देहरादून: राजधानी देहरादून में जन हस्तक्षेप के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में मजदूरों ने धरना स्थल से रैली निकालकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने परेड ग्राउंड के चक्कर लगाकर कनक सिनेमा चौक की तरफ कूच करने की कोशिश की. लेकिन पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर सभा आयोजित की और नगर मजिस्ट्रेट के जरिए सीएम को ज्ञापन सौंपा.
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इस रैली को समाजवादी पार्टी का भी समर्थन मिला. समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सत्यनारायण सत्तान ने कहा कि सरकार नया श्रमिक कानून लेकर आ रही है. इस नए कानून से श्रमिक के अधिकार प्रभावित होंगे. केंद्र और राज्य सरकार गरीबों के हितों के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. मजदूरों के लिए सरकार ने कोई भी ठोस पॉलिसी नहीं बनाई हैं. इसलिए वे केंद्र और राज्य सरकार का विरोध कर रहे हैं.
रैली के दौरान जन हस्तक्षेप के समन्वयक शंकर ने कहा कि राज्य में गरीब और मजदूर लोगों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और राजनीतिकरण बहुत हो रहा है. इसका एक उदाहरण निर्माण मजदूर योजनाओं में मजदूरों के आवेदन पर कार्रवाई करने के लिए कोई समय सीमा न होना है.
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उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार चार नए श्रमिक कानून ला रही है. ये कानून मजदूरों के हक और उनके लिए चलाई जाने वाली योजनाओं को बहुत कमजोर कर देगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार वन अधिकार कानून 2006 को भी कमजोर करने का प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने 2018 एक अध्यादेश लाकर मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को बेदखल के मामले में तीन साल की सुरक्षा देने का वादा किया था. लेकिन आज डेढ़ साल बाद भी सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया.