देहरादून: लोकसभा चुनाव की मतगणना होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं, जिसके चलते निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है. पिछले चुनावों में ईवीएम को लेकर उठे तमाम विवादों के बाद इस बार मतदान के लिए प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर शत प्रतिशत ईवीएम-वीवीपैट का प्रयोग किया गया. बाजवूद इसके वीवीपैट को मतगणना में शामिल नहीं किया जाएगा. वहीं, किसी बूथ पर प्रत्याशी या पार्टी के आपत्ति जताने के बाद ही वीवीपैट को मतगणना में शामिल किया जाएगा.
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, मतगणना के दिन सभी विधानसभा के 5 बूथों के वीवीपैट को मतगणना में शामिल किया जाता है, लेकिन इसके लिए सभी बूथों में आकस्मिक रूप से किन्ही पांच बूथों को चुन लिया जाता है. उसके बाद वीवीपैट की सभी पर्चियों की गिनती कर ईवीएम से मिलान किया जाता है, जिससे इस बात को पुख्ता किया जा सके कि ईवीएम में कोई गड़बड़ नहीं है.
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मतगणना के दिन किसी पार्टी के प्रतिनिधि या प्रत्याशी द्वारा किसी बूथ के ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही जाती है या फिर किसी भी प्रकार की आपत्ति जताई जाती है तो निर्वाचन आयोग के नियमानुसार आपत्ति जताने वाले व्यक्ति को आरओ के समक्ष पत्र देना होगा. इसके बाद आरओ उस तथ्य का परीक्षण करने के बाद स्पीकिंग आर्डर पास करेगा, जिसके बाद अगर आरओ सहमति देता है तो उस बूथ के वीवीपैट के पर्चियों को गिना जाएगा.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, 23 मई को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी. मतगणना के दौरान और चुनाव के नतीजों से पहले तक ही पार्टी के प्रतिनिधि या खुद प्रत्याशी आपत्ति जता पाएंगे. आपत्ति जताने और आरओ की इजाजत के बाद ही वीवीपैट का मिलान किया जाएगा.