देहरादून: तमाम मामलों को लेकर चर्चाओं में रहने वाला स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से चर्चाओं में है. दरअसल, करीब 6 महीने पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम एडमिनिस्ट्रेशन स्किल सीखने के लिए ताइवान दौरे पर गई थी. उस दौरान भी स्वास्थ्य विभाग पर तमाम सवाल खड़े हुए थे कि विदेश दौरे पर जाने से बेहतर वो केरल राज्य के एडमिनिस्ट्रेशन स्किल को सीखें. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा छह माह बीतने के बाद भी इस दौरे की रिपोर्ट जमा नहीं की गई है.
प्रदेश में तमाम विभाग विदेश के स्किल डेवलपमेंट को सीखने के लिए विदेश दौरे पर जाते रहते हैं. लेकिन वहां से सीखकर अधिकारियों ने प्रदेश में क्या स्किल डेवलप किया, इसका रिजल्ट देखने को नहीं मिलते हैं. वहीं तमाम मामलों को लेकर चर्चाओं में रहने वाला स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से चर्चाओं में है. दरअसल, डीजी समेत एक दर्जन स्वास्थ्य अधिकारियों के इस विदेश दौरे से स्वास्थ्य विभाग को कुछ भी हासिल नहीं हुआ, ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि करीब 6 महीने का वक्त बीत जाने के बाद भी इस दौरे की रिपोर्ट जमा नहीं की गई.
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कुल मिलाकर, करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद कुछ निष्कर्ष निकलकर सामने नहीं आया? ऐसे में एक बड़ा सवाल यही है क्या भविष्य में स्वास्थ्य विभाग, विदेश दौरे पर लगाम लगाएगी या फिर ऐसे ही सिलसिला चलता रहेगा? वहीं, स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने ताइवान दौरे पर गए अधिकारियों को नोटिस भेज कर तलब किया था. लेकिन अभी तक उसका कोई जवाब नहीं आया है. वहीं, इस मामले स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को बड़ा संदेश दिया है. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जो अधिकारी ताइवान दौरे पर गए थे, उनको निश्चित रूप से रिपोर्ट सौंपनी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि पूर्व में स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसर ताइवान दौरे पर गए थे. स्वास्थ्य विभाग के इन अफसरों ने नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी में एग्जीक्यूटिव लीडरशिप प्रोग्राम फॉर मिडल एंड सीनियर लेवल ऑफिशल्स प्रशिक्षण शिविर में भाग शिरकत की थी. विदेश दौरे के बाद 11 अफसरों ने वहां क्या सीखा वो बताने के लिए एक रिपोर्ट जमा करनी थी. लेकिन अब तक वो रिपोर्ट नहीं दी गई.