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विधायक दुष्कर्म मामला: पीड़िता ने उठाई CBI जांच की मांग, गृह सचिव को भेजा पत्र

विधायक महेश नेगी केस में पीड़िता ने सीबीआई से जांच की मांग को लेकर गृह सचिव पत्र लिखा है. पत्र ने पीड़िता ने विधायक पर जबरन शारीरिक शोषण करने के लगाए हैं.

Dehradun Crime News
देहरादून न्यूज
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Published : Sep 15, 2020, 7:52 PM IST

देहरादून: द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी से जुड़े दुष्कर्म मामले में अब पीड़िता ने सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर गृह सचिव नितेश झा को प्रार्थना पत्र दिया है. पीड़िता के अधिवक्ता एसपी सिंह का कहना है कि अगर गृह विभाग ने एक हफ्ते के अंदर सीबीआई जांच की मांग पर कोई संज्ञान नहीं लिया तो हाई कोर्ट का रूख किया जाएगा.

दुष्कर्म मामले में पीड़िता द्वारा उत्तराखंड गृह विभाग को भेजे गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि, दो साल पहले विधायक ने उसका अश्लील वीडियो बनाया था. उस क्लिपिंग के सहारे विधायक ब्लैकमेल कर उसके साथ दो साल से जबरन शारीरिक शोषण करता रहा. जब 18 मई 2020 को बेटी का जन्म हुआ, तब से इस मामले को दबाने के लिए विधायक पक्ष उसे रुपयों का प्रलोभन दे रहा था. जब बात नहीं बनी तो उसके खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया गया.

सीबीआई जांच प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि इस मामले में जब कोर्ट के आदेश के बाद विधायक के खिलाफ धारा 376 में दुष्कर्म के आरोप में जब से मुकदमा दर्ज हुआ, उसके बाद से विधायक लगातार राजनीतिक दबाव बनाकर जांच व गवाहों को जबरन प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए.

पढ़ें- उत्तराखंड में AAP का बढ़ रहा कुनबा, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव समेत कई ने ली सदस्यता

पीड़िता के वकील एसपी सिंह के मुताबिक, नियमानुसार किसी भी मामले की सीबीआई जांच के लिए पहले राज्य सरकार को प्रार्थना पत्र दिया जाता है. इस मामले पर भी प्रदेश सरकार के गृह विभाग को सीबीआई जांच का प्रार्थना पत्र दिया गया है. अगर गृह विभाग द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया जाता तो वह लोग नियमानुसार हाई कोर्ट से लेकर सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे.

देहरादून: द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी से जुड़े दुष्कर्म मामले में अब पीड़िता ने सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर गृह सचिव नितेश झा को प्रार्थना पत्र दिया है. पीड़िता के अधिवक्ता एसपी सिंह का कहना है कि अगर गृह विभाग ने एक हफ्ते के अंदर सीबीआई जांच की मांग पर कोई संज्ञान नहीं लिया तो हाई कोर्ट का रूख किया जाएगा.

दुष्कर्म मामले में पीड़िता द्वारा उत्तराखंड गृह विभाग को भेजे गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि, दो साल पहले विधायक ने उसका अश्लील वीडियो बनाया था. उस क्लिपिंग के सहारे विधायक ब्लैकमेल कर उसके साथ दो साल से जबरन शारीरिक शोषण करता रहा. जब 18 मई 2020 को बेटी का जन्म हुआ, तब से इस मामले को दबाने के लिए विधायक पक्ष उसे रुपयों का प्रलोभन दे रहा था. जब बात नहीं बनी तो उसके खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया गया.

सीबीआई जांच प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि इस मामले में जब कोर्ट के आदेश के बाद विधायक के खिलाफ धारा 376 में दुष्कर्म के आरोप में जब से मुकदमा दर्ज हुआ, उसके बाद से विधायक लगातार राजनीतिक दबाव बनाकर जांच व गवाहों को जबरन प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए.

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पीड़िता के वकील एसपी सिंह के मुताबिक, नियमानुसार किसी भी मामले की सीबीआई जांच के लिए पहले राज्य सरकार को प्रार्थना पत्र दिया जाता है. इस मामले पर भी प्रदेश सरकार के गृह विभाग को सीबीआई जांच का प्रार्थना पत्र दिया गया है. अगर गृह विभाग द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया जाता तो वह लोग नियमानुसार हाई कोर्ट से लेकर सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे.

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