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महिला वोटर्स कराएंगी BJP की सत्ता में वापसी! प्रियंका गांधी का 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारा नहीं आया काम ? - उत्तराखंड में पुरुष मतदाता

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों का फोकस महिलाओं पर रहा, तो वहीं उत्तराखंड में महिलाओं ने मतदान करने में पूरा उत्साह दिखाया. सभी जिलों में महिला मतदाता पुरुषों के मुकाबले काफी आगे रहीं. ऐसे में राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. वहीं भाजपा ने तो सत्ता में वापसी का ट्रंप कार्ड उत्तराखंड की महिलाओं को मान लिया है. वहीं, पीएम मोदी के नाम पर महिलाओं के भारी संख्या में मतदान को अपनी संभावित जीत की सबसे बड़ी वजह बता दिया है.

Women voters
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Published : Feb 19, 2022, 9:44 AM IST

Updated : Apr 27, 2022, 2:58 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान संपन्न हो चुके हैं. ऐसे में सभी की निगाहें 10 मार्च को आने चुनाव परिणामों पर टिकी हुई हैं. हालांकि इससे पहले ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा करने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने तो सत्ता में वापसी का ट्रंप कार्ड उत्तराखंड की महिलाओं को मान लिया है. वहीं, पीएम मोदी के नाम पर महिलाओं के भारी संख्या में मतदान को अपनी संभावित जीत की सबसे बड़ी वजह बता दिया है. देखिए यह खास रिपोर्ट...

प्रियंका के नारे को फेल बता रही बीजेपी: यूपी में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देकर महिलाओं के प्रति अपनी पार्टी की प्राथमिकता को जाहिर किया हो, लेकिन उत्तराखंड में तो भाजपा प्रियंका के इस नारे को फेल मान रही है. दरअसल प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को तवज्जो देने की मंशा के साथ इस नारे को दिया था. लेकिन उत्तराखंड में भी कांग्रेस ने इस नारे को सभी जगह पहुंचाया. यही नहीं अपने घोषणा पत्र में भी कांग्रेस ने महिलाओं से जुड़े मुद्दे को खास तवज्जो दी. इसके बावजूद मतदान के बाद भारतीय जनता पार्टी महिला मतदाताओं को लेकर ज्यादा उत्साहित दिखाई दे रही है.

प्रियंका गांधी का 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारा नहीं आया काम ?

BJP महिलाओं पर पीएम मोदी का प्रभाव बता रही: दरअसल भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में मान रही है कि महिलाओं ने जिस तरह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, उससे भाजपा की जीत तय हो गई है. पार्टी को लगता है कि महिलाएं खासतौर पर पहाड़ों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर घरों से बाहर निकली हैं और उन्होंने कमल के फूल पर अपनी मुहर लगाई है.

पढ़ें: उत्तराखंड पुलिस के सीनियर IPS संजय गुंज्याल को मिली बड़ी जिम्मेदार, 5 साल के लिए BSF में प्रतिनियुक्ति

महिलाओं ने उत्तराखंड में ज्यादा मतदान किया: इस आंकड़े को पहाड़ी जिलों के लिहाज से देखें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पहाड़ों में बेहद ज्यादा मतदान किया है. इसे भाजपा के पक्ष में मतदान माना जा रहा है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि महिलाओं की रसोई और उनके भविष्य के लिए भाजपा ने अपने 5 साल के दौरान कुछ भी काम नहीं किया है. वहीं, कांग्रेस नेताओं ने अपने घोषणा पत्र में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु भी महिलाओं से जुड़ा रखा है. कांग्रेस ने प्रदेश में 500 से ज्यादा कभी भी एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम नहीं करने की घोषणा की है. इसके अलावा महिलाओं को नौकरी में विशेष आरक्षण की भी घोषणा हुई है.

कांग्रेस, बीजेपी के दावे को छलावा बता रही: उधर प्रियंका गांधी के लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे से भी कांग्रेस को बेहद उम्मीदें हैं. इस मामले पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि कहते हैं कि महिलाओं के लिए भाजपा ने रोजगार से लेकर खेती-बाड़ी और महंगाई तक में कोई राहत नहीं दी है. इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर महिलाओं के वोट की बात महज छलावा है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान संपन्न हो चुके हैं. ऐसे में सभी की निगाहें 10 मार्च को आने चुनाव परिणामों पर टिकी हुई हैं. हालांकि इससे पहले ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा करने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने तो सत्ता में वापसी का ट्रंप कार्ड उत्तराखंड की महिलाओं को मान लिया है. वहीं, पीएम मोदी के नाम पर महिलाओं के भारी संख्या में मतदान को अपनी संभावित जीत की सबसे बड़ी वजह बता दिया है. देखिए यह खास रिपोर्ट...

प्रियंका के नारे को फेल बता रही बीजेपी: यूपी में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देकर महिलाओं के प्रति अपनी पार्टी की प्राथमिकता को जाहिर किया हो, लेकिन उत्तराखंड में तो भाजपा प्रियंका के इस नारे को फेल मान रही है. दरअसल प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को तवज्जो देने की मंशा के साथ इस नारे को दिया था. लेकिन उत्तराखंड में भी कांग्रेस ने इस नारे को सभी जगह पहुंचाया. यही नहीं अपने घोषणा पत्र में भी कांग्रेस ने महिलाओं से जुड़े मुद्दे को खास तवज्जो दी. इसके बावजूद मतदान के बाद भारतीय जनता पार्टी महिला मतदाताओं को लेकर ज्यादा उत्साहित दिखाई दे रही है.

प्रियंका गांधी का 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारा नहीं आया काम ?

BJP महिलाओं पर पीएम मोदी का प्रभाव बता रही: दरअसल भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में मान रही है कि महिलाओं ने जिस तरह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, उससे भाजपा की जीत तय हो गई है. पार्टी को लगता है कि महिलाएं खासतौर पर पहाड़ों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर घरों से बाहर निकली हैं और उन्होंने कमल के फूल पर अपनी मुहर लगाई है.

पढ़ें: उत्तराखंड पुलिस के सीनियर IPS संजय गुंज्याल को मिली बड़ी जिम्मेदार, 5 साल के लिए BSF में प्रतिनियुक्ति

महिलाओं ने उत्तराखंड में ज्यादा मतदान किया: इस आंकड़े को पहाड़ी जिलों के लिहाज से देखें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पहाड़ों में बेहद ज्यादा मतदान किया है. इसे भाजपा के पक्ष में मतदान माना जा रहा है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि महिलाओं की रसोई और उनके भविष्य के लिए भाजपा ने अपने 5 साल के दौरान कुछ भी काम नहीं किया है. वहीं, कांग्रेस नेताओं ने अपने घोषणा पत्र में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु भी महिलाओं से जुड़ा रखा है. कांग्रेस ने प्रदेश में 500 से ज्यादा कभी भी एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम नहीं करने की घोषणा की है. इसके अलावा महिलाओं को नौकरी में विशेष आरक्षण की भी घोषणा हुई है.

कांग्रेस, बीजेपी के दावे को छलावा बता रही: उधर प्रियंका गांधी के लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे से भी कांग्रेस को बेहद उम्मीदें हैं. इस मामले पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि कहते हैं कि महिलाओं के लिए भाजपा ने रोजगार से लेकर खेती-बाड़ी और महंगाई तक में कोई राहत नहीं दी है. इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर महिलाओं के वोट की बात महज छलावा है.

Last Updated : Apr 27, 2022, 2:58 PM IST
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