लक्सर: हाई कोर्ट के आदेश पर आखिरकार प्रशासन द्वारा तालाब की भूमि पर किये गये अवैध कब्जों पर कार्रवाई की गई है. इस दौरान नगर निगम द्वारा बनाया गया 9 लाख का पार्क भी ध्वस्त किया गया. साथ ही पुलिस और प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर पार्क की भूमि पर किया गया अवैध निर्माण भी हटाया.
बता दें कि लक्सर में हरिद्वार मार्ग पर करीब सवा पांच बीघा भूमि पर तालाब था. लेकिन रखरखाव के अभाव में तालाब सूखता चला गया. स्थानीय प्रशासन की ओर से भी तालाब के संरक्षण के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. जिसके बाद नगर पालिका द्वारा साल 2015 में तालाब की भूमि पर करीब 9 लाख की लागत से पार्क निर्माण करा दिया गया. अहम बात ये है कि 9 लाख की लागत से बने इस पार्क का कभी कोई उपयोग नहीं किया गया. इतना ही नहीं बाकी बची शेष भूमि पर यहां प्लाटिंग कर दी गई. जबकि तालाब की भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं कराया जा सकता है.
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निकाय प्रशासन का कारनामा रहा कि तालाब की भूमि को बचाने की बजाय प्लॉटिंग करवा दी गई. मकानों के नक्शे भी स्वीकृत कर दिए गए. पिछले दिनों नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन जगदेव सिंह समेत अन्य कुछ लोगों द्वारा तालाब की भूमि पर अवैध निर्माण व कब्जों की शिकायत शासन प्रशासन से की थी. साथ ही स्थानीय व्यक्ति द्वारा मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी. जिस पर हाई कोर्ट द्वारा मामले का संज्ञान लेते हुए तालाब की भूमि से तत्काल अवैध कब्जे हटाने के निर्देश शासन प्रशासन को दिए गए थे.
जिस पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम लक्सर सोहन सिंह सैनी की अगुवाई में पुलिस व प्रशासन की टीम ने अवैध कब्जों को तो ध्वस्त किया. लेकिन यहां की गई प्लाटिंग को छेड़ा तक नहीं गया है. जिस पर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठ रहा है. एसडीएम लक्सर का कहना है कि जिन लोगों द्वारा तालाब की भूमि पर अवैध कब्जे किए हुए थे. उन्हें पूर्ण रूप से हटा दिया गया है. मामले की रिपोर्ट उच्च न्यायालय को भेजी जा रही है.