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दिल्ली में बैठकर उत्तराखंड के लोगों को लगा रहे थे चूना, ऐसे चढ़े STF के हत्थे - ठगी के मामले में तीन गिरफ्तार

आरोपियों ने कुछ दिनों पहले रुड़की के एक युवक को अपना शिकार बनाया था. पीड़ित ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत साइबर थाने में की थी. उसी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची और फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया.

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देहरादून
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Published : Dec 14, 2019, 6:03 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 6:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साइबर क्राइम टीम एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने इस मामले में दिल्ली के शाहदरा से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों एयरलाइंस और बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों युवाओं को लाखों रुपए का चूना लगा चुके है. इस गिरोह के खिलाफ बीते दिनों रुड़की निवासी एक युवक ने साइबर थाने में 45 हजार के रुपए के ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी.

STF के हत्थे चढ़े ठग.

पीड़ित ने तहरीर में पुलिस को बताया था कि आरोपियों ने एक निजी बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर उसके 45 हजार रुपए लिए थे. लेकिन बाद में उसकी नौकरी नहीं लगी. पीड़ित की शिकायत पर एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की. इसी बीच पुलिस को इनके बारे में जानकारी मिली है ये कॉल सेंटर दिल्ली के शाहदरा से संचालित हो रहा है.

पढ़ें- चट्टान टूटने से बदरीनाथ हाईवे आठ घंटे रहा बंद, कड़ाके की ठंड के बीच फंसे रहे यात्री

20 से 50 हजार रुपए की करते थे ठगी
एसटीएफ सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि ये तीनों दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे. आरोपी लड़कियों के जरिए बेरोजगार युवाओं को कराते थे और उन्हें बैंक, एयरलाइंस और मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब दिलाने के 20 से 50 हजार रुपए सर्विस चार्ज के नाम पर लेते थे. पैसे मंगाने के लिए इन्होंने कई बैंक अकाउंट खोल रखे थे. पैसे के आने के बाद उसे सिम को बंद कर दिया जाता था, जिससे लोगों को कॉल की जाती है.

पढ़ें- प्रेम नगर लूटकांड: 45 तोले सोने के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट में पैरवी के लिए वकील को दिया था आधा सोना

20 लाख से ज्यादा की कर चुके हैं ठगी
पुलिस को आरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र, आधार कार्ड, दर्जन भर मोबाइल, सिम कार्ड व एटीएम कार्ड बरामद हुए है. पुलिस के मुताबिक ये गिरोह अभी तक अलग-अलग लोगों से 20 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं. पुलिस ने बताया कि वोडाफोन कंपनी का एक कर्मचारी आरोपियों को फर्जी नंबर उपलब्ध कराता था. इसके अलावा आरोपी डाटा ऑनलाइन खरीदते थे.

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साइबर क्राइम टीम एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने इस मामले में दिल्ली के शाहदरा से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों एयरलाइंस और बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों युवाओं को लाखों रुपए का चूना लगा चुके है. इस गिरोह के खिलाफ बीते दिनों रुड़की निवासी एक युवक ने साइबर थाने में 45 हजार के रुपए के ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी.

STF के हत्थे चढ़े ठग.

पीड़ित ने तहरीर में पुलिस को बताया था कि आरोपियों ने एक निजी बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर उसके 45 हजार रुपए लिए थे. लेकिन बाद में उसकी नौकरी नहीं लगी. पीड़ित की शिकायत पर एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की. इसी बीच पुलिस को इनके बारे में जानकारी मिली है ये कॉल सेंटर दिल्ली के शाहदरा से संचालित हो रहा है.

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20 से 50 हजार रुपए की करते थे ठगी
एसटीएफ सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि ये तीनों दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे. आरोपी लड़कियों के जरिए बेरोजगार युवाओं को कराते थे और उन्हें बैंक, एयरलाइंस और मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब दिलाने के 20 से 50 हजार रुपए सर्विस चार्ज के नाम पर लेते थे. पैसे मंगाने के लिए इन्होंने कई बैंक अकाउंट खोल रखे थे. पैसे के आने के बाद उसे सिम को बंद कर दिया जाता था, जिससे लोगों को कॉल की जाती है.

