है. सभी बाढ़ चौकियों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी का कहना जिले की तमाम बाढ़ चौकियों, तहसील अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को सतर्कता बरतने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. आपदा की स्थिति के दौरान सूचना आदान-प्रदान के लिए सभी विभागीय अधिकारियों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. साथ ही टोल फ्री नंबर भी 24 घंटे खुला रखा गया है. साथ ही कंट्रोल रूम से संपर्क रखा जा रहा है.

हरिद्वारः उत्तराखंड में मानसून चरम पर है. जिससे प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है, लेकिन ये बारिश कहर भी बरपा रही है. बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने और भू-स्खलन की घटना होने से कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं. पहाड़ों पर हो रही बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं, राज्य सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है. प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. साथ अलर्ट जारी किया गया है.

बारिश के मद्देनजर अलर्ट पर प्रशासन.

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जिलों में बारिश मौत बनकर बरस रही है. ऐसे में राज्य सरकार बिगड़ते हालतों पर लगातार नजर बनाए हुए है. इसी कड़ी में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थियों में इस तरह का खतरा हमेशा बना रहता है. आपदा को रोक पाना मुश्किल होता है, लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से आपदा की रोकथाम और असर को कम करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंडः उत्तरकाशी के आराकोट बंगाण में भारी तबाही, तीन की मौत, 18 से 20 लोग लापता

उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है. चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी आदि जिलों में बारिश के कारण हुई मौत और लापता लोगों का पता लगाने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. मदन कौशिक ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान टिहरी डैम से पानी के कंट्रोल पर भी है. टिहरी डैम बनने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो गया है. टिहरी डैम से पानी सीमित मात्रा में छोड़ा जाएगा.

हरिद्वार जिले समेत यूपी के तटवर्ती इलाको को भी अलर्ट कर दिया गया है. हरिद्वार प्रशासन गंगा के जल स्तर पर निगाह बनाए हुए है. सभी बाढ़ चौकियों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी का कहना जिले की तमाम बाढ़ चौकियों, तहसील अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को सतर्कता बरतने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. आपदा की स्थिति के दौरान सूचना आदान-प्रदान के लिए सभी विभागीय अधिकारियों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. साथ ही टोल फ्री नंबर भी 24 घंटे खुला रखा गया है. साथ ही कंट्रोल रूम से संपर्क रखा जा रहा है.

Intro:पहाड़ो में हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद अब उत्तराखंड की नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है बारिश पहाड़ो पर कहर बरपा रही है भारी बारिश से उत्तराखंड की नदियां नाले गाड़ गदेरे उफान पर है और जगह जगह पहाड़ दरक रहे है जिससे वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है अलग अलग स्थान पर कई लोगों की मौत की सूचना है,तो कई लोग लापता बताए जा रहे है पहाड़ो पर हो रही भारी बारिश से निचले इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है उधर भारी बारिश से कैलाश मानसरोवर की यात्रा प्रभावित हुई है और एक यात्री की मौत की सूचना भी आ रही है बारिश के लगातार होते रौद्र रूप पर राज्य सरकार अपनी पूरी नजर बनाए हुए हैं सभी प्रबहवित इलाको में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया हुआ है।Body:उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ो पर लोगो का जीना मुहाल कर दिया है उत्तराखंड के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में बाढ़ कहर बनकर लोगो पर टूट रही है ऐसे में उत्तराखंड सरकार बिगड़ते हालातो पर लगातार नजर बनाए हुए है उत्तरखण्ड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक परिस्थियों में इस तरह का खतरा हमेशा बना रहता है और आपदा को रोक पाना भी मुश्किल है मगर राज्य सरकार पूरी तरह से आपदा की रोकथाम और असर को कम करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है सभी प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें तैनात है और प्रभावित लोगों की मदद करने में जुटी हुई है चमोली उत्तरकाशी टिहरी आदि जिलों में बारिश के कारण हुए मौतों को लेकर और लापता लोगो का पता लगाने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए है।

बाइट--मदन कौशिक--शहरी विकास मंत्री उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड में भारी बारिश से चार यात्रा पर भी खासा असर पड़ा है यात्रा लगभग ठप्प पड़ी है यात्रा मार्गो पर जगह जगह भूस्खलन हो रहा है कैलाश मानसरोवर यात्रा भी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण फिलहाल रुकी हुई है कैलास मानसरोवर जा रहे एक यात्री की मौत की पुष्टि भी राज्य सरकार ने की है राज्य सरकार का कहना है कि बरसात का मौसम खत्म के बाद यात्रा फिर से सुचारू ढंग से चल सके इसके लिए राज्य सरकार सभी यात्रा मार्गो को ठीक करने की तैयारी में ही।

बाइट--मदन कौशिक--शहरी विकास मंत्री उत्तराखंड सरकार

वही पहाड़ो पर हो रही लगातार बारिश और बादल फटने से निचले इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है इसको लेकर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि इस पर हमारा पूरा ध्यान है और हम टिहरी डैम से पानी को कंट्रोल करते हैं पहले की स्थिति में और अब कि स्थिति में बहुत अंतर आ चुका है जब से टिहरी डैम बना है तब से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो गया है टिहरी डैम का फायदा हमें 2013 में भी मिला था जब केदारनाथ में आपदा आई थी तब भी यहीं से पानी को कंट्रोल किया गया था नहीं तो बहुत बड़ी घटना हो सकती थी लगातार हो रही बारिश की वजह से अगर पानी ज्यादा आता है तो हम टिहरी डैम से पानी उतना ही छोड़ेंगे जितना संभावित हो सके

बाइट--मदन कौशिक--शहरी विकास मंत्री उत्तराखंड सरकार

पहाड़ो पर लगातार हो रही बारिश से मैदानी क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है हरिद्वार जिले सहित यूपी के तटवर्ती इलाको को भी अलर्ट कर दिया गया है हरिद्वार प्रशासन गंगा के जल स्तर पर निगाह बनाये हुए है और सभी बाढ़ चौकियों को भी हाइ अलर्ट पर रखा गया है हरिद्वार जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी का कहना है कि पहाड़ो में जब बहुत ज्यादा बारिश होती है तो हरिद्वार में पहले से ही अलर्ट कर दिया जाता है इसको देखते हुए हमारी तरफ से पूरी तैयारी की जाती है जब से मानसून शुरू होता है तभी से हमारी जिले की तमाम बाढ़ चौकियां तहसील अधिकारी और जितने भी विभागीय अधिकारी है उनको दिशा निर्देश दे दिए जाते हैं कभी इमरजेंसी की सिचुएशन आती है तो सभी विभागीय अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है और टोल फ्री नंबर है उसके माध्यम से हम लगातार कंट्रोल रूम के संपर्क में रहते हैं और जब गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो निचले इलाकों में चेतावनी अलर्ट कर दिया जाता है हमारी जल पुलिस नौकाओं के साथ हर वक्त तैयार रहती है

बाइट--दीपेंद्र चौधरी---जिलाधिकारी हरिद्वारConclusion:पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में भी बाढ़ का संकट पैदा कर दिया है इसी को देखते हुए सरकार और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है और टिहरी डैम मैं ही पानी के जलस्तर को रोक रहा है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा ना हो मगर जिस तरह से भारी बरसात लगातार पड़ रही और बादल फटने की घटनाएं हो रही है उसने सरकार के माथे पर भी शिकन ला दी है क्योकि मौसम विभाग ने अभी उत्तराखंड में और बारिश का अनुमान बताया है
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