देहरादूनः देशभर में पॉल्यूशन एक गंभीर समस्या बनता जा रही है. जिसको देखते हुए भारत सरकार ने वाहनों के स्क्रैप को लेकर पॉलिसी भी तैयार की है. इसके तहत सरकारी विभागों में लगी 15 साल से पुरानी सभी गाड़ियों को स्क्रैप किए जाने का निर्णय लिया गया है. इसे उत्तराखंड में लागू करने के लिए धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. राज्य के सभी विभागों में मौजूद 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के स्क्रैप किए जाने पर भारत सरकार, 50 करोड़ रुपए विशेष केंद्रीय सहायता देगी.
भारत सरकार की स्क्रैप पॉलिसी की तरह राज्य सरकार ने भी निजी वाहनों के स्क्रैप पर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है. इसके तहत निजी वाहनों के स्क्रैप पर नया वाहन खरीदने पर राज्य सरकार न सिर्फ टैक्स में छूट देगी. बल्कि पुरानी बकाया धनराशि को भी माफ करेगी. धामी मंत्रिमंडल की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार, जिन लोगों के निजी वाहन 15 साल पुराने हो गए हैं. ऐसे में अगर वो अपने वाहन को स्क्रैप कराते हैं और नया वाहन खरीदते हैं तो ऐसे निजी वाहन स्वामियों को नया वाहन खरीदने पर टैक्स में 25 फीसदी (प्राइवेट व्हीकल) की छूट (अधिकतम 50 हजार रुपए) दी जाएगी.
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कमर्शियल वाहनों पर 15 फीसदी की छूट: इसी क्रम में 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों के स्क्रैप पर नया वाहन लेने पर सरकार, सलाना टैक्स पर 15 फीसदी की छूट के साथ ही सभी पुराने बकाए को माफ करने का निर्णय लिया गया है. इस योजना के तहत सरकार को करीब 3.45 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि होने की संभावना है. जबकि ऐसे वाहनों के स्क्रैप होने के बाद नए वाहन खरीदने पर जीएसटी के रूप में करीब 95 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है.
भारत सरकार की ओर से शुरू की गई पूंजीगत निवेश के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत उत्तराखंड राज्य को केंद्र सरकार से 50 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी. हालांकि, पहले चरण में 25 करोड़ रुपए की धनराशि राज्य को प्राप्त होगी.