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बैंक अधिकारी बन लोगों के पैसे से शॉपिंग कर रहे हैं शातिर, ऐसे रहें जागरूक

ध्यान दें कि कोई भी बैंक अपने उपभोक्ताओं को फोन पर न तो खाते से जुड़ी कोई जानकारी साझा करता है और न ही खाते से जुड़े किसी प्रकार के दस्तावेज मांगता है. इसीलिए बैंक उपभोक्ताओं को साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान लेना बेहद जरूरी है.

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Published : Dec 23, 2020, 12:19 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 1:57 PM IST

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बैंक अधिकारी बन लोगों के

देहरादून: इस आधुनिक युग में जितनी तेजी से हम डिजिटल की तरफ बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से प्राइवेसी भी खत्म होती जा रही है. जहां एक तरफ इंटरनेट के माध्यम से हर तरह की सुविधाएं घर बैठे उपलब्ध हो रही हैं, तो वहीं थोड़ी सी लापरवाही के चलते पल भर में अपनी जमा पूंजी भी गंवा सकते हैं. इन दिनों फर्जी बैंक कॉल के जरिए ठगी करना आम बात हो गई है. यह एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए शातिर चोर बैंक अधिकारी बन लोगों की जमा पूंजी पर अपना हाथ साफ कर देते हैं. जितनी तेजी से साइबर क्राइम डिपार्टमेंट अपने आप को हाईटेक कर रहा है. उतनी ही तेजी ये शातिर लोग ठगी के अपने तौर तरीके भी बदल रहे हैं.

बैंक अधिकारी बन लोगों के पैसे से शॉपिंग कर रहे हैं शातिर.

पिछले कुछ सालों में बैंक अधिकारी बन लोगों के खाते से पैसा उड़ाने के मामले तमाम सामने आए हैं. जिसके जरिए शातिर चोर बैंक अधिकारी बन लोगों से खाते संबंधित गोपनीय जानकारियां लेकर अब पैसा ट्रांसफर करने के बजाए ऑनलाइन शॉपिंग कर कर रहे हैं. जी हां, राजधानी देहरादून के हर्रावाला निवासी रमन सिंह (बदला हुआ नाम) के साथ कुछ ऐसा हुआ. साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इस मामले की जांच की. जांच में पता चला कि रमन के क्रेडिट कार्ड से 97,615 रुपए की दो अलग-अलग वेबसाइट Mobikik & Housing.com पर शॉपिंग की गई है.

जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से दोनों वेबसाइट से संपर्क किया. हालांकि, Housing.com पर की गई 17,675 रुपये की शॉपिंग को Housing.com ने निरस्त करते हुए रमन के खाते में यह पैसा भेज दिया. इसके साथ ही जब पुलिस अधिकारियों द्वारा Mobikik की वेबसाइट से संपर्क किया गया, तो वहां से पता चला कि शातिर ठग द्वारा Mobikik पर भेजे गए पैसे का इस्तेमाल पहले ही कर चुका था. वहीं, पुलिस अब आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है.

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एक फोन कॉल से हुआ खेल

देश-दुनिया में तेजी से फैल रही साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम देने के अनगिनत तरीके हैं. वर्तमान समय में अमूमन तौर पर तमाम लोगों के पास कभी ना कभी ऐसे फर्जी कॉल जरूर आए होंगे, जिसमें बैंक अधिकारी बन शातिर ठग, कभी डेबिट कार्ड बंद तो कभी क्रेडिट कार्ड को सक्रिय रखने जैसी बात कर डेबिट या क्रेडिट कार्ड की गोपनीय जानकारियों को लेकर बैंक खाते को खाली कर देते हैं. ऐसे में लोगों को चाहिए कि कभी भी फोन कॉल पर अपने डेबिट या क्रेडिट संबंधित गोपनीय जानकारियों को साझा ना करें, क्योंकि बैंक कभी भी खाताधारकों से डेबिट या क्रेडिट कार्ड से संबंधित को आपकी जानकारियां नहीं मांगता है.

