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सुसुआ नदी पर बन रहा वाटर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, एक अरब 6 करोड़ आएगी लागत - Dehradun Susua River

सुसुआ नदी पर मोथरावाला में एक अरब 6 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है. ऐसे में अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही सुसुआ नदी की तस्वीर जल्द ही बदलने जा रही है.

Susua River
सुसुआ नदी
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Published : Sep 30, 2022, 2:31 PM IST

Updated : Sep 30, 2022, 2:37 PM IST

डोईवाला: देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट के किसानों के लिए अच्छी खबर है. अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही सुसुआ नदी की तस्वीर बदलने जा रही है. सीवर के पानी में तब्दील सुसुआ नदी पर एक अरब 6 करोड़ की लागत से मोथरोवाला में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है. ईटीवी भारत ने किसानों की आवाज बनकर कई बार इस गंभीर समस्या को उठाकर सरकार तक पहुंचाया. इस खबर से किसानों में खुशी की लहर है. किसानों का कहना है कि अब एक बार फिर पुराने दिन लौटेंगे. फसलें लहलहाएंगी और बासमती की खुशबू भी लौटेगी.

बता दें, कुछ दशक पहले तक सुसुआ नदी को जीवनदायिनी कहा जाता था लेकिन देहरादून से निकलने वाली इस सुसुआ नदी का पानी सीवर के रूप में तब्दील हो गया है. देहरादून की सारी गंदगी, वेस्टेज और गंदे नाले इस नदी में डाले जा रहे हैं. जिससे नदी का पानी सीवर के रूप में तब्दील हो गया था. सीवर के पानी से किसानों की खेती बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है.

सुसुआ नदी पर बन रहा वाटर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट

डोईवाला के किसान सुसुआ नदी के पानी का प्रयोग खेतों की सिंचाई के रूप करते हैं. वन्य जीव व मवेशी भी इसी पानी को पीते हैं, जिससे किसानों की खेती तो चौपट हो रही थी वहीं, इस सीवर के पानी से किसान चर्म रोगी हो रहे हैं. मवेशियों और जीव जंतुओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में इटीवी भारत ने किसानों की आवाज को प्रमुखता से उठाकर शासन प्रशासन तक पहुंचाया. अब इस नदी पर एक अरब 6 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है.
पढ़ें- नदी में प्रदूषण की समस्या से किसान परेशान, सीएम ने की ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग

देहरादून के मोथरोवाला में एक अरब 6 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने जा रहा है. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा यह कार्य किया जा रहा है. ट्रीटमेंट प्लांट लगने के सुसुआ नदी का पानी अपने पुराने रूप में आ जायेगा और इस खबर के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है.

शिमला ग्रांट के पूर्व ग्राम प्रधान उम्मेद बोरा ने बताया कि लोग लगातार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग कर रहे थे. अब इस गंभीर समस्या का समाधान होने जा रहा है. देहरादून के मोथरोवाला में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है. इस खबर से किसानों ने राहत की सांस ली है.
पढ़ें- CM धामी ने किया रानीपोखरी के नवनिर्मित पुल का उद्घाटन, अगस्त 2021 को हुआ था धराशायी

सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने बताया कि उन्होंने नदी की दुर्दशा और पानी के प्रयोग से हो रही बीमारियों और फसलों के नुकसान से प्रधानमंत्री कार्यालय को इस गंभीर समस्या से कई बार अवगत कराया. पहले समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन उन्होंने फिर 19 जुलाई, 2019 में पीएमओ को दोबारा पत्राचार किया. पीएमओ कार्यालय ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान दिया. इस नदी पर अब इंटरसेक्शन एंड डायवर्जन जल शोधन संयंत्र परियोजना को मंजूरी मिल गई है. अब इस परियोजना को धरातल पर उतारा जा रहा है.

वहीं, परियोजना के असिस्टेंट इंजीनियर राजवीर सिंह चौहान ने बताया कि यह परियोजना एक अरब 6 करोड़ लागत की है. साल 2024 से पहले या ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्लांट के लगने से पानी गंदगी मुक्त होगा और जीव जंतु किसानों की फसलों पर भी इस पानी का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा. यही पानी गंगा में जाकर मिल रहा है तो गंगा भी इस पानी से मैली नहीं होगी.

