देहरादून: उत्तराखंड के नए सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने राजभवन में राज्यपाल ले जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने शपथ दिलाई. राज्य सूचना आयुक्त (नामित) योगेश भट्ट के शपथ ग्रहण के दौरान कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. गौर हो कि धामी सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट (Senior journalist Yogesh Bhatt) को राज्य सूचना आयुक्त (Uttarakhand Information Commissioner) नियुक्त किया है. प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडेय ने इसको लेकर आदेश जारी किए गए थे. योगेश भट्ट उत्तराखंड में विभिन्न समाचार पत्रों से जुड़े रहे हैं.
दरअसल, राज्य सूचना आयुक्त के खाली पड़े पद पर काफी लंबे समय से चिंतन चल रहा था. सीएम धामी की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने शासन को प्राप्त आवेदनों और विभिन्न नामों पर चर्चा के बाद योगेश भट्ट के नाम पर मुहर लगाई है. इस चयन समिति में कैबिनेट मंत्री चंदनराम दास और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य शामिल थे. योगेश भट्ट का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा. इस दौरान सूचना आयोग में सूचना का अधिकार अधिनियम को मजबूत करने के लिए वह काम करेंगे.
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योगेश भट्ट उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार के रूप में काम करते रहे हैं. वह प्रदेश के कई प्रतिष्ठित अखबारों से जुड़े रहे और इस दौरान जन सरोकारों से जुड़े विषयों को उन्होंने उठाया. उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान भी योगेश ने सक्रिय आंदोलनकारी की भूमिका निभाई है. राज्य आंदोलन के समय स्टूडेंट्स एंड यूथ एलायंस के संचालनकर्ताओं में शामिल रहे भट्ट पर 'राज्य नहीं तो चुनाव नहीं' आंदोलन के दौरान गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया था. 90 के दशक से उनकी पत्रकारिता की शुरुआत हुई. योगेश भट्ट की पहचान प्रदेश के बड़े पत्रकारों के रूप में है. भट्ट उत्तरांचल प्रेस क्लब में महामंत्री और अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं. योगेश भट्ट के राज्य सूचना आयुक्त बनने के बाद पत्रकारों और आंदोलनकारियों में भी काफी प्रसन्नता है.
वहीं, उत्तराखंड सूचना आयोग के सभागार में मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा ने प्रेस वार्ता के जरिए नवनियुक्त राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट का परिचय कराया. इस अवसर पर पुनेठा ने अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त अपीलों व शिकायतों के पंजीकरण एवं निस्तारण की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि-
- माह जनवरी 2022 से माह नवम्बर 2022 तक की अवधि में आयोग द्वारा कुल 3960 सुनवायी की गयी, जिसमें से कुल 2631 वादों को निस्तारित किया गया.
- इस अवधि में दोषी लोक सूचना अधिकारियों को दंडित करते हुए 43 प्रकरणों में लगभग 5 लाख रूपये की शास्ति/क्षतिपूर्ति भी आयोग द्वारा आरोपित की गयी.
- माह नवम्बर, 2022 में आयोग द्वारा कुल 442 सुनवायी कर कुल 269 वादों को निस्तारित किया गया.
- दिनांक 30.11.2022 को आयोग में कुल 2236 प्रकरण सुनवायी के लिए लम्बित हैं.
- विभागों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सूचना अनुरोध पत्रों के सापेक्ष 10-12 प्रतिशत प्रथम अपील की गयी है.
- इसी प्रकार सूचना अनुरोध पत्रों के सापेक्ष आयोग में मात्र लगभग 4 प्रतिशत द्वितीय अपील ही प्राप्त हुई हैं.
- मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा लोक सूचना अधिकारियों के द्वारा 90 प्रतिशत सूचना आवेदन पत्रों के अपने स्तर पर निस्तारण किये जाने के लिए करे गये प्रयासों की सराहना की गयी.
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कार्यों / प्रयासों की भी सराहना की गई जिनके द्वारा अपने स्तर पर प्राप्त 60 प्रतिशत अपीलों का निस्तारण किया गया. मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा सभी लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों कि वो सूचना आवेदन पत्रों / प्रथम अपीलों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें जिससे कोविड काल के कारण लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो सके.
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा कहा गया कि आवेदनकर्ता को समय से सूचना दिलाने से उनके विभाग एवं सरकार की छवि और अधिक उज्जवल होगी, साथ ही सूचना आवेदनकर्ताओं को संतुष्टि भी प्राप्त होगी. मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम का अधिक से अधिक लाभ लेने का भी अनुरोध किया.