देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर मरीजों की जांच कर रही है. राज्य सरकार की तरफ से केंद्र को ऑनलाइन रैपिड टेस्ट किट की डिमांड भेज दी गयी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्वास्थ्य महानिदेशक ने इसका खुलासा किया है.
उत्तराखंड में कोरोना वायरस की तेजी से बढ़ते मामलों से सरकार चिंतित है. प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 40 हो गई है. लॉकडाउन के दूसरे चरण में सरकार का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को टेस्ट के जरिए सुरक्षित करना है. साथ ही हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सभी संदिग्ध लोगों की जांच भी करनी है. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के सामने रैपिड टेस्ट एकमात्र विकल्प है. जिसके जरिए बेहद तेजी से बड़े पैमाने पर लोगों के सैंपल की जांच की जा सकती है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने केंद्र को ऑनलाइन रैपिड टेस्ट किट की डिमांड भेज दी है.
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क्या होता है रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट
रैपिड टेस्ट इंसान के ब्लड में एंटीबॉडी की स्थिति को देखने का टेस्ट हैं. इसी टेस्ट के जरिए पता चलता है कि इंसान कोरोना वायरस का मरीज तो नहीं है. इस जांच के दौरान मरीज के खून सैंपल में खास लिक्विड को मिलाकर एंटीबॉडी की जांच होती है. खास बात यह है कि रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के जरिए इंसान में कोरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्ट महज 20 मिनट में ही सामने आ जाती है. जबकि सामान्य रूप से स्वैब टेस्ट के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्ट को आने में 8 से 10 घंटे लग जाते हैं.
एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट का फायदा
एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट बड़ी संख्या में लोगों की जांच के लिए बेहद फायदेमंद है. खासतौर पर हॉट स्पॉट क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों के सैंपल लेकर संदिग्धों की जांच की जा सकती है. एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करके स्थिति को सुधारा जा सकता है. दुनिया भर में कोरोना वायरस जांच में रैपिड टेस्ट किट का सहारा लिया जा रहा है.
उत्तराखंड में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की क्या जरूरत
उत्तराखंड में अब तक 40 कोरोना वायरस संक्रमित मरीज आ चुके हैं. हालांकि 9 मरीज ठीक घर जा चुके हैं. लगातार बढ़ रहे आंकड़े और क्वारंटाइन मरीजों की संख्या ने रैपिड टेस्ट की जरूरत को बढ़ा दिया है. फिलहाल हर रोज करीब 150 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं, जो नाकाफी है. अबतक 346 सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है. जिसकी वजह से सैंपल को जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. अस्पतालों में आइसोलेट किए गए संदिग्ध मरीजों की संख्या 450 पहुंच गई है. जबकि 62 हजार से ज्यादा लोग होम क्वॉरंटाइन किए गए हैं. प्रदेश में करीब 14 हॉट स्पॉट चयनित किए जा चुके हैं.