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20 लाख से ज्यादा की कर चुके हैं ठगी
पुलिस को आरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र, आधार कार्ड, दर्जन भर मोबाइल, सिम कार्ड व एटीएम कार्ड बरामद हुए है. पुलिस के मुताबिक ये गिरोह अभी तक अलग-अलग लोगों से 20 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं. पुलिस ने बताया कि वोडाफोन कंपनी का एक कर्मचारी आरोपियों को फर्जी नंबर उपलब्ध कराता था. इसके अलावा आरोपी डाटा ऑनलाइन खरीदते थे.

Intro:pls- इस खबर से संबंधित विजुअल्स और बाईट live u 08 से भेजे गए हैं, फाइल नेम- fake call centre

summary-फ़र्जी कॉल सेंटर के ज़रिए एयरलाइंस और बैंक में नौकरी दिलाने वाले दिल्ली के गिरोह का पर्दाफाश,एसटीएफ दिल्ली से तीन अभियुक्तों को किया गिरफ्तार ...


उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ़) की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर तीन शातिर अभियुक्तों को दिल्ली के शाहदरा से गिरफ्तार किया है,जो एयरलाइंस को बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से लाखों रुपए की ठगी कर चुका है। साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों से फर्जी पहचान पत्र, आधार कार्ड,दर्जन भर मोबाइल व एटीएम कार्ड्स सहित भारी मात्रा में सिम कार्ड प्राप्त किए हैं। इतना ही नहीं साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक गिरोह के अलग-अलग बैंक अकाउंट से 20 लाख से अधिक की धनराशि भी ठगी के रूप में सामने आई है।





Body:बैंक एयरलाइंस मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर होती है ठगी

दिल्ली के शाहदरा इलाके से संचालित होने वाला यह फर्जी कॉल सेंटर बाकायदा अलग-अलग वर्ग के बेरोजगारों को झांसा देकर अपने कॉल सेंटर से लड़कियों द्वारा फोन करके एयरलाइंस,बैंक व मल्टीनेशनल जैसी बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हजार से लेकर 50 हजार तक वसूल कर धोखाधड़ी का शिकार बनाता था। फर्जी सेंटर के जरिए यह गिरोह नौकरी दिलाने के झांसे में ठगी के शिकार लोगों को सर्विस चार्ज के रूप में अलग-अलग बैंक अकाउंट का नंबर देकर उसमें सर्विस चार्ज के रूप में धनराशि जमा करवाता था। रुपए जमा होने के बाद कॉल सेंटर से जाने वाला फर्जी सिम कार्ड को बंद कर दिया जाता था ताकि ठगी का शिकार होने वाला व्यक्ति किसी भी तरह से वार्तालाप ना कर सके।

वोडाफ़ोन कंपनी का कर्मचारी कराता था गिरोह को फर्जी नंबर उपलब्ध कराकर सिम प्रीएक्टीवेटेड

नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली के शाहदरा से संचालित होने वाले इस फर्जी कॉल सेंटर में बाकायदा एक सदस्य वोडाफोन कंपनी का कर्मचारी है, जो गिरोह को फर्जी तरीके से मोबाइल नंबर उपलब्ध कराता था साथ ही उस फर्जी सिम को पहले से ही प्रीएक्टीवेटेड कराने के साथ ही ठगी के शिकार लोगों के विशेष डाटा के जरिए उपलब्ध कराता था।

बाईट- उमेश बुद्धिराजा, आरोपी





Conclusion:एसटीएफ क्षेत्राधिकारी अंकुश मिश्रा के मुताबिक नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले गिरोह से पूछताछ में जानकारी सामने आई कि, यह लोग जनता का डाटा ऑनलाइन खरीदते हैं फिर ठगने का खेल शुरू होता है। लोगों को ठगने के काम को सरल बनाने के लिए फर्जी कॉल सेंटर में महिला कर्मचारियों द्वारा बेरोजगारों को झांसी में फंसा कर फोन किया जाता है। गिरोह ग्राहकों का ऑनलाइन इंटरव्यू लेने के साथ ही अलग-अलग तरह से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर अच्छी खासी रकम हड़पने का काम करते हैं। साइबर क्राइम पुलिस अभी इस नेटवर्क के अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।

बाइट- अंकुश मिश्रा, क्षेत्राधिकारी एसटीएफ, साइबर क्राइम पुलिस
Last Updated : Dec 14, 2019, 6:39 PM IST
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