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26 अरब की स्कीम बताकर करोड़ों ठगने वाले गिरोह का सरगना अरेस्ट, ऐसे फेंकता था जाल

सरकारी स्कीम और विदेशी कंपनी में निवेश करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से एक डेस्कटॉप, 2 हार्ड डिस्क, रसीद बुक और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट बरामद हुआ है.

haridwar thug gang leader arrested
करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार
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Published : Feb 1, 2022, 3:38 PM IST

देहरादून: विदेशी कंपनी का 26 अरब 18 करोड़ 40 लाख रुपए दिखाकर देशभर में सरकारी योजनाओं में निवेश का झांसा देने वाले गिरोह के सरगना को उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से एक डेस्कटॉप, 2 हार्ड डिस्क, रसीद बुक और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट बरामद हुआ है. वहीं, इस गिरोह के पांच सदस्यों को एसटीएफ ने फरवरी 2020 में यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था.

फर्जी संस्थाओं के नाम पर धोखा: सरकारी योजनाओं के नाम ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के सरगना कृष्णकांत पुत्र विनोद, निवासी बद्रीश कॉलोनी, बैरियर 6 थाना रानीपुर, जिला हरिद्वार को उत्तराखंड एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि गिरोह के सरगना ने CONG-DA-XIA हेल्थकेयर लिमिटेड, CONG-DA-XIA इंटरनेशनल लिमिटेड, CONG-DA-XIA इंटरनेशनल स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, इंटरनेशनल बुद्धिज्म फाउंडेशन, स्वर्ण भूमि इंटरनेशनल बुद्धिज्म फाउंडेशन के नाम से फर्जी संस्थायें खोल रखी थी.

ऐसे करते थे ठगी: अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि कृष्णकांत ने अपने 8 साथियों के साथ मिलकर साल 2020 में हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर क्षेत्र में इंटरनेशनल बुद्धिpdc फाउंडेशन नाम की कंपनी खोली थी, जिसमें वह लोगों को बैंक और सरकारी योजनाओं में लोन दिलाने के नाम पर फीस वसूलने का काम करते थे. साथ ही कन्याधन, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, बेरोजगार पेंशन, बच्चों की पढ़ाई का लोन, बेटी की शादी के नाम पर बैंक और सरकारी योजनाओं से लोन दिलाने के नाम पर अपनी कंपनी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए 300, 500, 600 रुपए की फीस की रसीद काटता था और यह झांसा देता था कि रजिस्ट्रेशन करने पर आपको 1 साल बाद 2 लाख रुपये का लोन पास हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: फौजी पिता की मेहनत की कमाई बेटे ने ऑनलाइन सट्टेबाजी में गंवाई, लगाया 17 लाख का चूना

मोटे ब्याज का झांसा देते थे: वहीं, फीस की रकम कम होने की वजह से काम न होने पर पीड़ित व्यक्ति शिकायत नहीं करते थे, लेकिन कई व्यक्तियों से फीस लेने से हमारे पास काफी धनराशि एकत्रित हो जाती थी. साथ ही साथ लोगों को एकमुश्त विदेशी कंपनी में निवेश करने पर 35 से 40 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज का लालच देते थे और उसके अगले साल कुल रकम पर 45 प्रतिशत ब्याज चुकाने का झांसा दिया जाता था. जिसकी एक FD बनाकर पीड़ित को दी जाती थी. आरोपी के बैंक विवरण के विश्लेषण में ज्ञात हुआ कि कई पीड़ितों ने 25 लाख रुपए का लेन-देन किया है.

ये लोग थे ठगी में शामिल: मामले में आरोपी और उसके साथियों द्वारा नकद और बैंक के मार्फत कितनी धनराशि ठगी गयी है, इसके बारे में पता किया जा रहा है. आरोपी व उसके साथियों के विरुद्ध पूर्व में उत्तर-प्रदेश के जनपद सहारनपुर में थाना नागल तथा सदर बाजार में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. जिसमें अभियुक्त कृष्णकान्त के साथ उसके अन्य 7 साथी अमित पुत्र प्रेमचंद निवासी मोहनपुर सहारनपुर, अक्षय पुत्र सुमेरचंद निवासी शेखपुरा कदीम सहारनपुर, अंकित कुमार पुत्र सत्यपाल निवासी बहादरपुरजट हरिद्वार, अनुज कुमार पुत्र वीर सिंह शेखपुरा कदीम सहारनपुर, जुरेश कुमार पुत्र पूरणचंद हासिमपुरा देवबंद सहारनपुर, राजू भाटिया पुत्र पल्टुराम हासिमपुरा देवबन्द सहारनपुर और शेरपाल चौहान निवासी हरिद्वार शामिल थे.

