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ऋषिकेश में योग और बीटल्स का कॉकटेल! महर्षि महेश योगी की चौरासी कुटी आज बनी सबकी पसंद

महर्षि महेश योगी की वजह से भारत का योग विदेशों तक पहुंचा. ऋषिकेश को योग की राजधानी बनाने का श्रेय भी महर्षि महेश योगी और उनकी 84 कुटिया को जाता है. महर्षि महेश योगी की 84 कुटिया में ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स की कई धुनें बनीं, जिन्होंने दुनिया में धूम मचाई.

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Published : Jun 21, 2022, 4:01 AM IST

Updated : Jun 21, 2022, 1:00 PM IST

Yoga reached abroad due to Maharishi Mahesh Yogi's Beatles Ashram
महर्षि योगी की वजह से विदेशों तक पंहुचा योग

ऋषिकेश: आज पूरी दुनिया 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है. योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कई आयोजन किये जा रहे हैं. आज हम आपको उस योग गुरु के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ऋषिकेश को योग की राजधानी के रूप में एक नई पहचान दिलाई थी. महर्षि महेश योगी वो योग गुरु हैं जिन्हें योग और ध्यान को दुनिया के कई देशों में पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है. पश्चिम में जब हिप्पी संस्कृति का बोलबाला था तो दुनिया भर में लाखों लोग महर्षि महेश योगी के दीवाने थे.

महर्षि महेश योगी का असली नाम था महेश प्रसाद वर्मा था. उनका जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गांव में हुआ था. उन्होंने इलाहाबाद से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि ली थी. 40 और 50 के दशक में वे हिमालय में अपने गुरु से ध्यान और योग की शिक्षा लेते रहे. महर्षि महेश योगी ने ध्यान और योग से बेहतर स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ज्ञान का वादा किया. जिसके बाद दुनिया के कई मशहूर लोग उनसे जुड़े. ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य उत्तरी वेल्स में उनके साथ समय बिताया करते थे.
पढ़ें- Yog Divas 2022: परमार्थ निकेतन पहुंचे CM धामी, सपरिवार गंगा आरती में हुए शामिल

ऋषिकेश रामझुला के शंकराचार्य नगर स्थित महर्षि महेश योगी की बसाई चौरासी कुटी वो जगह है, जिसने ऋषिकेश को मेडिटेशन और योग सेंटर के रूप में दुनियाभर में पहचान दिलाई. हालांकि, अब इस आश्रम को राजाजी टाइगर रिजर्व ने अधिग्रहण कर लिया है. इस 84 कुटी में ब्रिटेन का मशहूर रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य भी योग सिखने आए थे, जो करीब तीन महीने तक यहीं रुके थे. अब हर साल बड़ी तादाद में विदेशी टूरिस्ट इसे देखने आते हैं. यहां आने वाले विदेशी पर्यटक इस आश्रम को बीटल्स आश्रम के नाम से भी जानते हैं.

yoga capital rishikesh
महर्षि महेश योगी.
yoga capital rishikesh
ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स की यादें.

महर्षि महेश योगी बीटल्स आश्रम (84 कुटिया) आज भले ही खंडहर में तब्दील हो चुका हो, लेकिन आज भी ये खंडहर और वीरान जगह हजारों विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस जगह को बीटल्स आश्रम क्यों कहा जाता है, इसके पीछे की एक वजह हैं. महर्षि महेश योगी ने 1962 में 84 कुटिया, एक भव्य आश्रम और एक ध्यान करने के लिए मेडिटेशन हॉल बनवाया था, ये जमीन उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें 20 साल के लिए लीज पर दी थी, महर्षि से ध्यान सीखने बीटल्स बंधु भी आए थे.
पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित होगी चौरासी कुटिया, कवायद तेज

गंगा किनारे स्थित चौरासी कुटी और आश्रम के बारे में कहा जाता है कि महर्षि ने यहां 1968 में एक अंतरराष्ट्रीय ध्यान शिक्षण शिविर आयोजित कराया था. जिसमें दुनिया भर के तत्कालीन 60 मेडिटेशन एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया था. इसके बाद ही विदेशी पर्यटकों के कदम ऋषिकेश की ओर बढ़े थे. तब से यहां के पर्यटन को एक नई दिशा मिली. तब 84 कुटिया में कभी काफी चहल-पहल हुआ करती थी. यहां कभी पूरा एक नगर बसा था. महर्षि से ध्यान और योग की शिक्षा लेने कई हॉलीवुड हस्तियां यहां आया करती थी. साथ ही बीटल्स बैंड के रिंगो स्टार, जॉर्ज हैरिसन, पॉल मैककर्टनी और जॉन लेनन भी योग और ध्यान लगाने आया करते थे. बीटल्स ने यहीं रहकर 48 गाने भी तैयार किया थे, जो दुनिया भर में काफी फेमस हुए.
पढ़ें- महेश वर्मा जिसने ऋषिकेश को बना दिया योग नगरी, ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य भी थे उनके अनुयायी

राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बने 84 कुटिया का दीदार करने के लिए बीटल्स के फैन और महर्षि के अनुयायी आज भी इस आश्रम को देखने के लिए पहुंचते हैं. 84 कुटिया में प्रवेश कर ध्यान योग नगरी से रूबरू होने का मौका मिलेगा. जहां कभी महर्षि ने बीटल्स को ध्यान योग का अभ्यास कराया था. आज महर्षि महेश योगी के कारण ही विश्व पटल पर भारत योग के रूप में जाना जाता है. भारत को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में जाना जाता है.
पढ़ें- योगा कैपिटल ऋषिकेश, अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में पहचान रखती है तीर्थनगरी

हालांकि, इसके बाद योग की विधाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए परमार्थ निकेतन आश्रम ने भी पहल की. परमार्थ निकेतन में 1988 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया. इस आयोजन में बाकायदा उत्तर प्रदेश सरकार ने परमार्थ निकेतन का सहयोग किया. उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर परमार्थ निकेतन आश्रम में पहली बार योग सप्ताह का आयोजन हुआ. इसके बाद से लगातार यहां पर प्रतिवर्ष मार्च के महीने में 1 से 7 मार्च तक योग सप्ताह का आयोजन किया जाता है. यहां पर हजारों की संख्या में विदेशी योग की साधना और नई विधाओं को सीखने के लिए पहुंचते हैं.

