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रेस्क्यू ऑपरेशन में खलल डाल रहा VIP मूवमेंट, तबाही का मंजर बन रहा सेल्फी प्वाइंट

चमोली आपदा रेस्क्यू ऑपरेशन में वीआईपी मूवमेंट से खलल पड़ रहा है. हर रोज कोई न कोई जनप्रतिनिधि यहां पहुंच रहा है. उनके साथ 30-40 लोग और भी जा रहे हैं. जिसके कारण रेस्क्यू ऑपरेशन वाली जगह पर भीड़ बढ़ रही है और काम प्रभावित हो रहा है.

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आपदा रेस्क्यू ऑपरेशन में खलल डाल रही वीआईपी मूवमेंट
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Published : Feb 11, 2021, 6:11 PM IST

देहरादून: चमोली में आई भीषण आपदा के बाद जहां शासन-प्रशासन रात-दिन एक करके रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ केंद्र से लेकर राज्य सरकार और नेता आपदाग्रस्त क्षेत्र में लगातार भ्रमण करने जा रहे हैं. जिससे कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि इस दुख की घड़ी में हर कोई उनके साथ खड़ा होना चाहता है जो इस आपदा में अपना सब कुछ खो चुके हैं. प्रीतम सिंह कहते हैं कि सरकार और प्रशासन को यह देखना चाहिए कि ऐसा कोई व्यक्ति न आए जिससे यहां का रेस्क्यू प्रभावित हो. लिहाजा हमने यहां पर आकर न तो कोई सरकारी प्रोटोकॉल लिया है और न ही किसी अधिकारी को बेवजह अपने आगे-पीछे दौड़ाया है.

पढ़ें- पढ़ेंः 'ग्राउंड जीरो के हीरो' SDRF कमांडेंट नवनीत भुल्लर EXCLUSIVE, ऐसे चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

अब तक इस रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दो बार आ चुके हैं. रमेश पोखरियाल निशंक भी यहां का दौरा कर चुके हैं. पावर कॉर्पोरेशन मंत्री आरके सिंह भी यहां एक बार आ चुके हैं. आज राज्यपाल राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी यहां पहुंची. इसके अलावा बंशीधर भगत, हरीश रावत और कांग्रेस-बीजेपी के मिलाकर लगभग 7 विधायक यहां का दौरा कर चुके हैं.

पढ़ें- जलप्रलय की जिम्मेदार खो चुकी न्यूक्लियर डिवाइस तो नहीं? जानिए रैणी गांव के लोगों की राय

बंशीधर भगत कहते हैं कि यह सब बेकार की बातें हैं कि यहां आने से रेस्क्यू ऑपरेशन पर किसी तरह का फर्क पड़ रहा है. उन्होंने कहा मैं खुद यहां पर आया हूं लेकिन क्या मैंने किसी अधिकारी को परेशान किया है? परेशानी तब होगी जब हम यहां पर नहीं आएंगे. लोग बातें बनाएंगे कि इतनी बड़ी आपदा हो गई और जनता के चुने हुए नेता उन्हें देखने भी नहीं पहुंचे.


वहीं, दबी जुबां में अधिकारी भी बोल रहे हैं कि एक नेता के साथ लगभग 30 से 40 लोग आते हैं. ऐसे में एक साथ भीड़ का आना रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सही नहीं होता है. लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने लगते हैं. इससे मुख्य काम से लोगों का ध्यान भटक जाता है, और तबाही के मंजर वाली जगह एक सेल्फी प्वाइंट में तब्दील हो जाती है.

देहरादून: चमोली में आई भीषण आपदा के बाद जहां शासन-प्रशासन रात-दिन एक करके रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ केंद्र से लेकर राज्य सरकार और नेता आपदाग्रस्त क्षेत्र में लगातार भ्रमण करने जा रहे हैं. जिससे कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि इस दुख की घड़ी में हर कोई उनके साथ खड़ा होना चाहता है जो इस आपदा में अपना सब कुछ खो चुके हैं. प्रीतम सिंह कहते हैं कि सरकार और प्रशासन को यह देखना चाहिए कि ऐसा कोई व्यक्ति न आए जिससे यहां का रेस्क्यू प्रभावित हो. लिहाजा हमने यहां पर आकर न तो कोई सरकारी प्रोटोकॉल लिया है और न ही किसी अधिकारी को बेवजह अपने आगे-पीछे दौड़ाया है.

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अब तक इस रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दो बार आ चुके हैं. रमेश पोखरियाल निशंक भी यहां का दौरा कर चुके हैं. पावर कॉर्पोरेशन मंत्री आरके सिंह भी यहां एक बार आ चुके हैं. आज राज्यपाल राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी यहां पहुंची. इसके अलावा बंशीधर भगत, हरीश रावत और कांग्रेस-बीजेपी के मिलाकर लगभग 7 विधायक यहां का दौरा कर चुके हैं.

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बंशीधर भगत कहते हैं कि यह सब बेकार की बातें हैं कि यहां आने से रेस्क्यू ऑपरेशन पर किसी तरह का फर्क पड़ रहा है. उन्होंने कहा मैं खुद यहां पर आया हूं लेकिन क्या मैंने किसी अधिकारी को परेशान किया है? परेशानी तब होगी जब हम यहां पर नहीं आएंगे. लोग बातें बनाएंगे कि इतनी बड़ी आपदा हो गई और जनता के चुने हुए नेता उन्हें देखने भी नहीं पहुंचे.


वहीं, दबी जुबां में अधिकारी भी बोल रहे हैं कि एक नेता के साथ लगभग 30 से 40 लोग आते हैं. ऐसे में एक साथ भीड़ का आना रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सही नहीं होता है. लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने लगते हैं. इससे मुख्य काम से लोगों का ध्यान भटक जाता है, और तबाही के मंजर वाली जगह एक सेल्फी प्वाइंट में तब्दील हो जाती है.

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