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उत्तराखंड: दीपावली से पहले रोडवेज कर्मियों की हड़ताल, 22 अक्टूबर से बसों का संचालन बंद

उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों ने साफ किया है यदि 22 अक्टूबर से पहले परिहवन निगम के अधिकारी उनकी मांगों पर विचार नहीं करते है तो वह हड़लात पर जाने के लिए मजबूर है.

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Published : Oct 17, 2019, 5:26 PM IST

देहरादून: त्योहारों के सीजन में उत्तराखडं परिवहन निगम के कर्मचारियों ने अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. दीपावली के ऐन पहले निगम के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. सितंबर माह का वेतन, दिवाली बोनस और पिछले 4 साल के ओवरटाइम का भुगतान न होने पर कर्मचारियों ने 22 अक्टूबर से प्रदेशभर में रोडवेज बसों का चक्का जाम कर कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है. ऐसे में अगर त्योहार के सीजन में यदि रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर जाते है तो इससे न सिर्फ निगम की भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, बल्कि आम यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

पढ़ें- अब नहीं दिखाई देते कुम्हार की चाक पर बने दीये, दम तोड़ रहा पारंपरिक रोजगार

उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार का कहना है कि उन्होंने साढ़े तीन हजार चालक और परिचालकों सहित अन्य कर्मियों का एक माह का बकाया वेतन और दीपावली बोनस सहित अन्य तरह के भुगतान की मांग रखी गई है. अगर जल्द ही इस पर परिवहन निगम कोई आश्वासन नहीं देता तो आगामी 22 अक्टूबर आधी रात 12 बजे से राज्य भर के मैदानी व पहाड़ी मार्गों पर चलने वाले बसों का संचालन पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा.

22 अक्टूबर से रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की चेतावनी से निगम के अधिकारियों की भी चिंताएं बढ़ गई है. यदि कर्मचारी यूनियन कार्य बहिष्कार पर गई तो रोडवेज बसों का करीब सत्तर फीसद संचालन प्रभावित हो सकता है. दरअसल, कर्मचारी यूनियन में सर्वाधिक चालक और परिचालक सदस्य है. संविदा और विशेष श्रेणी के चालक-परिचालकों पर ही मौजूदा समय में बसों का संचालन निर्भर है. अगर आंदोलन हुआ तो यात्रियों की मुसीबत भी तय है. क्योंकि, आजकल ट्रेनों का संचालन भी बंद है.

देहरादून: त्योहारों के सीजन में उत्तराखडं परिवहन निगम के कर्मचारियों ने अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. दीपावली के ऐन पहले निगम के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. सितंबर माह का वेतन, दिवाली बोनस और पिछले 4 साल के ओवरटाइम का भुगतान न होने पर कर्मचारियों ने 22 अक्टूबर से प्रदेशभर में रोडवेज बसों का चक्का जाम कर कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है. ऐसे में अगर त्योहार के सीजन में यदि रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर जाते है तो इससे न सिर्फ निगम की भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, बल्कि आम यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार का कहना है कि उन्होंने साढ़े तीन हजार चालक और परिचालकों सहित अन्य कर्मियों का एक माह का बकाया वेतन और दीपावली बोनस सहित अन्य तरह के भुगतान की मांग रखी गई है. अगर जल्द ही इस पर परिवहन निगम कोई आश्वासन नहीं देता तो आगामी 22 अक्टूबर आधी रात 12 बजे से राज्य भर के मैदानी व पहाड़ी मार्गों पर चलने वाले बसों का संचालन पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा.

22 अक्टूबर से रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की चेतावनी से निगम के अधिकारियों की भी चिंताएं बढ़ गई है. यदि कर्मचारी यूनियन कार्य बहिष्कार पर गई तो रोडवेज बसों का करीब सत्तर फीसद संचालन प्रभावित हो सकता है. दरअसल, कर्मचारी यूनियन में सर्वाधिक चालक और परिचालक सदस्य है. संविदा और विशेष श्रेणी के चालक-परिचालकों पर ही मौजूदा समय में बसों का संचालन निर्भर है. अगर आंदोलन हुआ तो यात्रियों की मुसीबत भी तय है. क्योंकि, आजकल ट्रेनों का संचालन भी बंद है.

Intro:summary-परिवहन निगम कर्मियों ने त्यौहारी सीजन में 22 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी, सितंबर माह का वेतन और दिवाली बोनस ना मिलने पर कार्यबहिष्कार का ऐलान.



जहां एक तरफ त्योहारी सीजन में उत्तराखंड परिवहन निगम यात्रा मार्गो पर कर्मचारियों को लगातार दीपावली के दौरान लगातार 11 दिन ड्यूटी करने पर नगद पुरस्कार देने की घोषणा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर निगम कर्मचारी सितंबर माह का वेतन व दीपावली बोनस सहित पिछले 4 साल का ओवरटाइम भुगतान ना मिलने के चलते 22 अक्टूबर से प्रदेशभर में रोडवेज बसों का चक्का जाम का कार्य बहिष्कार की चेतावनी दे रहा। ऐसे में त्योहारी सीजन में बसों के सुचारू संचालन को लेकर परिवहन निगम के सामने एक और नई मुसीबत सामने आ गई है।


Body:उधर इस मामले में उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार का कहना है कि,जब तक प्रदेशभर में कार्यरत साढ़े तीन हज़ार चालक परिचालकों सहित अन्य कर्मियों का एक माह के बकाया वेतन व दिवाली बोनस सहित अन्य तरह के भुगतान की मांग रखी गई है। अगर जल्द ही इसमें परिवहन निगम कोई आश्वासन नहीं देता तो आगामी 22 अक्टूबर आधी रात 12:00 बजे से राज्य भर के मैदानी व पहाड़ी मार्गो पर चलने वाले बसों का संचालन पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा।


Conclusion:उधर रोडवेज़ कर्मचारियों द्वारा 22 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार की चेतावनी को लेकर परिवहन निगम की चिंताएं बढ़ गई है। जहां एक तरफ निगम दिवाली सीजन में बसों के संचालन को सुचारू करने के लिए कर्मचारियों को लेकर लोक लुभावने योजना पर काम कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ हड़ताल के नाम पर एक नई मुसीबत सामने आ गई है। ऐसे में जहां एक तरफ यात्रियों के लिए आवाजाही में मुसीबत बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ त्योहारी सीजन में परिवहन विभाग को राजस्व के नाम पर एक बड़ा घाटा हो सकता।
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