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उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने एमडीडीए को थमाया नोटिस, 4 हफ्तों में मांगा जवाब, जानिए मामला

उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने एमडीडीए को नोटिस जारी किया है. आयोग ने 4 हफ्तों के अंदर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. मामले के तहत आरोप है कि एसडीडीए घरेलू नक्शे कुछ शर्तों के साथ पास कर देता है. परंतु शर्तों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई नहीं करता है.

Uttarakhand Human Rights Commission
उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग
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Published : Apr 8, 2022, 10:25 PM IST

मसूरीः उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है. मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों का पालन ना करने के संबंध में 4 हफ्तों के भीतर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. सामाजिक कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल द्वारा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण पर आमजन के साथ अपने ही बने नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया गया है.

राकेश अग्रवाल ने कहा कि मसूरी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का व्यवसायिक निर्माण पर प्रतिबंध है. एसडीडीए घरेलू नक्शे कुछ शर्तों के साथ पास कर देता है. परंतु शर्तों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई नहीं करता है. इसके एवज में प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी बडे़ भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन दिनों मसूरी में बिना किसी रोक टोक के विभिन्न क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर निर्माण किया जा रहा है. परंतु प्राधिकरण के अधिकारी मात्र चालान काटकर इतिश्री कर रहे हैं.

प्राधिकरण के नियमों के मुताबिक, स्वीकृति मानचित्र के अनुसार मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से प्रमाण-पत्र लेना अनिवार्य है, अन्यथा स्वीकृति निरस्त कर दी जाती है. परंतु इसका भी प्राधिकरण पालन नहीं कर रहा है और घरेलू नक्शे पास कराकर लोगों द्वारा घरों को होटल और व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको लेकर लगातार शिकायत की जा रही है, जबकि 1996 से 2021 तक करीब 100 से 150 घरेलू नक्शे पास किए गए हैं. वहीं, एमडीडीए के नियम के मुताबिक, घरेलू मानचित्र पर व्यवसायिक होटल, लॉज आदि के रूप में प्रयोग करने पर भवन को सील किया जाता है. परंतु अभी तक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है.
ये भी पढ़ेंः रुड़की तहसील में कानूनगो को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, विजिलेंस टीम कर रही पूछताछ

उन्होंने आयोग से शिकायत कर प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों से जवाब तय करने के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है. इस पूरी शिकायत का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद शर्मा ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के सचिव को नोटिस देकर 4 हफ्तों के भीतर आख्या प्रस्तृत करने के निर्देश दिए हैं.

मसूरीः उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है. मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों का पालन ना करने के संबंध में 4 हफ्तों के भीतर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. सामाजिक कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल द्वारा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण पर आमजन के साथ अपने ही बने नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया गया है.

राकेश अग्रवाल ने कहा कि मसूरी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का व्यवसायिक निर्माण पर प्रतिबंध है. एसडीडीए घरेलू नक्शे कुछ शर्तों के साथ पास कर देता है. परंतु शर्तों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई नहीं करता है. इसके एवज में प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी बडे़ भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन दिनों मसूरी में बिना किसी रोक टोक के विभिन्न क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर निर्माण किया जा रहा है. परंतु प्राधिकरण के अधिकारी मात्र चालान काटकर इतिश्री कर रहे हैं.

प्राधिकरण के नियमों के मुताबिक, स्वीकृति मानचित्र के अनुसार मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से प्रमाण-पत्र लेना अनिवार्य है, अन्यथा स्वीकृति निरस्त कर दी जाती है. परंतु इसका भी प्राधिकरण पालन नहीं कर रहा है और घरेलू नक्शे पास कराकर लोगों द्वारा घरों को होटल और व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको लेकर लगातार शिकायत की जा रही है, जबकि 1996 से 2021 तक करीब 100 से 150 घरेलू नक्शे पास किए गए हैं. वहीं, एमडीडीए के नियम के मुताबिक, घरेलू मानचित्र पर व्यवसायिक होटल, लॉज आदि के रूप में प्रयोग करने पर भवन को सील किया जाता है. परंतु अभी तक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है.
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उन्होंने आयोग से शिकायत कर प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों से जवाब तय करने के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है. इस पूरी शिकायत का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद शर्मा ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के सचिव को नोटिस देकर 4 हफ्तों के भीतर आख्या प्रस्तृत करने के निर्देश दिए हैं.

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