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केंद्रीय बजट को लेकर उत्तराखंड को है मोदी सरकार से ज्यादा उम्मीद

कोरोना संक्रमण के चलते देश के साथ-साथ उत्तराखंड में भी विभिन्न सेक्टर इससे खासे प्रभावित हुए हैं. इन हालातों में राज्य को आर्थिक रूप से केंद्रीय मदद की दरकार है. इस बीच केंद्रीय बजट आने से पहले राज्य सरकार प्रदेश की विभिन्न चुनौतियों और आर्थिक समस्याओं को प्रस्ताव के रूप में केंद्र को भेज चुकी है.

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मोदी सरकार से उम्मीदें
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Published : Jan 29, 2021, 12:22 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 2:15 PM IST

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार का बजट सत्र जल्द घोषित होने जा रहा है. उधर केंद्र सरकार के बजट पर भी राज्य की निगाहें बनी हुई हैं. कोविड-19 के इस दौर में राज्य को केंद्र के बजट से इस बार कुछ ज्यादा ही उम्मीद है. विपक्षी दलों के साथ ही राज्य सरकार ने भी केंद्र को तमाम प्रस्ताव भेजे हैं. उत्तराखंड को बजट से इस बार क्यों हैं ज्यादा उम्मीदें और किन सेक्टर्स में राज्य को बजट की है सबसे ज्यादा जरूरत है. देखिए रिपोर्ट.

उत्तराखंड को है मोदी सरकार से ज्यादा उम्मीद

केंद्र से आर्थिक मदद की दरकार

कोरोना संक्रमण के चलते देश के साथ-साथ उत्तराखंड में भी विभिन्न सेक्टर इससे खासा प्रभावित हुए हैं. इन हालातों में राज्य को आर्थिक रूप से केंद्रीय मदद की दरकार है. इस बीच केंद्रीय बजट आने से पहले राज्य सरकार प्रदेश की विभिन्न चुनौतियों और आर्थिक समस्याओं को प्रस्ताव के रूप में केंद्र को भेज चुकी है. राज्य सरकार ने आम लोगों से प्रदेश के बजट सत्र को लेकर सुझाव मांगे हैं. इसके लिए तैयारियां भी की जा रही हैं. दूसरी तरफ अधिकारियों ने केंद्रीय योजनाओं में बजट का ज्यादा प्रावधान, मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं और राज्य की जरूरतों के लिहाज से जरूरी विकास कार्यों को लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजा है.

ये भी पढ़ें: बीस सूत्रीय कार्यक्रम को लेकर अधिकारी नहीं गंभीर: गढ़िया

सीएम की प्राथमिकताओं पर फोकस

वित्त सचिव अमित नेगी बताते हैं कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं को विशेष रूप से फोकस किया गया है. साथ ही कोविड-19 की चुनौतियों को देखते हुए भी केंद्रीय योजनाओं को लेकर केंद्र के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. उधर राज्य सरकार अपने बजट के लिए लोगों से सुझाव लेकर उन पर भी विचार कर रही है. जबकि वित्त विभागों से उनकी जरूरतों के लिहाज से जरूरी बजट पर भी मंथन कर रहा है.

महाकुंभ के लिये बजट की जरूरत

उत्तराखंड में कोविड-19 एक बड़ी चुनौती के रूप में तो है ही, साथ ही प्रदेश में होने जा रहे महाकुंभ के आयोजन को लेकर भी राज्य को बजट की दरकार है. यही नहीं पर्यटन सेक्टर के उखड़ते पांव फिर एक बार स्थापित करने के लिए भी राज्य को एक बड़ा बजट चाहिए. प्रदेश में लौटे प्रवासी युवाओं को रोजगार की राह में प्रशस्त करने के लिए भी राज्य को अतिरिक्त बजट की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: महिला कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ किया प्रदर्शन, फूंका भाजपा सरकार का पुतला

रेल सेवाओं के लिये चाहिए पैसा

वहीं, विधानसभा चुनाव नजदीक है. लिहाजा, बड़ी योजनाओं को जरूरी रूप से पूरा करने के लिए अधिक बजट चाहिए. रेल सेक्टर में एक कदम आगे बढ़ाने के लिए रेल सेवाओं के विकास और पहाड़ों पर इसकी पहुंच के लिए भी केंद्र की तरफ राज्य निगाह बनाए हुए है.

प्रदेश बीजेपी भी आश्वस्त

प्रदेश भाजपा केंद्र में मोदी सरकार से राज्य को खास तवज्जो मिलने के लिए आश्वस्त दिखाई दे रही है. भाजपा नेताओं का मानना है कि राज्य सरकार के केंद्र को दिए गए प्रस्तावों को हरी झंडी जरूर मिलेगी. इसमें पर्यटन, पर्यावरण, कुंभ, रेलवे विस्तार, मेट्रो कार्य और केंद्रीय योजनाओं को पूरा करने के लिए मोदी सरकार का यह बजट बेहद अहम होगा. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत केंद्रीय मंत्रियों और वित्त मंत्री से भी संपर्क बनाकर इन मांगों को पूरा करवाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

हरीश रावत ने शुरू की थी रायशुमारी की परंपरा

बजट को लेकर विपक्ष की भी अपनी राय है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते हैं कि बजट पर जो परंपरा उनकी सरकार में शुरू हुई थी, उसी परंपरा को त्रिवेंद्र लोगों से रायशुमारी कर आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार की क्रेडिट लेने या छीनने की सोच प्रदेश के लिए अच्छी बात नहीं है. उधर कांग्रेस ने प्रदेश में मौजूदा हालातों को देखते हुए बेरोजगारी दर बढ़ने और पर्यटन की खराब स्थिति के चलते एक बड़े बजट की मांग की है. साथ ही गैरसैंण में राजधानी बनाने को लेकर कुल 50,000 करोड़ का विशेष पैकेज राज्य को दिए जाने की मांग की है.

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार का बजट सत्र जल्द घोषित होने जा रहा है. उधर केंद्र सरकार के बजट पर भी राज्य की निगाहें बनी हुई हैं. कोविड-19 के इस दौर में राज्य को केंद्र के बजट से इस बार कुछ ज्यादा ही उम्मीद है. विपक्षी दलों के साथ ही राज्य सरकार ने भी केंद्र को तमाम प्रस्ताव भेजे हैं. उत्तराखंड को बजट से इस बार क्यों हैं ज्यादा उम्मीदें और किन सेक्टर्स में राज्य को बजट की है सबसे ज्यादा जरूरत है. देखिए रिपोर्ट.

उत्तराखंड को है मोदी सरकार से ज्यादा उम्मीद

केंद्र से आर्थिक मदद की दरकार

कोरोना संक्रमण के चलते देश के साथ-साथ उत्तराखंड में भी विभिन्न सेक्टर इससे खासा प्रभावित हुए हैं. इन हालातों में राज्य को आर्थिक रूप से केंद्रीय मदद की दरकार है. इस बीच केंद्रीय बजट आने से पहले राज्य सरकार प्रदेश की विभिन्न चुनौतियों और आर्थिक समस्याओं को प्रस्ताव के रूप में केंद्र को भेज चुकी है. राज्य सरकार ने आम लोगों से प्रदेश के बजट सत्र को लेकर सुझाव मांगे हैं. इसके लिए तैयारियां भी की जा रही हैं. दूसरी तरफ अधिकारियों ने केंद्रीय योजनाओं में बजट का ज्यादा प्रावधान, मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं और राज्य की जरूरतों के लिहाज से जरूरी विकास कार्यों को लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजा है.

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सीएम की प्राथमिकताओं पर फोकस

वित्त सचिव अमित नेगी बताते हैं कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं को विशेष रूप से फोकस किया गया है. साथ ही कोविड-19 की चुनौतियों को देखते हुए भी केंद्रीय योजनाओं को लेकर केंद्र के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. उधर राज्य सरकार अपने बजट के लिए लोगों से सुझाव लेकर उन पर भी विचार कर रही है. जबकि वित्त विभागों से उनकी जरूरतों के लिहाज से जरूरी बजट पर भी मंथन कर रहा है.

महाकुंभ के लिये बजट की जरूरत

उत्तराखंड में कोविड-19 एक बड़ी चुनौती के रूप में तो है ही, साथ ही प्रदेश में होने जा रहे महाकुंभ के आयोजन को लेकर भी राज्य को बजट की दरकार है. यही नहीं पर्यटन सेक्टर के उखड़ते पांव फिर एक बार स्थापित करने के लिए भी राज्य को एक बड़ा बजट चाहिए. प्रदेश में लौटे प्रवासी युवाओं को रोजगार की राह में प्रशस्त करने के लिए भी राज्य को अतिरिक्त बजट की जरूरत है.

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रेल सेवाओं के लिये चाहिए पैसा

वहीं, विधानसभा चुनाव नजदीक है. लिहाजा, बड़ी योजनाओं को जरूरी रूप से पूरा करने के लिए अधिक बजट चाहिए. रेल सेक्टर में एक कदम आगे बढ़ाने के लिए रेल सेवाओं के विकास और पहाड़ों पर इसकी पहुंच के लिए भी केंद्र की तरफ राज्य निगाह बनाए हुए है.

प्रदेश बीजेपी भी आश्वस्त

प्रदेश भाजपा केंद्र में मोदी सरकार से राज्य को खास तवज्जो मिलने के लिए आश्वस्त दिखाई दे रही है. भाजपा नेताओं का मानना है कि राज्य सरकार के केंद्र को दिए गए प्रस्तावों को हरी झंडी जरूर मिलेगी. इसमें पर्यटन, पर्यावरण, कुंभ, रेलवे विस्तार, मेट्रो कार्य और केंद्रीय योजनाओं को पूरा करने के लिए मोदी सरकार का यह बजट बेहद अहम होगा. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत केंद्रीय मंत्रियों और वित्त मंत्री से भी संपर्क बनाकर इन मांगों को पूरा करवाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

हरीश रावत ने शुरू की थी रायशुमारी की परंपरा

बजट को लेकर विपक्ष की भी अपनी राय है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते हैं कि बजट पर जो परंपरा उनकी सरकार में शुरू हुई थी, उसी परंपरा को त्रिवेंद्र लोगों से रायशुमारी कर आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार की क्रेडिट लेने या छीनने की सोच प्रदेश के लिए अच्छी बात नहीं है. उधर कांग्रेस ने प्रदेश में मौजूदा हालातों को देखते हुए बेरोजगारी दर बढ़ने और पर्यटन की खराब स्थिति के चलते एक बड़े बजट की मांग की है. साथ ही गैरसैंण में राजधानी बनाने को लेकर कुल 50,000 करोड़ का विशेष पैकेज राज्य को दिए जाने की मांग की है.

Last Updated : Jan 29, 2021, 2:15 PM IST
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