देहरादून: उत्तराखंड में दुर्घटनाओं के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि साल-दरसाल राष्ट्रीय स्तर पर भी दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड बढ़ रहा है. उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र के रिकॉर्ड पर गौर करें तो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से कार्रवाई में तेजी लाने के बाद भी हालत सुधर नहीं पा रहे हैं. बड़ी बात यह है कि लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई होने के बाद भी यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामलों में सुधार नहीं हो पा रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस बार जारी किए गए आंकड़ों में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामले कम होने की बजाय बढ़ गए हैं.
निगरानी का दायरा बढ़ाने से चालान के मामले बढ़ें: उत्तराखंड के गढ़वाल रीजन में चार जिलों को लेकर नियमों के उल्लंघन से जुड़े जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके पीछे कई तर्क भी दिए जा रहे हैं. विभाग के अधिकारियों का मानना है कि विभाग कि तरफ से निगरानी का दायरा बढ़ाने के कारण भी चालान के मामले बढ़ रहे हैं. गढ़वाल के चार जिलों में करीब 82 हजार से ज्यादा चालान काटे गए हैं, लेकिन इसके लिए सड़क पर बढ़ती गाड़ियां भी वजह हैं. साथ ही रोड सेफ्टी को देखते हुए जिस तरह निगरानी सिस्टम बढ़ाया गया है उसके कारण भी चालान के मामले बढ़ रहे हैं.
पार्किंग न होने से यातायात नियमों का हो रहा उल्लंघन:प्रदेश में जिस तरह यातायात नियमों का उल्लंघन किया जाता है. उसके पीछे लोगों की वाहन चलाते समय लापरवाही भी एक बड़ी वजह है, लेकिन इस मामले में केवल गलती आम लोगों की ही नहीं है, बल्कि प्रशासन और सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है. दरअसल शहरों में वाहनों की बढ़ती संख्या के बीच सड़कों के हालात नहीं सुधरे. इतना ही नहीं शहरों में पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण लोग नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के लिए मजबूर होते हैं. जिससे उनका चालान काट जाता है.
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नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को मजबूर लोग: वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली बताते हैं कि उत्तराखंड में साक्षरता दर बेहतर है यानी पढ़े-लिखे लोग राज्य में निवास करते हैं और लोगों को यातायात को लेकर अपनी जिम्मेदारियां भी पता हैं, लेकिन कई बार कुछ लोग लापरवाही करते हैं तो कई बार प्रशासन और सरकार के स्तर पर व्यवस्थाओं के कारण भी लोगों को मजबूरी में नियमों का उल्लंघन करना पड़ता है. ऐसे मामले खास तौर पर नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को लेकर होते हैं.
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