उत्तराखंड के हरिद्वार की कोतवाली गंगनहर में अभियोग पंजीकृत है. इसके गिरोह के अन्य सदस्य अभी जेल में हैं और गिरफ्तार किया गया अभियुक्त कृष्णकान्त पुत्र विनोद अभी जमानत पर है. लेकिन जमानत पर रहते हुए भी अभियुक्त कृष्णकान्त इस प्रकार की ठगी का काम फिर से शुरू कर दिया था.

देहरादून: विदेशी कंपनी का 26 अरब 18 करोड़ 40 लाख रुपए दिखाकर देशभर में सरकारी योजनाओं में निवेश का झांसा देने वाले गिरोह के सरगना को उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से एक डेस्कटॉप, 2 हार्ड डिस्क, रसीद बुक और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट बरामद हुआ है. वहीं, इस गिरोह के पांच सदस्यों को एसटीएफ ने फरवरी 2020 में यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था.

फर्जी संस्थाओं के नाम पर धोखा: सरकारी योजनाओं के नाम ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के सरगना कृष्णकांत पुत्र विनोद, निवासी बद्रीश कॉलोनी, बैरियर 6 थाना रानीपुर, जिला हरिद्वार को उत्तराखंड एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि गिरोह के सरगना ने CONG-DA-XIA हेल्थकेयर लिमिटेड, CONG-DA-XIA इंटरनेशनल लिमिटेड, CONG-DA-XIA इंटरनेशनल स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, इंटरनेशनल बुद्धिज्म फाउंडेशन, स्वर्ण भूमि इंटरनेशनल बुद्धिज्म फाउंडेशन के नाम से फर्जी संस्थायें खोल रखी थी.

ऐसे करते थे ठगी: अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि कृष्णकांत ने अपने 8 साथियों के साथ मिलकर साल 2020 में हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर क्षेत्र में इंटरनेशनल बुद्धिpdc फाउंडेशन नाम की कंपनी खोली थी, जिसमें वह लोगों को बैंक और सरकारी योजनाओं में लोन दिलाने के नाम पर फीस वसूलने का काम करते थे. साथ ही कन्याधन, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, बेरोजगार पेंशन, बच्चों की पढ़ाई का लोन, बेटी की शादी के नाम पर बैंक और सरकारी योजनाओं से लोन दिलाने के नाम पर अपनी कंपनी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए 300, 500, 600 रुपए की फीस की रसीद काटता था और यह झांसा देता था कि रजिस्ट्रेशन करने पर आपको 1 साल बाद 2 लाख रुपये का लोन पास हो जाएगा.

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मोटे ब्याज का झांसा देते थे: वहीं, फीस की रकम कम होने की वजह से काम न होने पर पीड़ित व्यक्ति शिकायत नहीं करते थे, लेकिन कई व्यक्तियों से फीस लेने से हमारे पास काफी धनराशि एकत्रित हो जाती थी. साथ ही साथ लोगों को एकमुश्त विदेशी कंपनी में निवेश करने पर 35 से 40 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज का लालच देते थे और उसके अगले साल कुल रकम पर 45 प्रतिशत ब्याज चुकाने का झांसा दिया जाता था. जिसकी एक FD बनाकर पीड़ित को दी जाती थी. आरोपी के बैंक विवरण के विश्लेषण में ज्ञात हुआ कि कई पीड़ितों ने 25 लाख रुपए का लेन-देन किया है.

ये लोग थे ठगी में शामिल: मामले में आरोपी और उसके साथियों द्वारा नकद और बैंक के मार्फत कितनी धनराशि ठगी गयी है, इसके बारे में पता किया जा रहा है. आरोपी व उसके साथियों के विरुद्ध पूर्व में उत्तर-प्रदेश के जनपद सहारनपुर में थाना नागल तथा सदर बाजार में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. जिसमें अभियुक्त कृष्णकान्त के साथ उसके अन्य 7 साथी अमित पुत्र प्रेमचंद निवासी मोहनपुर सहारनपुर, अक्षय पुत्र सुमेरचंद निवासी शेखपुरा कदीम सहारनपुर, अंकित कुमार पुत्र सत्यपाल निवासी बहादरपुरजट हरिद्वार, अनुज कुमार पुत्र वीर सिंह शेखपुरा कदीम सहारनपुर, जुरेश कुमार पुत्र पूरणचंद हासिमपुरा देवबंद सहारनपुर, राजू भाटिया पुत्र पल्टुराम हासिमपुरा देवबन्द सहारनपुर और शेरपाल चौहान निवासी हरिद्वार शामिल थे.

उत्तराखंड के हरिद्वार की कोतवाली गंगनहर में अभियोग पंजीकृत है. इसके गिरोह के अन्य सदस्य अभी जेल में हैं और गिरफ्तार किया गया अभियुक्त कृष्णकान्त पुत्र विनोद अभी जमानत पर है. लेकिन जमानत पर रहते हुए भी अभियुक्त कृष्णकान्त इस प्रकार की ठगी का काम फिर से शुरू कर दिया था.

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