देहरादून: जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावितों को धामी सरकार ने बड़ी राहत दी है. धामी सरकार ने जोशीमठ प्रभावितों के बिजली और पानी के बिल को माफ कर दिया है. सीएम धामी के निर्देश पर इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया हैं. जिसके अनुसार जोशीमठ आपदा प्रभावितों का 6 माह के लिए पानी और बिजली बिल माफ कर दिया गया है.
-
In the state cabinet meeting regarding Joshimath disaster, it was decided that the bills of the affected people would be waived for the next 6 months from November 2022. Orders have been issued in this regard today, on the instructions of CM Pushkar Singh Dhami: Uttarakhand CMO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">In the state cabinet meeting regarding Joshimath disaster, it was decided that the bills of the affected people would be waived for the next 6 months from November 2022. Orders have been issued in this regard today, on the instructions of CM Pushkar Singh Dhami: Uttarakhand CMO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 11, 2023In the state cabinet meeting regarding Joshimath disaster, it was decided that the bills of the affected people would be waived for the next 6 months from November 2022. Orders have been issued in this regard today, on the instructions of CM Pushkar Singh Dhami: Uttarakhand CMO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 11, 2023
गौरतलब है कि जोशीमठ आपदा को लेकर हुई कैबिनेट मीटिंग में इस बात का फैसला लिया गया था कि प्रभावित लोगों के नवंबर 2022 से अगले 6 महीने तक के लिए पानी और बिजली बिल माफ किए जाएंगे. आज इसको लेकर सीएम धामी के निर्देश पर आदेश जारी कर दिए गए हैं.
बता दें कि पिछले दिनों जोशीमठ भू-धंसाव की वजह से घरों और खेतों दरारें आ गईं हैं. इन घरों में दरारें समय के साथ बढ़ती ही जा रही थी, जिसकी वजह से यहां रहना लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं था. प्रशासन ने दरार वाले 863 घरों को चिन्हित किया है, जिसमें 181 घर असुरक्षित जोन में हैं. जोशीमठ में हुए भू-धंसाव से करीब 282 परिवारों के 927 लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें राहत शिविरों में रखा गया है.
ये भी पढ़ें: Joshimath Crisis: केदारनाथ की तर्ज पर क्या जोशीमठ में होगा पुनर्निर्माण?, जाने वैज्ञानिकों की राय
वहीं, कई आपदा प्रभावितों के लिए फेब्रिकेटेड शेल्टर बनाए जा रहे हैं. जोशीमठ में भू-धंसाव की वजह से सैंकडों परिवार को अपना आशियाना छोड़ना पड़ा. अब ये प्रभावित से विस्थापन, पुनर्वास और मुआवजा की मांग कर रहे हैं. वहीं, इस आपदा के पीछे स्थानीयों का मानना है कि एटीपीसी विद्युत परियोजना के तहत बनाई जा रही सुरंग है. जिसको लेकर स्थानीयों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है.
सरकार और प्रशासन ने जोशीमठ प्रभावितों को राहत शिविरों में ठहराया है. जहां उनके लिए हीटर, अलाव, कंबल और रजाई की व्यवस्था की गई है. वहीं सरकार का कहना है कि जोशीमठ में अब स्थिति सामान्य हो रही है. स्थिति पूर्णत: सामान्य होने के बाद जोशीमठ का पुनर्वास किया जाएगा.