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बैंक अफसर बन कर रहे ठगी

ये भी पढ़ें : साइबर ठगों ने शिक्षिका के खाते से उड़ाए लाखों रुपये

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. इस पर अपना शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक में माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

देहरादून: इस आधुनिक युग में जितनी तेजी से हम डिजिटल की तरफ बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से प्राइवेसी भी खत्म होती जा रही है. जहां एक तरफ इंटरनेट के माध्यम से हर तरह की सुविधाएं घर बैठे उपलब्ध हो रही हैं, तो वहीं थोड़ी सी लापरवाही के चलते पल भर में अपनी जमा पूंजी भी गंवा सकते हैं. इन दिनों फर्जी बैंक कॉल के जरिए ठगी करना आम बात हो गई है. यह एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए शातिर चोर बैंक अधिकारी बन लोगों की जमा पूंजी पर अपना हाथ साफ कर देते हैं. जितनी तेजी से साइबर क्राइम डिपार्टमेंट अपने आप को हाईटेक कर रहा है. उतनी ही तेजी ये शातिर लोग ठगी के अपने तौर तरीके भी बदल रहे हैं.

बैंक अधिकारी बन लोगों के पैसे से शॉपिंग कर रहे हैं शातिर.

पिछले कुछ सालों में बैंक अधिकारी बन लोगों के खाते से पैसा उड़ाने के मामले तमाम सामने आए हैं. जिसके जरिए शातिर चोर बैंक अधिकारी बन लोगों से खाते संबंधित गोपनीय जानकारियां लेकर अब पैसा ट्रांसफर करने के बजाए ऑनलाइन शॉपिंग कर कर रहे हैं. जी हां, राजधानी देहरादून के हर्रावाला निवासी रमन सिंह (बदला हुआ नाम) के साथ कुछ ऐसा हुआ. साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इस मामले की जांच की. जांच में पता चला कि रमन के क्रेडिट कार्ड से 97,615 रुपए की दो अलग-अलग वेबसाइट Mobikik & Housing.com पर शॉपिंग की गई है.

जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से दोनों वेबसाइट से संपर्क किया. हालांकि, Housing.com पर की गई 17,675 रुपये की शॉपिंग को Housing.com ने निरस्त करते हुए रमन के खाते में यह पैसा भेज दिया. इसके साथ ही जब पुलिस अधिकारियों द्वारा Mobikik की वेबसाइट से संपर्क किया गया, तो वहां से पता चला कि शातिर ठग द्वारा Mobikik पर भेजे गए पैसे का इस्तेमाल पहले ही कर चुका था. वहीं, पुलिस अब आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है.

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एक फोन कॉल से हुआ खेल

देश-दुनिया में तेजी से फैल रही साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम देने के अनगिनत तरीके हैं. वर्तमान समय में अमूमन तौर पर तमाम लोगों के पास कभी ना कभी ऐसे फर्जी कॉल जरूर आए होंगे, जिसमें बैंक अधिकारी बन शातिर ठग, कभी डेबिट कार्ड बंद तो कभी क्रेडिट कार्ड को सक्रिय रखने जैसी बात कर डेबिट या क्रेडिट कार्ड की गोपनीय जानकारियों को लेकर बैंक खाते को खाली कर देते हैं. ऐसे में लोगों को चाहिए कि कभी भी फोन कॉल पर अपने डेबिट या क्रेडिट संबंधित गोपनीय जानकारियों को साझा ना करें, क्योंकि बैंक कभी भी खाताधारकों से डेबिट या क्रेडिट कार्ड से संबंधित को आपकी जानकारियां नहीं मांगता है.

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बैंक अफसर बन कर रहे ठगी

ये भी पढ़ें : साइबर ठगों ने शिक्षिका के खाते से उड़ाए लाखों रुपये

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. इस पर अपना शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक में माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

Last Updated : Dec 23, 2020, 1:57 PM IST
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