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उत्तराखंड में महंगी बिजली पर 'लाल' हुई कांग्रेस, इशारों-इशारों में सरकार को बता दिया 'डकैत'

Congress attack on expensive electricity यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में उत्तराखंड में बिजली के दरों में 23 से 27 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास हुआ है. कांग्रेस ने सरकार पर हमला करते हुए इसे जनता की जेब पर डाका डालना बताया है.

Electricity is expensive in Uttarakhand
उत्तराखंड में बिजली महंगी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 17, 2023, 5:23 PM IST

Updated : Dec 17, 2023, 5:36 PM IST

महंगी बिजली पर कांग्रेस ने सरकार को सुनाई खरी खोटी.

देहरादूनः ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड में अगले साल से बिजली महंगी होने जा रही है. उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की बोर्ड बैठक में बिजली की दरों में 23 से 27 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर सहमति बन चुकी है. इसके बाद उत्तराखंड कांग्रेस ने सरकार पर हमला करते हुए इस निर्णय को जनता की जेब पर डाका डालना बताया है.

कांग्रेस ने यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में लिए गए फैसले के जरिए सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई है. कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ने पहले से ही महंगाई की मार से त्रस्त जनता के ऊपर हर साल दो-दो बार बिजली के दाम बढ़ाकर अतिरिक्त आर्थिक भोज डाल रखा है. लेकिन इस बार तो हद ही हो गई. सरकार ने 27 फीसदी बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया है.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि उत्तराखंड दूसरे राज्यों को सस्ते दामों पर बिजली उपलब्ध करा रहा है. लेकिन अपने ही राज्य में डबल इंजन की सरकार सबसे महंगी बिजली उपभोक्ताओं को दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अब डबल इंजन की सरकार का ऐसा विकास नहीं चाहिए. जिससे जनता की जेब पर सरकार रात दिन डाका डालने का काम करे.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में सर्दियों में छूटेंगे पसीने, उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का लगेगा 'करंट', जानिए नए रेट

कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने ऊर्जा प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने के निर्णय को राज्य की जनता की महंगाई में कमर तोड़ना बताया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा के नेता, मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान मुफ्त बिजली की घोषणा करते हैं. लेकिन ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में 23 फीसदी बिजली के दामों में बढ़ोतरी का निर्णय इनकी मानसिकता को दर्शाता है.

नवीन जोशी ने कहा कि जिस प्रदेश में बिजली का उत्पादन होता हो और अन्य राज्य जहां से बिजली खरीद रहे हों. इसी प्रदेश से बिजली खरीद कर भाजपा नेता अन्य राज्यों में मुफ्त की बिजली बांटने की घोषणा करते हैं. लेकिन अपने ही प्रदेश के लोगों को मुफ्त की बिजली की जगह 23 फीसदी बिजली की दर बढ़ाने की बात कर रहे हैं. इससे अधिक पक्षपात और सौतेला व्यवहार राज्य के लोगों के साथ और क्या हो सकता है? उन्होंने सरकार से तत्काल इस निर्णय को वापस लेने की मांग उठाई है.

महंगी बिजली पर कांग्रेस ने सरकार को सुनाई खरी खोटी.

देहरादूनः ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड में अगले साल से बिजली महंगी होने जा रही है. उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की बोर्ड बैठक में बिजली की दरों में 23 से 27 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर सहमति बन चुकी है. इसके बाद उत्तराखंड कांग्रेस ने सरकार पर हमला करते हुए इस निर्णय को जनता की जेब पर डाका डालना बताया है.

कांग्रेस ने यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में लिए गए फैसले के जरिए सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई है. कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ने पहले से ही महंगाई की मार से त्रस्त जनता के ऊपर हर साल दो-दो बार बिजली के दाम बढ़ाकर अतिरिक्त आर्थिक भोज डाल रखा है. लेकिन इस बार तो हद ही हो गई. सरकार ने 27 फीसदी बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया है.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि उत्तराखंड दूसरे राज्यों को सस्ते दामों पर बिजली उपलब्ध करा रहा है. लेकिन अपने ही राज्य में डबल इंजन की सरकार सबसे महंगी बिजली उपभोक्ताओं को दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अब डबल इंजन की सरकार का ऐसा विकास नहीं चाहिए. जिससे जनता की जेब पर सरकार रात दिन डाका डालने का काम करे.
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कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने ऊर्जा प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने के निर्णय को राज्य की जनता की महंगाई में कमर तोड़ना बताया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा के नेता, मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान मुफ्त बिजली की घोषणा करते हैं. लेकिन ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में 23 फीसदी बिजली के दामों में बढ़ोतरी का निर्णय इनकी मानसिकता को दर्शाता है.

नवीन जोशी ने कहा कि जिस प्रदेश में बिजली का उत्पादन होता हो और अन्य राज्य जहां से बिजली खरीद रहे हों. इसी प्रदेश से बिजली खरीद कर भाजपा नेता अन्य राज्यों में मुफ्त की बिजली बांटने की घोषणा करते हैं. लेकिन अपने ही प्रदेश के लोगों को मुफ्त की बिजली की जगह 23 फीसदी बिजली की दर बढ़ाने की बात कर रहे हैं. इससे अधिक पक्षपात और सौतेला व्यवहार राज्य के लोगों के साथ और क्या हो सकता है? उन्होंने सरकार से तत्काल इस निर्णय को वापस लेने की मांग उठाई है.

Last Updated : Dec 17, 2023, 5:36 PM IST
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