देहरादून: पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि गैंग के फरार शूटर पंकज को उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और देहरादून की क्लेमेंनटाउन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पंकज के पास से हथियार भी बरामद हुआ है. पंकज देहरादून के चंद्रबनी इलाके से पकड़ा गया है.
एसटीएफ के मुताबिक, पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि अंदर से ही अपना नेटवर्क चला रहा था. नरेंद्र वाल्मीकि जेल से ही अपने शूटर पंकज को आदेश देता और बाहर पंकज उन वारदातों को अंजाम देता था. बता दें कि बीते दिनों नरेंद्र वाल्मीकि ने जेल से ही पंकज को हरिद्वार के नवविवाहित जोड़े को जान से मारने के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी दी थी. हालांकि, एसटीएफ को पहले ही इसकी भनक लग गई थी और सर्तकता के कारण नरेंद्र वाल्मीकि के तीन शूटरों को वारदात से पहले ही पकड़ लिया गया था. एसटीएफ के शिकंजे में आए तीनों आरोपियों के नाम- नीरज पंडित (निवासी हरियाणा), सचिन (निवासी मुजफ्फरनगर) और अंकित (निवासी सहारनपुर) हैं. तीनों के खिलाफ पहले से गैंगस्टर में मामले दर्ज हैं.
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वहीं, एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि नरेंद्र वाल्मीकि ने जेल से ही हरिद्वार के नवविवाहित जोड़े को मारने की सुपारी ली थी. इनके साथ ही दो अन्य लोगों को भी मारने को कहा गया था. एसटीएफ ने पति-पत्नी की सुपारी देने वाले दो लोगों- राजकुमार और नीरज त्यागी को भी मंगलौर से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पंकज एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ रहा था. एसटीएफ काफी समय से पंकज की तलाश कर रही थी. पंकज ही नरेंद्र वाल्मीकि का मुख्य शूटर है और नरेंद्र वाल्मीकि के इशारे पर पंकज ही बाहर वारदातों को अंजाम देता था.
एसटीएफ ने बताया कि पंकज वाल्मीकि पर हत्या, जानलेवा हमला, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर समेत कई संगीन धाराओं में आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे यूपी और उत्तराखंड में दर्ज हैं. बीते दिनों पौड़ी जेल में बंद नरेंद्र वाल्मीकि गैंग से जब पूछताछ की गई तो गिरोह से जुड़े कई राज खुले थे. उसी आधार पर पुलिस वाल्मीकि गैंग के सदस्यों की धरपकड़ कर रही है. पंकज वाल्मीकि की गिरफ्तारी काफी अहम मानी जा रही है.
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एसटीएफ के मुताबिक, उन्हें नरेंद्र वाल्मीकि गैंग के कई और सदस्यों की भी तलाश है. पंकज से पूछताछ में कई अहम सुराग सामने आ सकते हैं. एसटीएफ ये जानकारी जुटाने में जुटी हुई है कि नरेंद्र वाल्मीकि का नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है और नरेंद्र वाल्मीकि के इशारे पर पंकज कहां-कहां वारदातों को अंजाम देता था.