देहरादून: उत्तराखंड में मानसून ने लोगों की मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं. बीते दो दिनों से प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है. वहीं, मौसम विभाग ने प्रदेश के 9 जिलों में बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की हैं. '
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मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को राज्य के नौ जिलों देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, चमोली के अलावा चंपावत, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़ और नैनीताल में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.
इसके साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग भी किसी भी परिस्थिति से निटपने के लिए मुस्तैद नजर आ रहा हैं. राजधानी देहरादून और मसूरी की बात कि जाए तो सुबह के समय यहां हल्के बादल छाए हुए थे. वहीं रविवार से ही कोटद्वार में बारिश का सिलसिला जारी है. वहीं बारिश की वजह से पनियाली गदेरा उफान पर है. जिस वजह से कई लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं.
पहाड़ों में आफत की बारिश
भारी बारिश के दौरान उत्तराखंड में चमोली जिले के घाट ब्लाक के मल्ला-कांडा गांव में दो मकान और एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि पीपलकोटी में गदेरे का मलबा सफाई कर्मचारियों के घरों में घुस गया. लोग रात को बारिश में ही सुरक्षित जगहों पर भागे और रतजगा करना पड़ा. सुबह हुई तो लोगों ने घर का मलबा साफ किया. मलबे से उनका सारा सामान बर्बाद हो गया.
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गौरीकुंड हाईवे रहा डेढ़ घंटे अवरुद्ध
रविवार शाम लगभग साढ़े तीन बजे रुद्रप्रयाग से 28 किमी दूर बांसवाड़ा में गौरीकुंड हाईवे पर पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे, जिससे यहां डेढ़ घंटे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई. लगभग एक घंटे बाद पत्थर गिरने बंद हुए. नेशनल हाईवे पर जेसीबी मशीनों द्वारा सड़क पर आए पत्थर को हटाया, जिसके बाद शाम पांच बजे आवाजाही सुचारू हो सकी. इस बीच हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही.