ETV Bharat / state

चाय बागान के जमीनों को कब्जे में लेगी सरकार, HC के आदेश के बाद लिया फैसला

पिथौरागढ़ के बेरीनाग क्षेत्र के चाय बागानों में 292 व्यावसायिक और 1150 गैर व्यवसायिक भवन बनाए गए हैं. साथ ही चौकोड़ी क्षेत्र में 10 व्यवसायिक भवन, 405 गैर व्यवसायिक भवन निर्मित किए गए हैं. अब राज्य सरकार इन बागानों को अपने कब्जे में लेगी.

tea plantation
author img

By

Published : Jul 22, 2019, 11:00 PM IST

देहरादूनः हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिथौरागढ़ में स्थित चाय बागान की जमीनों को राज्य सरकार ने सरकार में निहित करने का निर्णय लिया है. हालांकि मौजूदा समय में इन चाय बागान की जमीनों पर 1857 भवन बने हुए हैं. जिसमें 302 व्यवसायिक और 1555 गैर व्यवसायिक भवन शामिल हैं. उधर, राज्य सरकार चाय बागान को कब्जे में लेने के बाद इन भवनों पर भी निर्णय ले सकती है.

पिथौरागढ़ के बेरीनाग और चौकोड़ी क्षेत्र की चाय बागान के जमीनों को कब्जे में लेगी राज्य सरकार.

बता दें कि ब्रिटिश शासन काल में पिथौरागढ़ के बेरीनाग और चौकोड़ी क्षेत्र के भूमि को चाय बागान के लिए दिया गया था. देश की आजादी के बाद जब सीलिंग एक्ट लागू हुआ तो उस दौरान भी इन जमीनों को चाय बागान के लिए ही रहने दिया गया, लेकिन जब से ये जमीन चाय की खेती के लिए ली गई है, तब से चाय बागान की भूमि पर चाय की खेती नहीं की गई है. इतना ही नहीं चाय बागान के मालिकों ने गैरकानूनी तरीके से लोगों को जमीनें बेच दी. जिस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से चाय की खेती ना होने पर तीन बार इसे निहित करने के निर्देश दिए.

ये भी पढे़ंः नेलांग घाटी की खूबसूरती पर इनरलाइन बना 'धब्बा', आरोहण हो तो पर्यटन को लगेगा 'पंख'

सीलिंग एक्ट के मुताबिक नहीं रख सकते 12.5 एकड़ से ज्यादा की जमीन
उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि सीलिंग एक्ट लागू होने के बाद भारत में कोई भी व्यक्ति 12.5 एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं रख सकता है. बावजूद इसके चाय बागान में चाय की खेती के लिए जमीन दी गई, लेकिन कई सालों से इन क्षेत्रों में चाय की खेती नहीं की गई. जो सीलिंग एक्ट का भी उल्लंघन है. साथ ही कहा कि किसी को भी चाय बागान की जमीन को बेचने का अधिकार नहीं है. ऐसे में चाय बागान के सभी जमीनों को सरकार में निहित करने का निर्णय लिया गया है.

चाय बागान के क्षेत्र में बने 1857 भवन
वहीं, सुबोध उनियाल ने बताया कि बेरीनाग में 196.88 हेक्टेयर जमीन, चौकोड़ी में 850.667 हेक्टेयर जमीन और झलतोला में करीब 496 हेक्टेयर जमीन चाय बागान के लिए दिया गया था. जिससे वहां पर चाय की खेती की जा सके, लेकिन चाय बागान के मालिकों ने धीरे-धीरे इन भूमि को बेचना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेरीनाग क्षेत्र में 292 व्यावसायिक और 1150 गैर व्यवसायिक भवन बनाए गए हैं. साथ ही चौकोड़ी क्षेत्र में 10 व्यवसायिक भवन, 405 गैर व्यवसायिक भवन निर्मित किए गए हैं.

देहरादूनः हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिथौरागढ़ में स्थित चाय बागान की जमीनों को राज्य सरकार ने सरकार में निहित करने का निर्णय लिया है. हालांकि मौजूदा समय में इन चाय बागान की जमीनों पर 1857 भवन बने हुए हैं. जिसमें 302 व्यवसायिक और 1555 गैर व्यवसायिक भवन शामिल हैं. उधर, राज्य सरकार चाय बागान को कब्जे में लेने के बाद इन भवनों पर भी निर्णय ले सकती है.

पिथौरागढ़ के बेरीनाग और चौकोड़ी क्षेत्र की चाय बागान के जमीनों को कब्जे में लेगी राज्य सरकार.

बता दें कि ब्रिटिश शासन काल में पिथौरागढ़ के बेरीनाग और चौकोड़ी क्षेत्र के भूमि को चाय बागान के लिए दिया गया था. देश की आजादी के बाद जब सीलिंग एक्ट लागू हुआ तो उस दौरान भी इन जमीनों को चाय बागान के लिए ही रहने दिया गया, लेकिन जब से ये जमीन चाय की खेती के लिए ली गई है, तब से चाय बागान की भूमि पर चाय की खेती नहीं की गई है. इतना ही नहीं चाय बागान के मालिकों ने गैरकानूनी तरीके से लोगों को जमीनें बेच दी. जिस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से चाय की खेती ना होने पर तीन बार इसे निहित करने के निर्देश दिए.

ये भी पढे़ंः नेलांग घाटी की खूबसूरती पर इनरलाइन बना 'धब्बा', आरोहण हो तो पर्यटन को लगेगा 'पंख'

सीलिंग एक्ट के मुताबिक नहीं रख सकते 12.5 एकड़ से ज्यादा की जमीन
उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि सीलिंग एक्ट लागू होने के बाद भारत में कोई भी व्यक्ति 12.5 एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं रख सकता है. बावजूद इसके चाय बागान में चाय की खेती के लिए जमीन दी गई, लेकिन कई सालों से इन क्षेत्रों में चाय की खेती नहीं की गई. जो सीलिंग एक्ट का भी उल्लंघन है. साथ ही कहा कि किसी को भी चाय बागान की जमीन को बेचने का अधिकार नहीं है. ऐसे में चाय बागान के सभी जमीनों को सरकार में निहित करने का निर्णय लिया गया है.

चाय बागान के क्षेत्र में बने 1857 भवन
वहीं, सुबोध उनियाल ने बताया कि बेरीनाग में 196.88 हेक्टेयर जमीन, चौकोड़ी में 850.667 हेक्टेयर जमीन और झलतोला में करीब 496 हेक्टेयर जमीन चाय बागान के लिए दिया गया था. जिससे वहां पर चाय की खेती की जा सके, लेकिन चाय बागान के मालिकों ने धीरे-धीरे इन भूमि को बेचना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेरीनाग क्षेत्र में 292 व्यावसायिक और 1150 गैर व्यवसायिक भवन बनाए गए हैं. साथ ही चौकोड़ी क्षेत्र में 10 व्यवसायिक भवन, 405 गैर व्यवसायिक भवन निर्मित किए गए हैं.

Intro:उत्तराखंड के जिला पिथौरागढ़ स्थित चाय बागान की जमीनों को राज्य सरकार में निहित करने के लिए बीते दिनों हाइकोर्ट ने आदेश दिए थे। जिसके बाद अब राज्य सरकार ने चाय बागान की जमीनों को सरकार में निहित करने का निर्णय ले लिया है। हालांकि वर्तमान समय में चाय बागान की जमीनों पर 1857 भवन बने हुए है। जिसमे 302 व्यवसायिक और 1555 गैर व्यवसायिक भवन शामिल है। राज्य सरकार चाय बागान को निहित करने के बाद अब भविष्य में इन भवनों पर भी निर्णय ले सकती है। 


Body:........ब्रिटिश काल मे बनायी गयी थी चायबागान.........

आपको बता दे कि ब्रिटिश काल के समय में उत्तराखंड के जिला पिथौरागढ़ के बेरीनाग और चौकोड़ी छेत्र के भूमि को चाय बागान के लिए दिया गया था। और देश की आजादी के बाद जब सीलिंग एक्ट लागू हुआ, तो उस दौरान भी इन जमीनों को चाय बागान के लिए ही रहने दिया गया था। लेकिन जब से यह जमीन चाय की खेती के लिए ली गई है, तब से चाय बागान के भूमि पर चाय की खेती नहीं की गई। और चाय बागान के मालिक ने तमाम लोगों को गैरकानूनी तौर से वहां की जमीनो को बेच भी दी गयी थी। और फिर चाय बागान के मालिक द्वारा हाईकोर्ट जाने की वजह से हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन बार निर्देश दिए कि जब इन जमीनों पर चाय की खेती नहीं हो रही है तो राज्य सरकार में निहित कर दिया जाए। 


........सीलिंग एक्ट के अनुसार नही रख सकते 12.5 एकड़ से ज्यादा जमीन........

वहीं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि आजादी के बाद जब सीलिंग एक्ट लागू हुई तो उसके अनुसार भारत में कोई भी व्यक्ति 12.5 एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं रख सकता है बावजूद इसके चाय बागान में चाय की खेती के लिए इतनी जमीन दी गई थी। लेकिन इतने वर्षों से इन क्षेत्रों में चाय की खेती ना होने की वजह से कहीं ना कहीं सीलिंग एक्ट का भी वायलेशन है और किसी को भी चाय बागान की जमीन को बेचने का अधिकार नहीं है इसलिए चाय बागान के सभी जमीनों को सरकार में निहित करने का निर्णय लिया गया है।


.........चायबागान के छेत्र में बने है 1857 भवन........

साथ ही उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने चाय बागान के जमीनों पर जानकारी देते हुए बताया कि बेरीनाग में 196.88 हेक्टेयर जमीन, चौकोड़ी में 850.667 हेक्टेयर जमीन और झलतोला में करीब 496 हेक्टेयर जमीन चाय बागान के लिए था। ताकि वहा चाय की खेती की जा सके। लेकिन चाय बागान के मालिक ने धीरे धीरे चाय बागान की जमीनों को बेचना शुरू कर दिया था और वर्तमान समय मे बेरीनाग क्षेत्र में 292 व्यावसायिक और 1150 गैर व्यवसायिक भवन इसके साथ ही चौकोड़ी क्षेत्र में 10 व्यवसायिक भवन 405 गैर व्यवसायिक भवन बने हुए हैं।

बाइट - सुबोध उनियाल, उद्यान मंत्री
बाइट - त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.