डोईवाला: देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट के किसानों के लिए अच्छी खबर है. अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही सुसुआ नदी की तस्वीर बदलने जा रही है. सीवर के पानी में तब्दील सुसुआ नदी पर एक अरब 6 करोड़ की लागत से मोथरोवाला में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है. ईटीवी भारत ने किसानों की आवाज बनकर कई बार इस गंभीर समस्या को उठाकर सरकार तक पहुंचाया. इस खबर से किसानों में खुशी की लहर है. किसानों का कहना है कि अब एक बार फिर पुराने दिन लौटेंगे. फसलें लहलहाएंगी और बासमती की खुशबू भी लौटेगी.

बता दें, कुछ दशक पहले तक सुसुआ नदी को जीवनदायिनी कहा जाता था लेकिन देहरादून से निकलने वाली इस सुसुआ नदी का पानी सीवर के रूप में तब्दील हो गया है. देहरादून की सारी गंदगी, वेस्टेज और गंदे नाले इस नदी में डाले जा रहे हैं. जिससे नदी का पानी सीवर के रूप में तब्दील हो गया था. सीवर के पानी से किसानों की खेती बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है.

सुसुआ नदी पर बन रहा वाटर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट

डोईवाला के किसान सुसुआ नदी के पानी का प्रयोग खेतों की सिंचाई के रूप करते हैं. वन्य जीव व मवेशी भी इसी पानी को पीते हैं, जिससे किसानों की खेती तो चौपट हो रही थी वहीं, इस सीवर के पानी से किसान चर्म रोगी हो रहे हैं. मवेशियों और जीव जंतुओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में इटीवी भारत ने किसानों की आवाज को प्रमुखता से उठाकर शासन प्रशासन तक पहुंचाया. अब इस नदी पर एक अरब 6 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है.
पढ़ें- नदी में प्रदूषण की समस्या से किसान परेशान, सीएम ने की ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग

देहरादून के मोथरोवाला में एक अरब 6 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने जा रहा है. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा यह कार्य किया जा रहा है. ट्रीटमेंट प्लांट लगने के सुसुआ नदी का पानी अपने पुराने रूप में आ जायेगा और इस खबर के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है.

शिमला ग्रांट के पूर्व ग्राम प्रधान उम्मेद बोरा ने बताया कि लोग लगातार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग कर रहे थे. अब इस गंभीर समस्या का समाधान होने जा रहा है. देहरादून के मोथरोवाला में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है. इस खबर से किसानों ने राहत की सांस ली है.
पढ़ें- CM धामी ने किया रानीपोखरी के नवनिर्मित पुल का उद्घाटन, अगस्त 2021 को हुआ था धराशायी

सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने बताया कि उन्होंने नदी की दुर्दशा और पानी के प्रयोग से हो रही बीमारियों और फसलों के नुकसान से प्रधानमंत्री कार्यालय को इस गंभीर समस्या से कई बार अवगत कराया. पहले समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन उन्होंने फिर 19 जुलाई, 2019 में पीएमओ को दोबारा पत्राचार किया. पीएमओ कार्यालय ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान दिया. इस नदी पर अब इंटरसेक्शन एंड डायवर्जन जल शोधन संयंत्र परियोजना को मंजूरी मिल गई है. अब इस परियोजना को धरातल पर उतारा जा रहा है.

वहीं, परियोजना के असिस्टेंट इंजीनियर राजवीर सिंह चौहान ने बताया कि यह परियोजना एक अरब 6 करोड़ लागत की है. साल 2024 से पहले या ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्लांट के लगने से पानी गंदगी मुक्त होगा और जीव जंतु किसानों की फसलों पर भी इस पानी का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा. यही पानी गंगा में जाकर मिल रहा है तो गंगा भी इस पानी से मैली नहीं होगी.

Last Updated : Sep 30, 2022, 2:37 PM IST
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