ऋषिकेश: आज पूरी दुनिया 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है. योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कई आयोजन किये जा रहे हैं. आज हम आपको उस योग गुरु के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ऋषिकेश को योग की राजधानी के रूप में एक नई पहचान दिलाई थी. महर्षि महेश योगी वो योग गुरु हैं जिन्हें योग और ध्यान को दुनिया के कई देशों में पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है. पश्चिम में जब हिप्पी संस्कृति का बोलबाला था तो दुनिया भर में लाखों लोग महर्षि महेश योगी के दीवाने थे.

महर्षि महेश योगी का असली नाम था महेश प्रसाद वर्मा था. उनका जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गांव में हुआ था. उन्होंने इलाहाबाद से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि ली थी. 40 और 50 के दशक में वे हिमालय में अपने गुरु से ध्यान और योग की शिक्षा लेते रहे. महर्षि महेश योगी ने ध्यान और योग से बेहतर स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ज्ञान का वादा किया. जिसके बाद दुनिया के कई मशहूर लोग उनसे जुड़े. ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य उत्तरी वेल्स में उनके साथ समय बिताया करते थे.
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ऋषिकेश रामझुला के शंकराचार्य नगर स्थित महर्षि महेश योगी की बसाई चौरासी कुटी वो जगह है, जिसने ऋषिकेश को मेडिटेशन और योग सेंटर के रूप में दुनियाभर में पहचान दिलाई. हालांकि, अब इस आश्रम को राजाजी टाइगर रिजर्व ने अधिग्रहण कर लिया है. इस 84 कुटी में ब्रिटेन का मशहूर रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य भी योग सिखने आए थे, जो करीब तीन महीने तक यहीं रुके थे. अब हर साल बड़ी तादाद में विदेशी टूरिस्ट इसे देखने आते हैं. यहां आने वाले विदेशी पर्यटक इस आश्रम को बीटल्स आश्रम के नाम से भी जानते हैं.

yoga capital rishikesh
महर्षि महेश योगी.
yoga capital rishikesh
ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स की यादें.

महर्षि महेश योगी बीटल्स आश्रम (84 कुटिया) आज भले ही खंडहर में तब्दील हो चुका हो, लेकिन आज भी ये खंडहर और वीरान जगह हजारों विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस जगह को बीटल्स आश्रम क्यों कहा जाता है, इसके पीछे की एक वजह हैं. महर्षि महेश योगी ने 1962 में 84 कुटिया, एक भव्य आश्रम और एक ध्यान करने के लिए मेडिटेशन हॉल बनवाया था, ये जमीन उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें 20 साल के लिए लीज पर दी थी, महर्षि से ध्यान सीखने बीटल्स बंधु भी आए थे.
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गंगा किनारे स्थित चौरासी कुटी और आश्रम के बारे में कहा जाता है कि महर्षि ने यहां 1968 में एक अंतरराष्ट्रीय ध्यान शिक्षण शिविर आयोजित कराया था. जिसमें दुनिया भर के तत्कालीन 60 मेडिटेशन एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया था. इसके बाद ही विदेशी पर्यटकों के कदम ऋषिकेश की ओर बढ़े थे. तब से यहां के पर्यटन को एक नई दिशा मिली. तब 84 कुटिया में कभी काफी चहल-पहल हुआ करती थी. यहां कभी पूरा एक नगर बसा था. महर्षि से ध्यान और योग की शिक्षा लेने कई हॉलीवुड हस्तियां यहां आया करती थी. साथ ही बीटल्स बैंड के रिंगो स्टार, जॉर्ज हैरिसन, पॉल मैककर्टनी और जॉन लेनन भी योग और ध्यान लगाने आया करते थे. बीटल्स ने यहीं रहकर 48 गाने भी तैयार किया थे, जो दुनिया भर में काफी फेमस हुए.
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राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बने 84 कुटिया का दीदार करने के लिए बीटल्स के फैन और महर्षि के अनुयायी आज भी इस आश्रम को देखने के लिए पहुंचते हैं. 84 कुटिया में प्रवेश कर ध्यान योग नगरी से रूबरू होने का मौका मिलेगा. जहां कभी महर्षि ने बीटल्स को ध्यान योग का अभ्यास कराया था. आज महर्षि महेश योगी के कारण ही विश्व पटल पर भारत योग के रूप में जाना जाता है. भारत को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में जाना जाता है.
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हालांकि, इसके बाद योग की विधाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए परमार्थ निकेतन आश्रम ने भी पहल की. परमार्थ निकेतन में 1988 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया. इस आयोजन में बाकायदा उत्तर प्रदेश सरकार ने परमार्थ निकेतन का सहयोग किया. उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर परमार्थ निकेतन आश्रम में पहली बार योग सप्ताह का आयोजन हुआ. इसके बाद से लगातार यहां पर प्रतिवर्ष मार्च के महीने में 1 से 7 मार्च तक योग सप्ताह का आयोजन किया जाता है. यहां पर हजारों की संख्या में विदेशी योग की साधना और नई विधाओं को सीखने के लिए पहुंचते हैं.

Last Updated : Jun 21, 2022, 1:00 PM IST
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