देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper leak case) की कड़ियां जोड़ते हुए एसटीएफ ने उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को भी अरेस्ट कर लिया है. एसटीएफ पेपर लीक मामले में अभी तक 18 आरोपियों को अरेस्ट कर चुकी है. उत्तरकाशी का जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह लगातार एसटीएफ की रडार पर था, आरोपी हाकम सिंह रावत पहले विदेश फरार हो गया और अब हिमाचल भागने की फिराक में था. एसटीएफ ने हाकम सिंह को हिमाचल बॉर्डर पर देर रात अरेस्ट कर किया है.
एसटीएफ की पूछताछ में पता चला है कि हाकम सिंह पहले भी कई भर्तियों में धांधली कर चुका है, उत्तर प्रदेश के कुछ नकल माफियाओं के संपर्क में हाकम सिंह था. ऐसे में यूपी के भी कुछ लोग एसटीएफ की रडार पर हैं. वहीं, एसटीएफ का कहना है कि मामले में जल्द ही तीन से चार और हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं. एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पेपर लीक मामले की मेन कड़ी हाकम सिंह की गिरफ्तारी हुई है, आगे भी तीन से चार और गिरफ्तारियां भी संभव हैं.
बता दें कि 22 जुलाई को थाना रायपुर पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा की जा रही है. जिसमें स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा पूर्व में कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था. विवेचना के दौरान अहम सबूतों के आधार पर तनुज शर्मा को एसटीएफ टीम द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किया गया था. तनुज शर्मा से की गई पूछताछ एवं विवेचना के दौरान मिले अहम साक्ष्यों के आधार पर प्रश्न पत्र लीक कराने में मुख्य भूमिका हाकम सिंह रावत जिला पंचायत सदस्य जखोल की भूमिका समाने थी.
हिमाचल बॉर्डर से किया गिरफ्तार: वहीं, विवेचना के दौरान हाकम सिंह रावत की तलाश में कल एसटीएफ टीम रवाना हुई थी. इसी दौरान सूचना प्राप्त हुई थी कि हाकम सिंह रावत अपनी एक इनोवा से त्यूणी के रास्ते हिमाचल फरार हो रहा है. इसकी सूचना तुरंत बॉर्डर पर नाकेबंदी करवाई गई और स्थानीय पुलिस के माध्यम से त्यूणी आराकोट मार्ग पर रुकवा दिया गया, जिसे एसटीएफ टीम द्वारा अपने साथ पूछताछ के लिए देहरादून एसटीएफ कार्यालय लाया गया. पूछताछ करने के बाद साक्ष्यों के आधार पर आज गिरफ्तार किया गया है.
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प्रश्नपत्र लीक कराने में हाकम सिंह की अहम भूमिका: हाकम सिंह जिला पंचायत सदस्य द्वारा अपनी पूछताछ में बताया गया कि वह वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य जखोल और इससे पूर्व वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक ग्राम प्रधान लीवाड़ी रहा है. साल 2021 का स्नातक स्तरीय प्रश्न पत्र को लीक करवाने में इसकी अहम भूमिका थी. हाकम सिंह ने पूछताछ में उत्तर प्रदेश के रहने वाले कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी दी है और उत्तर प्रदेश के धामपुर शहर में ही उसने अपने कई कैंडिडेट को ले जाकर यह प्रश्न पत्र याद करवाया था.
अन्य आरोपियों की तलाश तेज: वहीं, गिरफ्तार अभियुक्त तनुज शर्मा के घर पर भी करीब 20 से 22 लड़कों को यह प्रश्न पत्र परीक्षा से एक रात पहले भी याद करवाया गया था और हाकम सिंह रावत ने 4 दिसंबर 2021 को कुछ छात्रों को दो वाहनों में लेकर धामपुर गया था. जिसमें गिरफ्तार अभियुक्त तनुज शर्मा भी था. हाकम सिंह रावत से पूछताछ में कुछ अन्य के नाम सामने आए हैं जिनकी तलाश के लिए टीमें रवाना कर दी गई है.
एसटीएफ ने छात्रों से की अपील: बहरहाल, एसटीएफ जहां एक ओर पेपर लीक मामले की कड़ियां जोड़ते हुए लगातार कार्रवाई कर रही है. वहीं, छात्रों से भी एसटीएफ ने अपील की है. एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ऐसे छात्र जिन्होंने अनुचित साधनों से ये परीक्षा पास की है, वो अभी भी आकर अपने बयान दर्ज कराये ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके. अजय सिंह ने कहा कि नकल करने वाले अधिकतर छात्रों की जानकारी एसटीएफ को मिल चुकी है. छात्र अगर अभी जांच में सहयोग नहीं करेंगे, तो भविष्य में ऐसे सभी छात्रों की गिरफ्तारियां की जाएंगी.