देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स) को बड़ी कामयाबी मिली है. उत्तराखंड एसटीएफ ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से तीन कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से साउथ में छिपकर बैठे हुए थे. तीन अपराधियों को पकड़ने के लिए उत्तराखंड एसटीएफ ने 15 दिन पहले मिशन साउथ इंडिया चलाया था. इन तीनों की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड एसटीएफ को काफी पापड़ बेलने पड़े.
उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक तीनों अपराधियों को पकड़ने गई टीम को पहला अपना भेष बदलना पड़ा. उत्तराखंड एसटीएफ की टीम को दिखाना पड़ा है कि वे तेलंगाना के स्थानीय निवासी हैं. इसके बाद टीम ने अपना जाल बिछाया और 50 हजार के इनामी बदमाश वसीम को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से गिरफ्तार किया है. जबकि, उसके भाई सलमान और साली रुबीना को राजेंद्रनगर (तेलंगाना) से अरेस्ट किया है.
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पहले पुलिस को दे दिया था चकमा: बता दें कि उत्तराखंड एसटीएफ को दिसंबर 2021 में भी वसीम के तेलंगाना में छुपे होने की सूचना मिली थी, तब उत्तराखंड एसटीएफ की एक टीम वसीम को गिरफ्तार करने तेलंगाना गई थी. लेकिन 21 दिसंबर 2021 को वसीम उत्तराखंड एसटीएफ को चकमा देकर फरार हो गया था. वसीम पुलिस की आंखों में मिर्ची झोंककर फरार हो गया था. तब से उत्तराखंड एसटीएफ वसीम, उसकी साली रुबीना और भाई सलमान की तलाश में जुटी हुई थी.
पुलिस पर किया था हमला: 21 दिसंबर 2021 को उत्तराखंड एसटीएफ को टिप मिली थी कि वसीम अपने भाई के साथ हैदराबाद के अट्टापुर इलाके में छिपा है. मुखबिर की सूचना के आधार पर एसटीएफ एवं गंगनहर थाने की संयुक्त टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 21 दिसंबर देर रात अट्टापुर में दबिश दी. दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के परिजनों और समर्थन में उतरी भीड़ ने उत्तराखंड एसटीएफ पर अचानक हमला कर दिया.
इस दौरान अचानक हुए हमले में धक्का-मुक्की और झड़प के दौरान भीड़ ने उत्तराखंड एसटीएफ के सदस्यों कॉन्स्टेबल चमन कुमार और हैदराबाद थाना राजेंद्र नगर के आरक्षी फैयाज की आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया. घटना के दौरान मुख्य अभियुक्त वसीम को भीड़ फरार कराने में कामयाब रही. पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में अपराधियों पर तेलंगाना के साइबराबाद के थाना राजेंद्रनगर में IPC की धारा 353, 323 में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. फिलहाल वसीम की पत्नी शमा परवीन देहरादून जेल में बंद है.
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एसटीएफ के सामने चुनौती: उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक उनकी टीम ने करीब 15 दिनों तक उस एरिया में भेष बदलकर घूम रहे थे, जहां उन्हें वसीम और उसके साथियों के होने की सूचना मिली थी. टीम के सदस्यों ने कई बार बुर्का पहनकर भी इलाके की रेकी की. इन तीनों अपराधियों को पकड़ा उत्तराखंड एसटीएफ के सामने बड़ी चुनौती थी. क्योंकि तीनों बदमाश लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे. इसके साथ ही उत्तराखंड एसटीएफ के सामने सबसे बड़ी मुश्किल भाषा की थी. उत्तराखंड एसटीएफ ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक की दूरी को सड़क मार्ग से पूरा किया.
2019 में ग्राम प्रधान की हत्या: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक, 20 दिसंबर 2019 को हरिद्वार के रुड़की स्थित गंगनहर थाने के अंतर्गत ग्राम प्रधान कमरे आलम की रुड़की कचहरी के पास शाम लगभग 5.30 बजे मोटर साइकिल सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. थाना गंगनहर रुड़की में IPC की धारा 302, 212, 201, 120बी में केस पंजीकृत हुआ था. इस हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, खालापार निवासी शातिर अपराधी वसीम और उसकी पत्नी शमा परवीन के ऊपर लगा था.