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हथकरघा दिवस पर बुनकरों को सौगात, 10 हजार परिवारों को मिलेगा हैंडलूम

हथकरघा दिवस पर मंत्री गणेश जोशी ने 10 हजार परिवारों को हैंडलूम दिए जाने की घोषणा की है.

हथकरघा दिवस पर बुनकरों को सौगात
हथकरघा दिवस पर बुनकरों को सौगात
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Published : Aug 7, 2021, 7:18 PM IST

देहरादून: देश में हथकरघा उद्योग (Handloom Industry) प्राचीन परंपरा के साथ लोगों को आजीविका से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. शनिवार को हथकरघा दिवस (Handloom Day) कार्यक्रम में मंत्री गणेश जोशी ने बुनकरों को सम्मानित किया. इस आयोजन में वर्ष 2019-20 के लिए चयनित बुनकर/ शिल्पी/ लघु उद्यमियों को राज्य स्तरीय हथकरघा, हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

वहीं, कार्यक्रम के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने 10 हजार बुनकर परिवारों को हैंडलूम दिए जाने की घोषणा की. साथ ही राज्य स्तरीय हथकरघा पुरस्कार धनराशि को बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में शासन को प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने को कहा है.

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर शनिवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में वेबिनार के माध्यम से हथकरघा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहन हेतु 'हिमाद्रि ब्रॉन्ड' के अन्तर्गत हिमाद्रि इम्पोरियम के माध्यम से राज्य के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों की मार्केटिंग का कार्य किया जा रहा है. सोशल मीडिया कैम्पेन के माध्यम से भी शिल्प उत्पादों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. शिल्प उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटिंग के उद्देश्य से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विपणन का कार्य किया जा रहा है.

पढ़ें: उत्तराखंड में 'आत्मनिर्भर' हो रहा हस्तशिल्प उद्योग, 'ऑनलाइन' से आसमान छू रही उम्मीदें

बुनकरों एवं शिल्पियों को मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से दून हाट (देहरादून), काशीपुर (ऊधमसिंहनगर), भीमतल्ला (चमोली) एवं विण (पिथौरागढ़) में रूरल हाट की स्थापना की गयी है. राज्य के बुनकर/शिल्पियों के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों पर जिला एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

राज्य के ऐसे शिल्पी जिनका शिल्प क्षेत्र में विशिष्ट योगदान है, उन्हें उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. राज्य के ऐसे शिल्पी जिनकी आयु 60 वर्ष व उससे अधिक है तथा जिनके द्वारा परम्परागत रूप से शिल्प क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है, उन्हें प्रोत्साहन एवं सम्मान दिये जाने के उद्देश्य से शिल्पियों हेतु पेंशन योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा रहा है.

देहरादून: देश में हथकरघा उद्योग (Handloom Industry) प्राचीन परंपरा के साथ लोगों को आजीविका से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. शनिवार को हथकरघा दिवस (Handloom Day) कार्यक्रम में मंत्री गणेश जोशी ने बुनकरों को सम्मानित किया. इस आयोजन में वर्ष 2019-20 के लिए चयनित बुनकर/ शिल्पी/ लघु उद्यमियों को राज्य स्तरीय हथकरघा, हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

वहीं, कार्यक्रम के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने 10 हजार बुनकर परिवारों को हैंडलूम दिए जाने की घोषणा की. साथ ही राज्य स्तरीय हथकरघा पुरस्कार धनराशि को बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में शासन को प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने को कहा है.

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर शनिवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में वेबिनार के माध्यम से हथकरघा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहन हेतु 'हिमाद्रि ब्रॉन्ड' के अन्तर्गत हिमाद्रि इम्पोरियम के माध्यम से राज्य के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों की मार्केटिंग का कार्य किया जा रहा है. सोशल मीडिया कैम्पेन के माध्यम से भी शिल्प उत्पादों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. शिल्प उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटिंग के उद्देश्य से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विपणन का कार्य किया जा रहा है.

पढ़ें: उत्तराखंड में 'आत्मनिर्भर' हो रहा हस्तशिल्प उद्योग, 'ऑनलाइन' से आसमान छू रही उम्मीदें

बुनकरों एवं शिल्पियों को मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से दून हाट (देहरादून), काशीपुर (ऊधमसिंहनगर), भीमतल्ला (चमोली) एवं विण (पिथौरागढ़) में रूरल हाट की स्थापना की गयी है. राज्य के बुनकर/शिल्पियों के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों पर जिला एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

राज्य के ऐसे शिल्पी जिनका शिल्प क्षेत्र में विशिष्ट योगदान है, उन्हें उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. राज्य के ऐसे शिल्पी जिनकी आयु 60 वर्ष व उससे अधिक है तथा जिनके द्वारा परम्परागत रूप से शिल्प क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है, उन्हें प्रोत्साहन एवं सम्मान दिये जाने के उद्देश्य से शिल्पियों हेतु पेंशन योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा रहा है.

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