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अपनी ही सरकार में बेबस मंत्री हरक सिंह, भांजे के लिए नहीं करा पाए वेंटिलेटर और बेड का इंतजाम - उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था

मंत्री हरक सिंह रावत सरकारी अस्पताल में अपने भांजे के लिए वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की व्यवस्था नहीं कर सके.

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भांजे के लिए हरक सिंह रावत नहीं करा सके वेंटिलेटर और बेड का इंतजाम
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Published : Apr 25, 2021, 5:26 PM IST

Updated : Apr 26, 2021, 1:33 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार में कद्दावर मंत्री हरक सिंह रावत भी कोरोना काल में सरकारी सिस्टम से लड़ते नजर आये. हरक सिंह रावत को अपनी ही सरकार में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में एक वेंटिलेटर और आईसीयू बेड तक नहीं मिल सका. जिससे प्रदेश में मौजूदा दौर में स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात और हकीकत की स्थिति स्पष्ट होती है. भले ही अधिकारी एसी दफ्तरों में बैठकर तमाम दावे कर लें, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही हैं. जिससे प्रदेश के माननीय भी नहीं बच पा रहे हैं.

दरअसल, वन मंत्री हरक सिंह रावत भी अपने परिजनों के लिए खुद प्रयास में जुटने के बावजूद भी आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं करवा पाए. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस बात की खुद तस्दीक की. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिजनों के लिए बेड की व्यवस्था करने की कोशिश की, खुद भी कई अस्पतालों में इसको लेकर बात की. मगर इन सबके बावजूद भी वे सरकारी अस्पताल में अपने भांजे के लिए वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की व्यवस्था नहीं कर सके.

अपनी ही सरकार में बेबस दिखे कैबिनेट मंत्री.

पढ़ें- उत्तराखंड के सरकारी दफ्तरों को 28 अप्रैल तक बंद करने का आदेश, पढ़िए कारण

बमुश्किल देर रात एक निजी अस्पताल में ये व्यवस्था हो सकी. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत के सवाल पर कहा कि वे इस बात को मानते हैं कि जिले में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी है. इसके लिए वे मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे. उन्होंने कहा सरकार मौजूदा हालातों में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

पढ़ें- सरकार जल्द करेगी सहकारी चीनी मिलों का भुगतान, राज्यमंत्री ने दिए संकेत

दावों की हकीकत कुछ और ही

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक के बाद एक बैठक कर रहे हैं. वे लगातार राज्य मे स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के आदेश दे रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ राजधानी देहरादून में भी अधिकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और बेड्स की उपलब्धता को पर्याप्त बता रहे हैं, मगर उनके लाख दावों के बावजूद भी जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार में कद्दावर मंत्री हरक सिंह रावत भी कोरोना काल में सरकारी सिस्टम से लड़ते नजर आये. हरक सिंह रावत को अपनी ही सरकार में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में एक वेंटिलेटर और आईसीयू बेड तक नहीं मिल सका. जिससे प्रदेश में मौजूदा दौर में स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात और हकीकत की स्थिति स्पष्ट होती है. भले ही अधिकारी एसी दफ्तरों में बैठकर तमाम दावे कर लें, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही हैं. जिससे प्रदेश के माननीय भी नहीं बच पा रहे हैं.

दरअसल, वन मंत्री हरक सिंह रावत भी अपने परिजनों के लिए खुद प्रयास में जुटने के बावजूद भी आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं करवा पाए. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस बात की खुद तस्दीक की. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिजनों के लिए बेड की व्यवस्था करने की कोशिश की, खुद भी कई अस्पतालों में इसको लेकर बात की. मगर इन सबके बावजूद भी वे सरकारी अस्पताल में अपने भांजे के लिए वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की व्यवस्था नहीं कर सके.

अपनी ही सरकार में बेबस दिखे कैबिनेट मंत्री.

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बमुश्किल देर रात एक निजी अस्पताल में ये व्यवस्था हो सकी. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत के सवाल पर कहा कि वे इस बात को मानते हैं कि जिले में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी है. इसके लिए वे मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे. उन्होंने कहा सरकार मौजूदा हालातों में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

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दावों की हकीकत कुछ और ही

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक के बाद एक बैठक कर रहे हैं. वे लगातार राज्य मे स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के आदेश दे रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ राजधानी देहरादून में भी अधिकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और बेड्स की उपलब्धता को पर्याप्त बता रहे हैं, मगर उनके लाख दावों के बावजूद भी जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

Last Updated : Apr 26, 2021, 1:33 PM IST
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