देहरादून: पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि के गैंग के 3 शूटर्स को मौका रहते देहरादून से गिरफ्तार कर स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हरिद्वार निवासी एक नवविवाहित जोड़े को बचा लिया है लेकिन अभी इस संवेदनशील मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारियां होनी बाकी है. 3 सुपारी किलर्स के साथ 2 अन्य लोगों को भी रुड़की के मंगलौर से गिरफ्त में लिया गया है, इन 2 लोगों ने नवविवाहित जोड़े की हत्या की सुपारी दी थी.
चार लोगों की तलाश में एसटीएफ: अब STF उस मीडिएटर की तलाश कर रही है जो सुपारी देने वाले परिवार के लोगों से एडवांस में 4 लाख रुपये लेकर गैंग सरगना तक पहुंचाना चाहता था. वहीं दूसरी तरफ वाल्मीकि गैंग के मुख्य शूटर पंकज की तलाश भी अभी बाकी है, जो न सिर्फ इस हत्याकांड को अंजाम देना चाहता था, बल्कि पंकज ही वाल्मीकि गैंग से जुड़े अन्य शूटर्स को अत्याधुनिक हथियार भी मुहैया कराता है. इन दोनों के साथ ही STF की एक टीम ऐसे दो अन्य शूटर्स की भी तलाश कर रही हैं जो वाल्मीकि गैंग द्वारा कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के लिए बाहर से हायर किए गये थे. यानी कुल मिला कर पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि के गैंग में अभी अलग-अलग 4 लोगों की गिरफ्तारी होनी बाकी है.
नवविवाहित जोड़ा पूर्ण रूप से सुरक्षित: वहीं, ईटीवी भारत को मिली विशेष जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार निवासी जिस नवविवाहिता जोड़े की हत्या की सुपारी ₹10 लाख में पौड़ी जेल में बंद वाल्मीकि गैंग को दी गई थी, उन दोनों को सुरक्षित अन्य राज्य में भेजा गया है जहां के संबंधित पुलिस अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए उनकी सुरक्षा संबंधी विषय को भी STF पुख्ता कर रही है.
नरेंद्र वाल्मीकि से पूछताछ में खुला था राज: बता दें कि इस मामले में बीते दिनों सटीक सूचना के आधार पर उत्तराखंड एसटीएफ ने पौड़ी जेल में छापेमारी की थी और जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि से कड़ी पूछताछ की थी. इस कार्रवाई के दौरान एसटीएफ को ये पूरी जानकारी मिली थी. हरिद्वार निवासी नवविवाहित जोड़े की हत्या की सुपारी के साथ ही ये भी पता चला था कि वाल्मीकि गैंग के शूटर्स को मंगलौर में एक किसान (प्रधान) और मुजफ्फरनगर में एक युवक को मौत के घाट उतारने का टास्क भी दिया गया था.
STF को जैसे ही 4 लोगों की हत्या की साजिश का पता चला, उसके बाद एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सबसे पहले गैंग के 3 शूटर्स को हथियारों सहित देहरादून के आशा रोड़ी चेक पोस्ट के पास से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया. हालांकि, इस कार्रवाई में गैंग का मुख्य सदस्य पंकज फरार हो गया. फिलहाल एसटीएफ उसकी धरपकड़ में जुटी है. उधर, इस कार्रवाई के 2 दिन बाद क्लेमेनटाउन पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में नवविवाहिता जोड़े की हत्या के लिए 10 लाख की सुपारी देने वाले लड़की परिवार के दो सदस्यों को भी रुड़की से गिरफ्तार किया गया.
मीडियेटर की तलाश तेज: ऐसे में अब एसटीएफ सुपारी देने वाले परिवार से एडवांस में 4 लाख रुपये लेने वाले मीडियेटर और दो अन्य बाहर के शूटर्स सहित वाल्मीकि गैंग के रुड़की निवासी मुख्य सदस्य पंकज की तलाश में जुटी है.
जेलों पर STF की कार्रवाई का असर पड़ेगा: उधर, राज्य की जेलों से संचालित होने वाली आपराधिक गतिविधियों को बेहद गंभीर मानते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा है कि जेलों के खिलाफ आने वाली संवेदनशील सूचनाओं के आधार पर ही स्पेशल टास्क फोर्स को इस कार्रवाई के लिए लगाया गया था. एसटीएफ ने अल्मोड़ा और पौड़ी जेल से संचालित होने वाले कुख्यात अपराधियों का एक और पर्दाफाश कर उनके बाहरी नेटवर्क पर शिकंजा कसा है.
डीजीपी के मुताबिक, STF की दोनों कार्रवाई से जेलों से संचालित होने वाले गंभीर मामलों पर कड़ी कार्रवाई का सही इंपैक्ट पड़ेगा. हालांकि, जेल प्रशासन अधिकारियों को भी बेहद सतर्क रहकर जेल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए गंभीरता से सोचना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को जेल से रोका जा सके.
जेल प्रशासन को दी गई है कड़ी हिदायत: उत्तराखंड की जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों द्वारा जेल में बैठकर धड़ल्ले से आपराधिक गतिविधियों का संचालन करना जेल प्रशासन की लचर कार्यशैली को उजागर करता है. बीते समय हरिद्वार रुड़की और हाल के दिनों में अल्मोड़ा के बाद पौड़ी जेल से संचालित होने वाले अपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश होते ही कारागार विभाग का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि कुख्यात अपराधी एक जेल से दूसरे जेल में ट्रांसफर करने के बावजूद वो लोग कैसे अपने नेटवर्क को जेल से संचालित करने में सफल हो रहे हैं, यह बड़ा सवाल है.
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी मानते हैं कि जेलों से चलने वाले अपराधिक नेटवर्क बेहद संवेदनशील मामला है. डीजीपी ने कहा कि अल्मोड़ा और पौड़ी जेल का प्रकरण सामने आने के बाद जेल प्रशासन अधिकारियों को इस मामले में सख़्ती बरत जेल व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं, बार-बार सजायाफ्ता अपराधियों द्वारा एक जेल से दूसरे जेल में इस तरह की संवेदनशील हरकत सामने आने के चलते उनके खिलाफ कोर्ट में कड़ी कानूनी पैरवी और संगीन किस्म के अपराधियों पर विशेष नजर बनाकर भविष्य में ऐसी दौरान आ जाए इसके लिए भी सख्त आदेश दिए गए हैं.