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संसद में नरेश बंसल ने उठाया जबरन धर्मांतरण का मुद्दा, कहा- राष्ट्रीय कानून की जरूरत

उत्तराखंड से सांसद नरेश बंसल ने राज्यसभा में जबरन धर्मांतरण का मुद्दा उठाया. बंसल ने कहा कि जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए राष्ट्रीय कानून की जरूरत है. नरेश बसंल ने संसद में जबरन धर्मांतरण कानून का मुद्दा तब उठाया है जब उत्तराखंड सरकार इसको लेकर कठोर कानून बनाने जा रही है.

naresh bansal forced conversion
नरेश बंसल जबरन धर्मांतरण
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Published : Dec 20, 2022, 12:13 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 1:13 PM IST

नरेश बंसल ने उठाया जबरन धर्मांतरण का मुद्दा

नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने संसद में देश में जबरन धर्मांतरण का मुद्दा प्रमुखता से स्पेशल मेंशन में उठाया. बंसल ने कहा कि ये एक गंभीर मुद्दा है. मदद के लालच में इस तरह की हरकतें की जाती हैं. वर्तमान में देश में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है और इसलिए ऐसा कानून समय की मांग है.

सांसद नरेश बंसल ने उच्च सदन में कहा कि लालच, धोखा या बलपूर्वक किया जाने वाला धर्मांतरण खतरनाक और बहुत ही गंभीर मुद्दा है. यदि इस प्रकार का धर्मांतरण नहीं रोका गया, तो जटिल स्थिति पैदा हो सकती है. नरेश बंसल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही यह नागरिकों के धर्म और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के लिए खतरा बन सकता है. अगर इन पर रोक नहीं लगाई गई तो जल्दी ही भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे.

बंसल ने जोर देते हुए कहा कि, देश में काला जादू, अंधविश्वास, चमत्कार आदि के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं हर हफ्ते सामने आती हैं. एक भी जिला ऐसा नहीं है जो धोखाधड़ी व धमकी से हो रहे धर्मांतरण से मुक्त हो. धर्म की आजादी हो सकती है लेकिन जबरन धर्म परिवर्तन की कोई स्वतंत्रता नहीं है. आदिवासी बहुल इलाकों में ऐसे धर्मांतरण बहुतायत में होते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है और ये सब मदद के नाम पर होता है.

उन्होंने कहा कि, ये मुद्दा किसी एक जगह से जुड़ा नहीं है बल्कि पूरे देश की समस्या है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. फिलहाल देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन कई राज्यों में इसे लेकर कानून है. भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और भूटान में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून है.
ये भी पढ़ें: धर्मांतरण कानून बनने से संत समाज में खुशी की लहर, मुख्यमंत्री धामी को दी शुभकामनाएं

संसद में 3 बार धर्मांतरण कानून पास कराने की नाकाम कोशिश हो चुकी है. साल 2015 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष व वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर धर्मांतरण निरोधक कानून बनाने पर जोर दिया था. ये एक बेहद गंभीर मामला है. फिलहाल भारत देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, इसलिए देशव्यापी कानून बनाने के लिए आवश्यकता है.

नरेश बंसल ने उठाया जबरन धर्मांतरण का मुद्दा

नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने संसद में देश में जबरन धर्मांतरण का मुद्दा प्रमुखता से स्पेशल मेंशन में उठाया. बंसल ने कहा कि ये एक गंभीर मुद्दा है. मदद के लालच में इस तरह की हरकतें की जाती हैं. वर्तमान में देश में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है और इसलिए ऐसा कानून समय की मांग है.

सांसद नरेश बंसल ने उच्च सदन में कहा कि लालच, धोखा या बलपूर्वक किया जाने वाला धर्मांतरण खतरनाक और बहुत ही गंभीर मुद्दा है. यदि इस प्रकार का धर्मांतरण नहीं रोका गया, तो जटिल स्थिति पैदा हो सकती है. नरेश बंसल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही यह नागरिकों के धर्म और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के लिए खतरा बन सकता है. अगर इन पर रोक नहीं लगाई गई तो जल्दी ही भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे.

बंसल ने जोर देते हुए कहा कि, देश में काला जादू, अंधविश्वास, चमत्कार आदि के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं हर हफ्ते सामने आती हैं. एक भी जिला ऐसा नहीं है जो धोखाधड़ी व धमकी से हो रहे धर्मांतरण से मुक्त हो. धर्म की आजादी हो सकती है लेकिन जबरन धर्म परिवर्तन की कोई स्वतंत्रता नहीं है. आदिवासी बहुल इलाकों में ऐसे धर्मांतरण बहुतायत में होते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है और ये सब मदद के नाम पर होता है.

उन्होंने कहा कि, ये मुद्दा किसी एक जगह से जुड़ा नहीं है बल्कि पूरे देश की समस्या है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. फिलहाल देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन कई राज्यों में इसे लेकर कानून है. भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और भूटान में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून है.
ये भी पढ़ें: धर्मांतरण कानून बनने से संत समाज में खुशी की लहर, मुख्यमंत्री धामी को दी शुभकामनाएं

संसद में 3 बार धर्मांतरण कानून पास कराने की नाकाम कोशिश हो चुकी है. साल 2015 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष व वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर धर्मांतरण निरोधक कानून बनाने पर जोर दिया था. ये एक बेहद गंभीर मामला है. फिलहाल भारत देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, इसलिए देशव्यापी कानून बनाने के लिए आवश्यकता है.

Last Updated : Dec 20, 2022, 1:13 PM IST
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