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पानी की मॉनिटरिंग करने वाला देश का पहला राज्य बन सकता है उत्तराखंड, जानिए कैसे

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभिन्न जल स्रोतों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम लाने की तैयारी में है. अगर शासन से स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम को मंजूरी मिलती है तो उत्तराखंड ऐसा प्रोग्राम लाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.

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देहरादून में बढ़ता जल प्रदूषण.
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Published : Feb 10, 2020, 5:59 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 7:31 PM IST

देहरादून: साल दर साल कम होते जंगल और बढ़ती आबादी के साथ ही प्रदेश में वायु प्रदूषण के साथ ही जल प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अब उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभिन्न जल स्रोतों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम लाने की तैयारी में है. इसे लेकर हाल ही में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अहम बैठक हुई थी, जिसमें इस प्रोग्राम के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी. अब इस प्रस्ताव को जल्द ही शासन को भेजा जाएगा.

देहरादून में बढ़ता जल प्रदूषण.

बता दें कि, अगर शासन से स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम को मंजूरी मिलती है तो उत्तराखंड ऐसा प्रोग्राम लाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. वर्तमान में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए जो वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम प्रदेश में चल रहा है वह सीपीसीबी ( सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड) द्वारा संचालित है. ऐसे में इसकी फंडिंग भी सीपीसीबी से ही की जाती है. लेकिन स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के संचालन में आने वाला पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

पढ़ें- औली में बर्फ के नीचे दबा मिला पर्यटक का शव, 26 जनवरी से था लापता

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी सुदर्शन पाल ने बताया कि वर्तमान में स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत प्रदेश के 50 अलग-अलग स्थानों में मौजूद जल स्रोतों को चिन्हित किया गया है. इसमें भूमिगत जल के साथ ही सरफेस वाटर और विभिन्न झील और नदियां शामिल हैं. इस खास प्रोजेक्ट के तहत इन सभी चिन्हित जल स्रोतों के पानी की गुणवत्ता की जांच की जाएगी.

देहरादून: साल दर साल कम होते जंगल और बढ़ती आबादी के साथ ही प्रदेश में वायु प्रदूषण के साथ ही जल प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अब उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभिन्न जल स्रोतों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम लाने की तैयारी में है. इसे लेकर हाल ही में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अहम बैठक हुई थी, जिसमें इस प्रोग्राम के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी. अब इस प्रस्ताव को जल्द ही शासन को भेजा जाएगा.

देहरादून में बढ़ता जल प्रदूषण.

बता दें कि, अगर शासन से स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम को मंजूरी मिलती है तो उत्तराखंड ऐसा प्रोग्राम लाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. वर्तमान में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए जो वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम प्रदेश में चल रहा है वह सीपीसीबी ( सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड) द्वारा संचालित है. ऐसे में इसकी फंडिंग भी सीपीसीबी से ही की जाती है. लेकिन स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के संचालन में आने वाला पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

पढ़ें- औली में बर्फ के नीचे दबा मिला पर्यटक का शव, 26 जनवरी से था लापता

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी सुदर्शन पाल ने बताया कि वर्तमान में स्टेट वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत प्रदेश के 50 अलग-अलग स्थानों में मौजूद जल स्रोतों को चिन्हित किया गया है. इसमें भूमिगत जल के साथ ही सरफेस वाटर और विभिन्न झील और नदियां शामिल हैं. इस खास प्रोजेक्ट के तहत इन सभी चिन्हित जल स्रोतों के पानी की गुणवत्ता की जांच की जाएगी.

Intro:special Report

देहरादून- साल दर साल कम होते जंगल और बढ़ती आबादी के साथ ही प्रदेश में वायु प्रदूषण के साथ ही जल प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है । ऐसे में प्रदेश में मौजूद विभिन्न जल स्रोतों की गुणवंता में सुधार लाने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब स्टेट वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम लाने की तैयारी में है ।

बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अहम बैठक में स्टेट वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के प्रस्ताव पर चर्चा की गई । जिसके बाद अब इस प्रस्ताव को जल्द ही शासन को भेजा जाएगा ।




Body:गौरतलब है कि यदि शासन से स्टेट वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम को मंजूरी मिलती है तो उत्तराखड़ पानी की गुणवंता में सुधार के लिए स्टेट वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम लाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते हुए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी सुदर्शन पाल ने बताया की वर्तमान में स्टेट वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत प्रदेश के 50 अलग-अलग स्थानों में मौजूद जल स्रोतों को चिन्हित किया गया है । इसमें भूमिगत जल के साथ ही सरफेस वाटर और विभिन्न झील और नदिया शामिल हैं । इस खास प्रोजेक्ट के तहत इन सभी चिन्हित जल स्रोतों के पानी की गुणवंता की जांच की जाएगी ।

गौरतलब है कि वर्तमान में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए जो वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम प्रदेश में चल रहा है वह सीपीसीबी ( सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड) द्वारा संचालित है । ऐसे में इसकी फंडिंग भी सीपीसीबी द्वारा ही की जाती है । लेकिन स्टेट वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के संचालन में आने वाला पूरा खर्च राज्य सरकार उठाऐगी।




Conclusion:
Last Updated : Feb 10, 2020, 7:31 PM IST
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