देहरादून: उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश (Uttarakhand Energy State) बनाने में UJVNL अबतक असफल साबित हुआ है. राज्य में 18 परियोजनाएं संचालित हैं, लेकिन अब भी जरूरत से आधा ही बिजली का उत्पादन हो पा रहा है. ऐसे में हाइड्रो प्रोजेक्ट्स (Uttarakhand Hydro Projects) के जरिए जरूरत पूरी न कर पाने वाला उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) अब सौर ऊर्जा की तरफ जाता दिख रहा है. यही कारण है कि यूजेवीएनएल ने प्रदेश में 150 MW की परियोजना पर काम करने का मन बनाया है.
हिमालयी राज्य उत्तराखंड में पहाड़ों से निकलने वाली जल धाराएं प्रदेश के लिए ऊर्जा का बड़ा जरिया हैं. माना जाता है कि प्रदेश इन जल धाराओं के जरिए हाइड्रो प्रोजेक्ट में इतनी ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है कि न केवल अपनी जरूरत बल्कि प्रदेश की आर्थिकी को भी इसी से ही चलाया जा सकता है. लेकिन प्रदेश की खराब आर्थिक हालात और पर्यावरण संबंधी आपत्तियों ने राज्य में हाइड्रो प्रोजेक्ट के भविष्य को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं. हालांकि राज्य में अब भी करीब 18 परियोजनाएं यूजेवीएनएल द्वारा संचालित की जा रही हैं, लेकिन एक के बाद एक शुरू की गई परियोजनाओं के बावजूद उत्तराखंड अपनी जरूरत के 50% तक की ही बिजली उत्पादन कर पा रहा है.