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पेयजल किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण, जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध

विकासनगर के माक्कटी पोखरी गांव के ग्रामीण पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं. पेयजल विभाग नहीं ले रहा सुध.

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Published : Jun 8, 2021, 8:29 AM IST

drinking water
पेयजल किल्लत

विकासनगर: कालसी तहसील के अंतर्गत माक्टी पोखरी के ग्रामीण इन दिनों पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने जल संस्थान से पेयजल टैंकर लगाने और पेयजल लाइन ठीक करने की मांग की है.

पेयजल किल्लत से लोग परेशान.

ये भी पढ़ें: स्वच्छ पेयजल तक लाेगाें की पहुंच काेराेना से प्रभावित

बता दें कि कालसी तहसील के माक्टी पोखरी में वैसे तो पेयजल की दो-दो लाइनें बिछाई गई हैं. लेकिन दोनों लाइनों में हफ्ते में कभी-कभी पानी की सप्लाई होती है. ऐसे में ग्रामीणों को प्राकृतिक स्रोत से पानी लेने को विवश होना पड़ता है. इस बात से ग्रामीणों ने कई बार विभाग को अवगत करवाया, लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि दो-दो पेयजल लाइन होने के बाद भी ग्रामीणों को कई किलोमीटर चलकर प्राकृतिक स्रोत से पानी लाने को विवश होना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि चकराता-मसूरी मोटर मार्ग पर माक्टी पोखरी से 500 मीटर दूरी पर एक हैंडपंप लगा है. लोगों को विवश होकर हैंडपंप पर भी लाइन लगाकर पानी भरने को घंटों इंतजार करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: स्थानीय युवाओं ने की पेयजल टैंकों की सफाई, दिया स्वच्छता का संदेश

वहीं, ग्रामीण पूजा ने बताया कि माक्टी पोखरी में दो-दो पेयजल लाइनें बिछी हैं. एक सवाई डांडा से और दूसरी सीजला खड़ से बावजूद इसके पेयजल समस्या बनी हुई है. लेकिन संबंधित विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है. महिलाओं को रात को भी पानी ढोने को विवश होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग या तो पेयजल लाइनें ठीक करवाए या फिर टैंकर लगाए. जिससे यहां के ग्रामीण जनता को पेयजल समस्या से राहत मिल सकें.

विकासनगर: कालसी तहसील के अंतर्गत माक्टी पोखरी के ग्रामीण इन दिनों पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने जल संस्थान से पेयजल टैंकर लगाने और पेयजल लाइन ठीक करने की मांग की है.

पेयजल किल्लत से लोग परेशान.

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बता दें कि कालसी तहसील के माक्टी पोखरी में वैसे तो पेयजल की दो-दो लाइनें बिछाई गई हैं. लेकिन दोनों लाइनों में हफ्ते में कभी-कभी पानी की सप्लाई होती है. ऐसे में ग्रामीणों को प्राकृतिक स्रोत से पानी लेने को विवश होना पड़ता है. इस बात से ग्रामीणों ने कई बार विभाग को अवगत करवाया, लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि दो-दो पेयजल लाइन होने के बाद भी ग्रामीणों को कई किलोमीटर चलकर प्राकृतिक स्रोत से पानी लाने को विवश होना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि चकराता-मसूरी मोटर मार्ग पर माक्टी पोखरी से 500 मीटर दूरी पर एक हैंडपंप लगा है. लोगों को विवश होकर हैंडपंप पर भी लाइन लगाकर पानी भरने को घंटों इंतजार करना पड़ता है.

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वहीं, ग्रामीण पूजा ने बताया कि माक्टी पोखरी में दो-दो पेयजल लाइनें बिछी हैं. एक सवाई डांडा से और दूसरी सीजला खड़ से बावजूद इसके पेयजल समस्या बनी हुई है. लेकिन संबंधित विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है. महिलाओं को रात को भी पानी ढोने को विवश होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग या तो पेयजल लाइनें ठीक करवाए या फिर टैंकर लगाए. जिससे यहां के ग्रामीण जनता को पेयजल समस्या से राहत मिल सकें.

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