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2800 बस संचालकों को मिलेगी राहत, परिवहन विभाग ने सरकार को भेजा प्रस्ताव

उत्तराखंड सरकार प्रदेश में चलने वाली करीब 2,800 बस संचालकों को राहत देने की तैयारी कर रही है.

2800 बस संचालकों को राहत देने की तैयारी
2800 बस संचालकों को राहत देने की तैयारी
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Published : May 12, 2021, 4:24 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में चलने वाली करीब 2,800 बसों के संचालकों को राहत देने की तैयारी कर रही है. परिवहन विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. हालांकि, यह प्रस्ताव बस यूनियनों की मांग पर तैयार किया गया है. जिसपर सरकार की मंजूरी के बाद राज्यभर में स्टेज कैरिट परिमट वाली बसों के मालिकों को इसका फायदा मिलेगा. लेकिन इस प्रस्ताव में टैक्सी, मैक्सी, ऑटो और विक्रम को शामिल नहीं किया गया है.

बता दें कि कोरोना संकट के चलते सरकार ने सार्वजनिक वाहनों में यात्री क्षमता 50 फीसदी करने का आदेश दिया है. लेकिन किराया नहीं बढ़ाया गया है. कोविडकाल में पहले तो आधी क्षमता के साथ प्रदेश में सिटी बसों और अन्य स्टेट कैरिज बसों का संचालन किया जा रहा था. इसके बाद कोविड कर्फ्यू शुरू हुआ तो देहरादून में सिटी बसों का संचालन बंद हो गया. जिसके बाद से ही यूनियनों की ओर से परिवहन विभाग पर लगातार राहत देने का दबाव बनाया जा रहा है.

पढ़ें: टनकपुर में नो मेंस लैंड पर नेपाल की ओर से अतिक्रमण, भारत ने जताई आपत्ति

मिली जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग ने स्टेट कैरिज परमिट वाली बसों के लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत प्रत्येक बस मालिक को हर महीने 12 से लेकर 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद और छह महीने तक टैक्स से छूट की सिफारिश की गई है. क्योंकि एक बस का एक माह का टैक्स 2100 से 2200 रुपए के करीब होता है. हालांकि, अगर सरकार इस प्रस्ताव को मान लेती है तो उत्तराखंड के करीब 2800 बस मालिकों को इसका फायदा होगा.

वहीं, राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव सनत कुमार सिंह ने बताया कि निजी बस संचालकों ने छूट और आर्थिक मदद की मांग की है. जिसे देखते हुए इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है. लिहाजा इसका फैसला राज्य कैबिनेट लेगी. टैक्सी, मैक्सी, विक्रम और ऑटो बुकिंग पर चलते हैं, इन्हें 50% क्षमता से नुकसान नहीं है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में चलने वाली करीब 2,800 बसों के संचालकों को राहत देने की तैयारी कर रही है. परिवहन विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. हालांकि, यह प्रस्ताव बस यूनियनों की मांग पर तैयार किया गया है. जिसपर सरकार की मंजूरी के बाद राज्यभर में स्टेज कैरिट परिमट वाली बसों के मालिकों को इसका फायदा मिलेगा. लेकिन इस प्रस्ताव में टैक्सी, मैक्सी, ऑटो और विक्रम को शामिल नहीं किया गया है.

बता दें कि कोरोना संकट के चलते सरकार ने सार्वजनिक वाहनों में यात्री क्षमता 50 फीसदी करने का आदेश दिया है. लेकिन किराया नहीं बढ़ाया गया है. कोविडकाल में पहले तो आधी क्षमता के साथ प्रदेश में सिटी बसों और अन्य स्टेट कैरिज बसों का संचालन किया जा रहा था. इसके बाद कोविड कर्फ्यू शुरू हुआ तो देहरादून में सिटी बसों का संचालन बंद हो गया. जिसके बाद से ही यूनियनों की ओर से परिवहन विभाग पर लगातार राहत देने का दबाव बनाया जा रहा है.

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मिली जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग ने स्टेट कैरिज परमिट वाली बसों के लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत प्रत्येक बस मालिक को हर महीने 12 से लेकर 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद और छह महीने तक टैक्स से छूट की सिफारिश की गई है. क्योंकि एक बस का एक माह का टैक्स 2100 से 2200 रुपए के करीब होता है. हालांकि, अगर सरकार इस प्रस्ताव को मान लेती है तो उत्तराखंड के करीब 2800 बस मालिकों को इसका फायदा होगा.

वहीं, राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव सनत कुमार सिंह ने बताया कि निजी बस संचालकों ने छूट और आर्थिक मदद की मांग की है. जिसे देखते हुए इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है. लिहाजा इसका फैसला राज्य कैबिनेट लेगी. टैक्सी, मैक्सी, विक्रम और ऑटो बुकिंग पर चलते हैं, इन्हें 50% क्षमता से नुकसान नहीं है.

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