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STF ने 15 लाख की ठगी करने वाले दो साइबर ठगों को गुजरात से दबोचा - Uttarakhand STF action

उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून की महिला के बैंक खाते से 15 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो शातिर साइबर ठगों को गुजरात के पाटन जिले से गिरफ्तार किया है. पूछताछ में साइबर ठगों ने बताया कि वो लोगों के मोबाइल में लिंक भेजकर उनके खाते से मिनटों में पैसे गायब कर देते थे.

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देहरादून
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Published : Feb 5, 2022, 3:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून निवासी महिला से पंजाब नेशनल बैंक कस्टमर केयर के फर्जी अधिकारी बनकर 15 लाख की ठगी करने वाले दो आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की गिरफ्त में आए दोनों अभियुक्त गूगल सर्च इंजन के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाते थे.

बता दें, बीते दिनों देहरादून सहस्त्रधारा निवासी अंजू केन ने साइबर क्राइम पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि एक अज्ञात व्यक्ति ने पीएनबी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फोन किया. फोनकर्ता ने लिंकभेज कर उनके बैंक खाते से लगभग 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई थी. साइबर पुलिस ने केस की जांच करते हुए गुजरात के जनपद पाटन से गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

ऐसे करते हैं ठगी: पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि फर्जी कस्टमर केयर मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के जरिए से बैंक खाता धारकों से पहले संपर्क करते हैं, फिर अकाउंट से सम्बंधित विषयों पर मदद के जाल में फंसाकर फर्जी लिंक भेज कर अकाउंट से लाखों रुपए मिनटों में गायब कर देते थे.

इस दौरान एसटीएफ की टीम ने अभियुक्त ठाकुर शैलेश पुत्र चमन को गुजरात के पाटन जिले के रघुनाथपुर से गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे अभियुक्त को ठाकुर दायमाजी उर्फ दयाजी पुत्र बाबूजी को गुजरात के पाटन जिले के बडगाम के गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से कई मोबाइल फोन 4G सिम और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया गया है.

जालसाजी में दोनों अभियुक्तों की अलग-अलग भूमिका: पूछताछ में दोनों ने एसटीएफ को बताया कि एक सदस्य बैंक खाते खुलवाकर आगे अपने नेटवर्क के लोगों को भेजता था, जिसके एवज में वह प्रति सदस्य से ₹2000 लेता था और लोगों को OTP ट्रैक उसे आगे बताने के एवज में ₹500 से ₹1000 भी दूसरे गिरोह से लेता था. गिरोह का दूसरा अभियुक्त लोगों के खाते से उड़ाई गई रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कराता था और गैंग को अपना कमीशन काट उनको हिस्सा देता था.

पढ़ें- Uttarakhand Election: आचार संहिता के दौरान साढ़े 6 करोड़ की नशा सामग्री पकड़ी, कई जिला बदर

पूरे देश में फैला है नेटवर्क: देहरादून निवासी महिला के साथ धोखाधड़ी की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो पता चला कि यह साइबर गैंग गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में फैला है. गिरोह की धरपकड़ के लिए देहरादून साइबर क्राइम पुलिस और एसटीएफ की टीम गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और दिल्ली में कई जगहों पर दबिश दी.

उत्तराखंड पुलिस का हेल्पलाइन नंबर: उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून निवासी महिला से पंजाब नेशनल बैंक कस्टमर केयर के फर्जी अधिकारी बनकर 15 लाख की ठगी करने वाले दो आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की गिरफ्त में आए दोनों अभियुक्त गूगल सर्च इंजन के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाते थे.

बता दें, बीते दिनों देहरादून सहस्त्रधारा निवासी अंजू केन ने साइबर क्राइम पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि एक अज्ञात व्यक्ति ने पीएनबी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फोन किया. फोनकर्ता ने लिंकभेज कर उनके बैंक खाते से लगभग 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई थी. साइबर पुलिस ने केस की जांच करते हुए गुजरात के जनपद पाटन से गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

ऐसे करते हैं ठगी: पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि फर्जी कस्टमर केयर मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के जरिए से बैंक खाता धारकों से पहले संपर्क करते हैं, फिर अकाउंट से सम्बंधित विषयों पर मदद के जाल में फंसाकर फर्जी लिंक भेज कर अकाउंट से लाखों रुपए मिनटों में गायब कर देते थे.

इस दौरान एसटीएफ की टीम ने अभियुक्त ठाकुर शैलेश पुत्र चमन को गुजरात के पाटन जिले के रघुनाथपुर से गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे अभियुक्त को ठाकुर दायमाजी उर्फ दयाजी पुत्र बाबूजी को गुजरात के पाटन जिले के बडगाम के गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से कई मोबाइल फोन 4G सिम और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया गया है.

जालसाजी में दोनों अभियुक्तों की अलग-अलग भूमिका: पूछताछ में दोनों ने एसटीएफ को बताया कि एक सदस्य बैंक खाते खुलवाकर आगे अपने नेटवर्क के लोगों को भेजता था, जिसके एवज में वह प्रति सदस्य से ₹2000 लेता था और लोगों को OTP ट्रैक उसे आगे बताने के एवज में ₹500 से ₹1000 भी दूसरे गिरोह से लेता था. गिरोह का दूसरा अभियुक्त लोगों के खाते से उड़ाई गई रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कराता था और गैंग को अपना कमीशन काट उनको हिस्सा देता था.

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पूरे देश में फैला है नेटवर्क: देहरादून निवासी महिला के साथ धोखाधड़ी की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो पता चला कि यह साइबर गैंग गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में फैला है. गिरोह की धरपकड़ के लिए देहरादून साइबर क्राइम पुलिस और एसटीएफ की टीम गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और दिल्ली में कई जगहों पर दबिश दी.

उत्तराखंड पुलिस का हेल्पलाइन नंबर: उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

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