ऋषिकेश: उत्तराखंड की महिलाओं के उत्थान के लिए राज्य महिला आयोग जल्द ही महिला नीति (women policy in uttarakhand) को लागू करने वाला है. महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल (Women Commission President Kusum Kandwal) ने कहा कि 8 मार्च तक यह नीति लागू कर दी जाए इसके लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा प्रदेश में गैर सरकारी संस्थाओं में भी मातृत्व अवकाश के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आयोग प्रदेश में महिला थानों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कोशिश कर रहा है.
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि अभी तक आयोग केवल घरेलू हिंसा व अन्य रूप से प्रताड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने का काम कर रहा था. अब भविष्य में आयोग महिलाओं के उत्थान के लिए भी काम करेगा. इस दिशा में लगातार राज्य महिला आयोग अपने कदम आगे बढ़ा रहा है. फिलहाल महिला नीति बनाए जाने की प्रक्रिया गतिमान है. आयोग की कोशिश है कि 8 मार्च तक महिला नीति लागू कर दी जाए.
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इसके अलावा राज्य में महिलाओं की शिकायतों के समाधान के लिए महिला थानों की संख्या बढ़ाने की कोशिश भी की जा रही है. इस संबंध में 16 जनवरी को पुलिस के अधिकारियों के साथ महिला आयोग की बैठक है. जिसमें कानून के एक्सपर्ट्स को भी बुलाया गया है. बैठक में जानकारी ली जाएगी कि आखिरकार अब तक उत्तराखंड में जितने भी महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं, उनका लाभ महिलाओं को मिल रहा है या नहीं. इसके अलावा मजबूरी और जबरदस्ती के कारण समाज की मुख्यधारा से भटके महिलाओं को भी समाज में सम्मान दिलाने का प्रयास राज्य महिला आयोग कर रहा है.
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गैर सरकारी संस्थाओं में भी होगा मातृत्व अवकाश: मातृत्व अवकाश को लेकर आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि अभी महिलाओं को सरकारी संस्थाओं में ही मातृत्व अवकाश मिलता है, लेकिन अब आयोग गैर सरकारी और निजी संस्थाओं में भी मातृत्व अवकाश को लेकर पहल कर रहा है. जल्द ही महिलाओं को सरकारी के साथ गैर सरकारी और निजी संस्थाओं में मातृत्व अवकाश दिलाया जायेगा.
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बढ़ाए जायेंगे महिला थाने: राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि अभी उत्तराखंड में दो महिला थाने हैं. जिनकी मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में और भी महिला थाने बनाए जाएंगे, फिलहाल इस पर मंत्रणा जारी है.
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जोशीमठ पर राष्ट्रीय और राज्य महिला आयोग की नजर: कुसुम कंडवाल ने कहा कि जोशीमठ त्रासदी के बारे में उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा शर्मा को अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के निर्देश पर वह जल्दी ही जोशीमठ जाएंगी. पीड़ित महिलाओं की मदद करने का प्रयास करेंगी. उन्होंने बताया कि जोशीमठ में प्रभावित लोगों की पूरी लिस्ट मंगा ली गई है. महिला आयोग हर संभव मदद के लिए तैयार है.